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ईमानदार नेता का असली चेहरा

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
अन्नाजी के भ्रस्ताचार के खिलाफ आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अरविन्द केजरीवाल गुरूजी के सिद्धांत के विरुद्ध राजनीती में कूद गए और आम आदमी पार्टी बना कर देश में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए .उन्होंने घोषणा की देश की सब राजनैतिक दल भ्रष्टाचारी है, आतंरिक लोकतंत्र का अभाव है और हाई कमांड संस्कृति से ग्रस्त है.उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा की कांग्रेस के भ्रस्ताचार और हाई कमांड के खिलाफ चुनाव लड़ कर एक नहीं तरह की पारदर्शिता और आतंरिक लोकतंत्र वाला दल होगा जहां एक लोकपाल होगा जो सदस्यों के आचरण पर निगाह रक्खेगा.उन्होंने पहले दिल्ली में चुनाव लड़ा और सबको अचंभित करते २८ सीट्स जीत ली बीजेपी ने ३२ सीट्स के साथ सरकार बनाने से मन कर दिया तब केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बना ली जबकि उन्होंने बच्चो की कसम खा कर ऐसा करने से मना किया था,.इस बीच उन्होंने कही बार धरने दिए और मुख्या मंत्री पद की गरिमा गिराई.यान तक गणतंत्र के लिए भी अभद्र भाषा का प्रोयोग किया.जैसे ही लोकसभा चुनाव आने लगे लोकपाल का बहाना बना इस्तीफ़ा दे दिया और खुद बनारस से मोदीजी के खिलाफ चुनाव लड़ने चल पड़े और पुरे देश में ४०० से ज्यादा सीटो में बिना किसी तैयारी के चुनाव लड़ा परिणाम केवल ४ संसद पंजाब में जीते खुद बुरी तरह हारे और ज्यातर लोगो की जमानत जप्त हो गयी. पहले आरोप लगते रहे की बीजेपी उनके विधायको को खरीदने की कोशिश कर रही है जो बाद में आये स्टिंग ऑपरेशन से गालर साबित हुई .सच था अरविन्द कांग्रेस के विधायको को तोड़ कर अपने पक्ष में लेन की कोशिश में थे और उन्होंने कम्युनल कार्ड खेलते मुसलमानों के खिलाफ बहुत अपशब्द कहे.गडकरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर अदालत से उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
जब दिल्ली ,इ चुनाव की घोषणा हुई इनके दल ने मुफ्त बिजली,पानी,वाही फाही देने के साथ इतने वैदे किये जो पुरे नहीं हो सकते दुसरे मुफ्त की संस्कृति देश का विकास नहीं बर्बादी कर सकती.दिल्ली की गद्दी के लिए उन्होंने ७० में से ६७ सीट्स जीत कर एक रिकॉर्ड बनाया परन्तु इसने केजरीवाल का दिमाग ख़राब कर दिया और वे अपने आप को सबसे ऊंचा समझने लगे जो केजरीवाल कहे वही सही और जी लोगो ने उनके विरुद्ध अपने विचार रखे उनको दल से निकाल दिया जिन लोगो ने खून पसीने से पार्टी बनाई उनको निकाल दिया अब पुरे देश के लोग दल छोड़ रहे और कुछ सांसद और विधयक भी है.कई दिनों से ये मामला मीडिया में छाया रहा और बहुत से स्टिंग ऑपरेशन दिखाए गए जो केजरीवाल की असली मानसिता,चरित्र एंड कुर्सी के लिए किसी हद तक जाने की मानसिकता को प्रदर्शित करता है.केजरीवाल एक तानाशाह की तरह काम कर रहा इससे दिल्ली की जनता का नुक्सान होगा और जनता जो अच्छे दल की उम्मीद कर रही थी निराश है.स्टिंग ऑपरेशन ने कुर्सी के लिए विधायको को तोडना ,काले धन को सफ़ेद कर पार्टी के लिए चंदा इकट्टा करना,और मुसलमानों के लिए अभद्र भाषा इस्तेमाल करना और विदयको को बंधक बनाने के मामले सामने आये.कई मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की गयी.अपने आतंरिक लोकपाल को जो एक प्रतिष्ठ भारतीय और अफसर था निकाल दिया.अपने वरिष्ठ सदस्यों के लिए जिस तरह की गाली दी वो केजरीवाल का असली चरित्र उजागर करता है.अब उनकी लडाई जो भ्रष्टाचार के नाम से शुरू हुयी मोदी विरोध पर अटक गयी /उनके गुरु अन्नाहज़रे आज कर केंद्रीय सरकार के भूमि अधिकरण बिल के विरोध में किसानो को भड़काने में लगे हैं और उन्होंने रामलीला मैदान में एक धरना दिया जिसमे कहा गया की कोई राजनेता नहीं आयेंगे परन्तु केजरीवाल के अलावा कई नेता स्टेज में थे.अन्नाजी केजरीवाल के दल की इस उठक पठक के बारे में क्यों चुप जब मोदी की सरकार की आलोचना में सबसे आगे रहते है.इससे कुछ दाल में कला लगता है और संदेह पैदा होता है क्योंकि बहुत सी विदेशी तकते देश के विकास में अरंगा लगाना चाहते हैं देश वाशियो को बहुत सावधान रहने की जरूरत है.लेकिन केजरीवाल के असली चरित्र कुर्सी का लालच उजागर हो गयी.अब जो भी विरोध में सुझाव भी देता पार्टी से निकाल दिया जाता.आगे आगे देखिए क्या होता है .

रमेश अग्रवाल, कानपुर

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