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टीम इंडिया के विजय रथ का अंत

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
बृहस्पतिवार (२६ मार्च) को सिडनी ऑस्ट्रेलिया में विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमी फाइनल मैच में भारत की ९५ रनों के हार के साथ जहाँ देशवाशियो को निराशा मिली वही पर इस कप में लगतार ११ जीत पर भी विराम लग गया.खेल में हार जीत लगी रहती है और इसे खेल भावना से लेना चैये परन्तु जिस तरह का रोष और खिडलियो के पुतले,अर्थी फोटो जला कर देश के कुछ भागो में प्रदर्शन किया गया ये विकृत मानसिकता को दर्शाता है.ये सच है की देश वाशी टीम की जीत चाहते थे परन्तु क्रिकेट अन्निचता का खेल है और हमें खेल भावना को लेते हुए हार को स्वीकार करना चाइये और अच्छे खेल के लिए ऑस्ट्रेलिया की तारीफ करनी चाइये.कोहली ने जिसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में २ महीने पहले ३ सतक लगाये थे और पाकिस्तान के खिलाफ भी बनाया था का आउट होने पर इतना गुस्सा नहीं होना चाइये.ये सच है की इस खेल का बहुत जुनून है और इसको धर्म की तरह लेते है परन्तु फिर भी इस तरह का वर्ताव शोभा नहीं देता.कुछ सोशल साइट्स में कोहली और उसकी महिला दोस्त के लिए जिस भाषा का स्तेमाल गली देने और अभद्रता के लिए किया गया वे निंदनीय है और असभ्यता को दर्शाता है.कुछ लोगो ने अपने टीवी सेट तोड़ दिए ये पागलपन है.एक आदमी का सदमे से,एक की फांसी लगाने से और एक की आग लगाने से मौत हो गयी.कुछ और ऐसे समाचार बाद में मिलेगे वही श्री नगर और कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में भारत की हार पर खुसी मनाई ,पटके छुटाए और भारत के विरुद्ध गंदे नारे लगाये जो शर्मदार है. .रैना के ससुराल में गाँव वाले बहुत निराश थे.ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं है और कुल ११८ मैचो में हमने ४० जीते और ६८ हारे जबकि १० में बेनतीजा जबकि सिडनी में १७ मैचो में हम केवल ४ जीते.इससे तरह अब तक के १० विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ४ बार जीता २ बार उपविजेता रहा जबकि भारत २ बार विजेता और १ बार उपविजेता रहा.और ६ बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा जबकि भारत ५ बार पहुंचा .धोनी की कप्तानी में भारत ने हर तरह की प्रत्तीयोगिता जीती.२००७ में टी.२०,२०११ विश्व कप और २०१४ में चैंपियनशिप ट्राफी जीती थी.
इस wc में भी ७ लगातार मैच जीतना, ७० विकेट लेना और अपनी कप्तानी में १००वी जीत दराज़ करना गर्व की बात है.जब टीम इंडिया ४ महीने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी तो उसके पास wc और बॉर्डर ट्राफी का खिताफ था परन्तु पहले टेस्ट हार कर और बाद में wc में हार कर दोनों खिताफ खो दिए.
इस हार का मुख्या कारण धोनी द्वारा टॉस हारना था फिर खराब गेंदबाजी के चलते बहुत बड़ा स्कोर ३२८ का ऑस्ट्रेलिया ने बना लिए.wc में sf में ३०० रन का स्कोर किसी ने नहीं बनाया.हमारे बल्लेबाजों ने शुरुहात अच्छी की परन्तु जल्दी में धवन के बाद कोहली और रैना का जल्दी आउट होना ही हमारी हार का मुख्या कारन था.हमारे गेंदबाज़ बहुत पिटे.हार को खेल भावना से लेकर देखना चैये और ऑस्ट्रेलिया को अच्छे खेल के लिए तारीफ़ करनी चाइये.ऑस्ट्रेलिया के स्मिथ जिसने टेस्ट मैच में ४ शतक बनाये थे इस मैच में भी शतक बना कर जीत की मज़बूत नीव रख दी.इस विश्व कप में उमेश यादव (१८)शम्मी (१७) विकेट ले कर और धवन ने ४१२ रन बना कर अच्छा प्रदर्शन किया.
एक बात और भारत ने २६ मार्च को ३ मैच खेला और तीनो हरा.हमारे टीवी चैंनलो ने लगातार इस बारे में चर्चा कर और टीम के जीत की उम्मीद बना कर देश्वशिओन के दिमाग में ऐसा विचार भडा जिससे हार पर इतनी निराशा हुई और अब हार के बाद हार का पोस्ट मार्टम कर रहे हैं.हमें इस तरह के व्यवहार से ऊपर उठ कर हार को भी हंसी खुसी लेने की आदत दल कर खेल भावना का प्रदर्शन करना चाइये

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