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जय श्री राम
कांग्रेस की संस्कृति में केवल नेहरु/गांधी परिवार के लिए ही जगह है और किसी नेता को महत्व नहीं दिया जाता.५ साल तक रहने वाले देश के प्रधान मंत्री रहे नरसिंह राव जिन्होंने देश की आर्थिक स्थित को इतना मजबूत किया की उसके बाद देश प्रगति के रस्ते पर चल पड़ा.परन्तु २३ दिसम्बर २००४ को उनकी मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को न तो कांग्रेस के दफ्तर में रखने की इज्ज़त दी नहीं अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं किया न ही कोई स्मारक बनने दिया.कांग्रेस के नेताओ ने कभी भी उनका नाम नहीं लिया.इसी तरह का व्यवहार पटेलजी के साथ किया गया जिन्हें भारत रत्न बहुत बाद में दिया गया था.१९९१ में जब राजीव गांधी की मद्रास में बम विस्फोट से हत्या हुयी और कांग्रेस के चुनाव में जीतने के बाद कुछ कांग्रेसियो ने सोनिया गाँधी का नाम उठाया तब राव साहिब ने कहा की जब पार्टी में बहुत नेता है तो केवल गाँधी फॅमिली से ही क्यों.बड़ी मुस्किल से उन्हें प्रधान मंत्री बनाया गया और १९९१-९६ तक प्रधान मंत्री रहे..जब हो प्रधान मंत्री बने देश के पास १५ दिन के लिए धन था और नेहरूजी के आर्थिक नीतिओ के कारण ऐसा हुआ.उन्होंने मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बना कर आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई इंस्पेक्टर राज ख़तम किया और प्राइवेट ल्प्गो को सरकारी कारखाने बेच दिए.विदेशी निर्वेश की सुविधा दी और आईटी SECTORसेक्टर में क्रांति लाये जिसके वजह से लोगो ने विदेश जाना छोड़ दिया और बहुत से विदेश से वापस आ गए और यहाँ इंडस्ट्रीज खोल कर देश की आर्थिक उत्थान में योगदान करने लगे.IMF से लोन लेने के लिए देश का ४७ टन सोना गिरमी रखना पड़ा जो देश के लिए शर्मनाक था.!.जो देश साप वालो और भूखा नंगा कहलाता था ५ साल में आर्थिक ताकत के रूप में खड़ा हो गया.
रावजी का जनम २८/६/१९ को हैदराबाद में हुआ था और उन्होंने निज़ाम की सेना के साथ गोरिल्ला युद्ध किया और स्वंतंत्र के दिन जंगल में थे,वे १३ भाषाएँ बोल लेते थे और बहुत विषय में योगिता रखते थे.उनको भूमि सुधर का कार्य दिया गया और उन्होंने अच्छी तरह कर के अपनी एस्टेट भी इसके लिए दे दी.थी.
जिस वक़्त उन्होंने पद ग्रहण किया पंजाब में आतंवाद चल रहा था, कश्मीर में अलगाववाद था.उन्होंने कडाई से पंजाब के आतंकवाद को ख़तम किया और चुनाव करवा दिए.! कश्मीर में घूसपैठियो को रोकने के लिए TADA लगाया राष्ट्र हित के लिए कांग्रेस की नीतिओ को छोड़ दिया उनको आधुनिक भारत का आर्किटेक्ट कहना सही उनके प्रति कृतज्ञता प्रगट करना है.
अब केंद्रीय सरकार ने मोदीजी के मार्गदर्शन में उनका एक स्मारक यमुना किनारे एकता स्थान में बनवाने का फिसला लिया है जो सराहनीय है साथ में उनके प्रति उनके किये कार्यो के प्रति देश का उनके प्रति क्र्ताग्य प्रगति करना है.उनका पूरा नाम था “परमुलअपरती वेंकटा नरशिमहा राव ”
उन्होंने लातूर में आये भूकम में बहुत अच्छा काम किया.उनके हटने के बाद उनपर झारखन मुक्ति मोर्च के सांसदों को घूस देकर बहुमत के लिए खरीदने का आरोप लगा जिसपर निचली अदालत से ३ साल की सजा हुयी परन्तु हाई कोर्ट ने बरी कर दिया.इस तरह इस महान प्रधान मंत्री अब इतिहास में याद रहेगा तथा स्मारक द्वारा जो लोग भूल गए याद करेंगे.मोदीजी को इसके लिए बहुत धन्यवाद.
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