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जय श्री राम
आज के इस युग में जहां पैसे ही सब कुछ है और जिसके लिए लोग बेईमानी करने में भी हिसक नहीं करते जहां लोग रिश्ते नाते को भी टाक में रख कर हर तरह के अनैतिक कार्य में लगे रहते और जहां हर एक दिन नए घोटाले सुने जाते.जहाँ लोगो के पास दुसरे के लिए समय नहीं और जहां सभी मर्यादाओ को छोड़ कर अपना उल्लू सीता करना एक आम चलन है वैसे में यदि कोई इंसान ३० गरीब विद्यार्थियो को मुफ्त में भारतीय प्रौधगिकी संसथान (IIT में प्रवेश के लिए तैयार करता हो साथ में मुफ्त रहने और घने की भी व्यस्था करता हो तो अचानक विस्वास करना मुस्किल है लेकिन बिहार में पटना में सुपर -३० संसथान के संस्थापक आनंद कुमार पिछले १४ साल (२००१) से ऐसा प्रतन कर रहे है जहाँ ३० गरीब बच्चो को हर साल इस संस्था के द्वारा IIT में प्रवेश के लिए तैयार करते है और अब तक ४५० बच्चो को कोचिंग दी जिसमे ४२० तो IIT में प्रवेश प् कर पढ़ रहे जबकि ३० बच्चे दुसरे अच्छे संस्थानों में पढ़ रहे है.
सरकारी स्कूल के छात्र आनंद कुमारजी शुरू से ही गणित में तेज थे और उसमे लगन थी उन्होंने वैज्ञानिक और इंजिनियर बन्ने का सपना देखा और इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्विधालय में पढने के लिए बुलावा भी आया था परन्तु आर्थिक तगी की वजह से नहीं जा सके.इसके बाद पिताजी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गयी और घर का खर्च चलने के लिए माँ द्वारा घर में बनाये पापड़ो को साइकिल में ले कर घर घर बेचकर काम चलते थे.पिताजी के जगहडाक विभाग में अनुकम्पा पर आधारित नौकरी नहीं ली क्योंको गणित में प्रतिभा दिखने का मौक़ा नहीं मिलता.फिट बच्चो को पढ़ने के लिए घर में “रामानुजम स्कूल ऑफ़ मैथमेटिक्स “के नाम से कोचिंग शुरू की.दू बच्चो को पढ़ाते थे और ५०० रु लेते थे.एक दिन एक बच्चा आया जो पढना चाहता था परन्तु गरीब था और फीस नहीं दे सकता था.उन्होंने उसे मुफ्त में पद्य और वह आई आई टी की प्रवेश चित्र परीक्षा में अच्छी रैंक से पास हो गया.इस घटना उनके दिल को छु गयी और यही टर्निंग पॉइंट था उनके जीवन में.! इसके बाद २००१ में सुपर-३० की स्थापना की और ३० गरीब बच्चो को चयनित करके मुफ्त में कोचिंग देना शुरू किया.आज आन्नान्दजी का सुपर -३० देश विदेश में नाम कम चूका है.इस कोचिंग का खर्च अपने स्कूल रामानुजम स्कूल ऑफ़ मैथमेटिक्स का सञ्चालन करके करते है.!सुपर-३० में बच्चे ग्रामीण और गरीब प्रष्टभूमि के होते है.!उनके इस कार्य को देश विदेश में सरहाने के साथ बहुत से पुरस्कार मिल चुके है.कुछ प्रमुख है.:-
१.२०१४ में रामानुजम गणित पुरस्कार गुजरात में आयोजित ८ वी राष्ट्रीय गणित अधिवेशन राजकोट में २७ जनवरी २०१४ को मिला.
२.२०१० में टाइम पत्रिका ने सुपर-३० को एशिया की सर्वश्रेष्ठ सूची में शामिल किया था.
३. डिस्कवरी चैनल ने सुपर-३० में एक घंटे का वृतचित्र बनाया था.नेशनल ज्योग्राफिक चानेल ने अन्नंद कुमार के ऊपर एक डाक्यु मेंटरी फिल्म बनाई थी.
४. ब्रिटेन की एक पत्रिका ने अन्नंद कुमार को विश्व के २० सर्वश्रेष्ठ अध्यापको में जगह दी.
५.पिछले साल जापान की पूर्व ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने भी सुपर -३० पर एक फिल्म बनाई थी.
६.योरोपियन पत्रिका फोब्स ने असाधारण श्रेणी में रक्खा .इतालवी पत्रिका ने भी इसे सरहा .अमेरिकन मैथमेटिक्स सोसाइटी ने आनंद कुमार को एक नायक के रूप में पेश किया.
७.MIT और हार्वर्ड यूनिवर्सिटीज अमेरिका, जापान में लेक्चर के लिए आमंत्रित किये गए.कितने पुरूस्कार मिले बहुत लम्बी लिस्ट है.
आनंद कुमारजी ऐसे लोग बहुत ही कम होते है और वे देश के लिए एक आदर्श है जिनकी वजह से देश का नाम हुआ.
रमेश अग्रवाल.-कानपूर
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