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अन्ना हजारे की विध्वंषक चाल

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
अन्ना हजारे ने यू.पी.ए.के घोटालो से चिंतित हो दिल्ली की राम लीला में एक आन्दोलन (india against corruption IAC )चलाया था जिसमे लोकपाल बिल बनाने की मांग की थी.ये अन्दोलन कई दिनों तक चला और पुरे देश में बहुत समर्थन मिला.अरविन्द केजरीवाल और कई लोगो ने इसमें सक्रिय भागीदारी की थी.संसद ने एक मसौदा लोकपाल बिल के लिए बनाया जिसके बाद आन्दोलन वापस ले लिया गया.कुछ लोगो ने अन्नाजी को राजनैतिक दल बनाने की सलाह दी परन्तु उन्होंने ने नहीं मन परन्तु उसी आन्दोलन के एक सक्रिय सदस्य अरविन्द केजरीवाल ने कुछ आन्दोलन के सडीसयो के साथ मिलकर एक राजनातिक दल बनाया जिसका नाम आम आदमी पार्टी (aap )रखा गया जिसको अन्नाजी ने समर्थन नहीं किया .बीजेपी शासित बहुत प्रदेशों ने लोकपाल बिल बनाया जिसमे उत्तराखंड सरकार की बीजेपी सरकार ने बनाया परन्तु कांग्रेस ने इसे कमजोर कर दिया.मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने इसे बना कर लागू किया और बहुत अच्छी तरह कार्य कर रहा है परन्तु अन्ना ने कभी तारीफ नहीं की और मोदी,बीजेपी को भ्रष्टाचारी कहते रहे जबकि कोई सबूत नहीं है.NDA की सरकार आने के बाद कोई बड़े घोटाले नहीं उजागर हुए और जासूसी मामले में बड़े लोग पकडे गए परन्तु अन्नाजी ने कभी तारीफ नहीं के और मोदी सरकार पर हमला करते रहे..विदेशी सरकारी देश को अस्थिर करने के लिए गैर सरकारी संस्थानों को बहुत सी आर्थिक मदद दे कर खड़े करते हैं .अन्नाजी के आन्दोलन में भी ऐसे बहुत से संस्थान (NGOS )थे.जो देश के लिए खतरनाक होते हैं
मोदीजी ने चुनाव विकास के नाम पर लड़ा था और इसी ध्येय को रख कर विकास में लगे हैं.गाँव में विकास के लिए सड़के,घर,कारखाने और दुसरे संस्थानों के लिए ज़मीन की जरूरत हुयी ईसी को देखते हुए एक “भूमि अधिकरण कानून”बनाया गया जो पिछली सरकार द्वारा पारित कानून में बदलाव करके बनाया गया था क्योंकि बहुत से प्रदेशों ने ऐसी इच्छा व्यक्त की थी.ये प्रदेशों की सरकार से परामर्श के बाद बनाया गया था इसे संसद में कुछ संसोधनो के साथ पारित किया था अब राज्य सभा में पारित के लिए रक्खा जायेगा.जैसा की अपेक्षित था विरोधी दल विरोध के लिए हल्ला मचा रहे हैं क्योंकि कोंग्रेस के पास हल्ला कने मचने के अलावा कोई मुद्दा नहीं और इसके लिए पुरे देश में रैल्र रोको और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.परन्तु एना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ एक मोर्च खोल दिया और दिल्ली में राम लीला मैदान में धरना भी दिया.और पुरे देश से इसके विरोध में आवाज़ उठाने को कहा.उनके दिल्ली के धरने में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्विधालय के विद्यार्थी थे जिनको इस कानून ने बारे में कुछ नहीं मालूम .अब अन्नाजी ने मोदीजी के खिलाफ खुला युद्ध छेड़ दिया कहते हैं की मोदी को हमसे विरोध है जबकि एना मोदी के विरोधी है.अब वर्धा (महादेश को कमज़ोर करने के लिए अन्नारास्त्र) से दिल्ली तक किसानो को भड़का कर पैदल मार्च करने की घोषणा की है.यहं तक कह दिया की यदि ये कानून राज्य सभा से पारित हो जाता तब भी इस का विरोध जारी रहेगा.इसके मने अन्ना को संसद,राज्य सभा के प्रति कोई आदर नहीं केवल अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए जनता चुनी सरकार को गिराने की कोशिश है.ऐसा लगता है की अन्ना देश में सबको चोर और बेकार का मानते केवल भगवन ने सब बुधि उनको ही दे दी है.यदि है तो चुनाव लड़ कर संसद में क्यों नहीं आते.हमेश अपनी तारीफ करते हैं.सब मसले आंदोलनों से नहीं हल होते क्योंकि भारतीयों को इस तरह के विरोध और धरने में मज़ा आता है.हमेश अपनी तारीफ करते रहते हैं.कोई कोशिश नहीं कियी सरकार से बात करने की जबकि प्रधान मंत्री कह चुके है की कोई चीज किशन विरोधी हो तो वे बदलने को तैयार है.अन्ना मोदी विरोधी है और मोदी के बारे में ऊटपटांग बात करते लोगो को भ्रमित करते है.ऐसा लगता कुछ विदेशी संघटन और ताकते देश को कमज़ोर करने के लिए अन्ना को आगे कर ये धरना वैगेरह करवा कर देश को कमज़ोर करना चाहते है.ये वे तकते हैं जिन्होने गुजरात दंगे में बहुत ज़हर उगला था और मोदी/बीजेपी/संघ के विरोधी है और जो मोदीजी को प्रधान मंत्री बन्ने पर बेचैन हैं और उनको असफल करना चाहते हैं.हम देशवाशियो को ऐसे देश विरोधी कार्यो का विरोध कर ऐसे नेताओ की कठोर सब्दो में निंदा करनी चाइये.

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