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समाजवादी नेताओ के यहाँ शाही शादी

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
१९४७ के पहले देश में ५५० के आसपास शाही खानदान रियासतों में राज करते थे उनमे से बहुत की ऐय्याशी और राजशी आदतों की बहुत चर्चे थे और कही किताबे भी लिखी जा चुकी है.पटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह तो बहुत प्रसिद्ध थे.ज्यादातर राजे महाराजे जनता का पैसा अपने ऊपर आरामदायक और ऐय्याशी में खर्च करते थे परन्तु अंग्रेजो के कहने पर चलते कुछ नहीं होता था.आज़ादी के बाद सरदार पटेल जी ने इन सभी रियासतों को भारत में विलय कर दिया था परन्तु उनको कुछ धन राज्य से मिलता था जिसे प्रिवी पर्स (PRIVY PURSE ) कहते थे जिसे बाद में इंदिरा गंब्धि ने बंद करवा दिया था.इसके पीछे भवन थी की स्वतंत्र भारत में राजे महाराजो और ज़मींदारो की कोई जरूरत नहीं और जनता का राज्य है.लोहिअजी और जय प्रकाश नरेन जी समाजवादी नेता और इसी चिंतन और विचचार धरा के थे जो गरीब और अमीर में ज्यादा असमानता के खिलाफ थे और सादे जीवन में विश्वाश करते थे.मुलायम सिंह यादव और लालू यादव इनके अनुयायी थे और इनके नाम पर राजनीती करके सल्लो से नेता बने लेकिन नेता ये जनता की सेवा के नाम पर बने लेकिन इन्होने केवल अपनी और परिवार की सेवा करते रहे.कहने को तो समाजवादी परन्तु आदत से किसी रजा से कम नहीं.दोनो परिवारवाद को बढावा देते और दोनों ने अटूट सम्पती बनाई .लालू के बारे में तो कहा जाता की बिहार को जंगले राज में परिवर्तित कर दिया और खूब लूटा चारे घोटाले के मामले में जेल हो चुकी है और जमानत पर बहार है परन्तु बेशर्मी इतनी की चेहरे में कोई सिकन नहीं.जब बिहार का मुख्या मंत्री पास चोदना पर तो अपनी बीबी को बना दिया और रिमोट कण्ट्रोल से पूरा शाशन करते रहे.उनके राजशी रहन सहन से सब परचित है.उनके १२ लड़के लडकीयाँ है और सबकी शादी खूब धूम से की.एक की शादी में आया कर से नोटिस आया परन्तु केंद्रीय सरकार को समर्थन देने से कोई कार्यवाही नहीं हुयी.एक लड़के की हत्या का जिसका इनकी किसी लडकी के कारन मरवा देने का मामला था परन्तु सत्ता की हनक की वजह से कुछ नहीं हो सकता येही हमारे देश की ख़ूबसूरती है की असली रजा महाराजा ख़तम हो गए परन्तु जनता के सेवक बन का नए राजनेता के रूप में पैदा हो गए जो ज्यातर कानून से ऊपर रहते और जनता को लूटने में सेवा के नाम पर माहिर होते.इनके ऊपर मीडिया भी मेहरवान रहता क्योंकि उससे भी सेटिंग कर लेते.
दुसरे नेता है जिनका नाम मुलायम सिंह यादव (नेताजी) है जी हमेश केंद्र में सत्ता के साथ रह कर लूटने का लाइसेंस ले लेते है.इनके ऊपर से.बी.आई.ज्जंच बैठी केस अदालत गया परन्तु पिजरे के तोते पर दवाव की वजह से कुछ नहीं हुआ रुहब इतने की पिछले साल के लोक सभा के चुनाव में प्रदेश की ७० सीट्स में इनकी समाजवादी दल को केवल ५ सीते मिल्ली जो इनके परिवार के सद्यो ने जीती थी.इन्होने अपने गाँव सैफई को आधुनिक शहर में बदल दिया जहाँ हर साल एक सांस्कृतिक प्रोग्राम होता है जीमे देश भर के प्रसिद्ध करकार आते और करोडो रुपया खर्च होते परन्तु लोहिअजी के इस शिष्य पर कोई फर्क नहीं.इनके बड़े भाई के पोते जो लोक सभा का मैनपुरी से संसद है की शादी लालू यादव की सबसे चोटी लडकी से हुयी जिसका तिलक की रसम २१ फरबरी को सैफई में बहुत धूम धाम से हुयी जिसके लिए ५० खास स्विस तरह की रहने के जगह बनी गयी सबसे बढ़िया खाना बनाने वाले आये.एक लाख लोगो इ खाना खाया.पुरी सरकार लगी थी.उस तिलक उत्सव को देख कर पुराने राज घराने की याद ताजी हुयी जिसके बड़े में पड़ा गया था परन्तु अब सुना भी देखा गया और टीवी के द्वारा देखा भी गया.इसके पहले मुलायम सिंघजी का ७५ वां जन्मदिन शाही अंदाज़ में रामपुर में आज़म के घर मन था जीमे पंडाल में करोडो रुपये खर्च हुए ७५ फीट लम्बा केक बनया गया था.लन्दन से आयत(IMPORTED ) बग्घी में नेताजी बैठ कर आये थे बिलकुल राजसी तरह से कई हज़ार लोगो के खाने का इंतजाम था आज़म खान से सब इंतजाम किया इसके इनाम स्वरुप आज़म खान के जोहर उर्दू विश्विध्यालात्य के लिए सरकारी खज़ाना खुल गया.
कल २६ फरबरी को दिल्ली के अशोका होटल में इन दोनो की शादी हुयी थी जिसमे देश के महँ हस्तियाँ थी और जिस राजसी तरीके से ये शादी हई ह्या ये दुसरे तरह के राजवंश के उदय नहीं इसकी मीडिया में अखबार और टीवी में कोई आलोचना नहीं हुयी आखिर खान से इतना पैसा आये और कुआ हमारा आय कर विभाग सो रहा है.इसमें में भी कई हज्जार लोगो ने खाना खाया आखिर करोरो रुपया खर्च करना किस समाजवाद का सिद्धांत है?क्या ये देश लोकतंत्र के लिए कलंक नहीं उम्मीद है जल्दी इन नेताओं के विरुद्ध कार्यवाही होगी नहीं तो लूटने वालो के हौसले बदेगे.इन्ही मुलायम सिंह ने मनमोहन /सोनिया गाँधी सरकार को अविश्वासमत से बचाया गया था .आखिर कब तक ऐसे नेता जनता को लूट कर बेशर्मी से धन का प्रदर्शन करते खुले आम बचे रहेंगे.
इनके समारोह में राष्ट्रपति.प्रधानमंत्री और दुसरे नेता मौजूद थे क्या ये गलत काम का लाइसेंस है?

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