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राहुल गाँधी की किसानो के दर्द पर राजनीती

भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
कांग्रेस ने इस देश में ५८ वर्षो तक राज्य किया और आज गरीबी या किसानो की जो भी समस्याए है उसके लिए केवल कांग्रेस्शी जिम्मेदार है.किसानो द्वारा आत्म्हात्याहे इस देश में पहले भी होती रही और याद होगा की विदर्व में कितने किसानो की आत्म्हात्याही करनी पडी क्योंकि वे बैंक या प्राइवेट सूतखोरो से लिया कर्जा नहीं चूका सकते थे क्योंकि उनकी फासले सूखे के कारण बर्बाद हो गयी थी किसानो का कर्जा २००९ में माफ़ किया गया था क्योंकि उस साल चुनाव थे.और किसानो के वोट चैये थे,कांग्रेस ने कभी भी गावो के उत्थान पर ध्यान नहीं दिया.मोदीजी ने प्रधान मंत्री बन्ने के बाद इस समस्या को सुधरने गावो का और देश के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण बिल लाना पड़ा जिसे विरोधियो ने राज्य सभा में नहीं पास होने दिया और दोनों सद्नो इस पर हर्चा से भी इनकार कर दिया जिसके लिए मोदीजी को एक आर्डिनेंस लाना पड़ा.फिर बेमौसम वरिश से किसानो की फसल ख़राब हो गयी और बहुतो ने आत्महत्या कर ली या फिर सदमे के कारन मृत्यु हो गयी जब चारो तरफ किसान चिल्ला रहे थे राहुल गाँधी ५८ दिनों के लिए अज्ञातवास में चले गए और किसी को नहीं पता की कहाँ क्या आप विस्वास कर सकते है इस पर?अचनक राहुल गाँधी वापस आये और १९ अप्रैल को रामलीला मैदान में कांग्रेस ने किसान रैली बुलाई जिसमे राहुल गाँधी ने किसानो के प्रति अपनी सद्भावना प्रदर्शित करते मोदीजी पर हमला किया.उन्होंने वही कहा जो पहले कहते थे की ये सरकार बड़े लोगो के लिए काम करती और किसानो की कोई परवाह नहीं की .दुस्रेदीन संसद में ऐसा भाषार्ण दिया और उसके बाद पहले केदारनाथ की यात्रा करने फिर किसान से मिलने पंजाब गए और वही पुराना राग अलापा की प्रधान मंत्री खुद जा कर देखे जब की सच है की मोदीजी ने अपने कई मंत्रियो को भेजा और मुहव्ज़े की घोषणा की.उनके लिए सब इन्तिज़ाम हो गए है इतनी मदद दी जायेगी जितनी कभी नहीं दी गयी थी.पर कुछ समय लगेगा और इसमें प्रदेश सरकारों को भी आगे आना पड़ेगा
हमारे देश का मीडिया इतना पक्षपातपूर्ण है की २ दिनों तक टीवी और मीडिया में सिवाय राहिल गाँधी के आने के अलावा कोई चर्चा नहीं इसमें क्या खास बात थी और राहुल केवल एक दल के नेता है जो संसद में भी बहुत कम आते या बोलते हैं फिर उनमे क्या खास था.कायदे से उनकी तो आलोचना होनी चैये परन्तु उनको एक हीरो की तरह दिखया गया जो मीडिया पर सवाल खड़े करते है.यहाँ तक मोदीजी की कनाडा की यात्रा को भी महत्व नहीं दिया गया.क्या राहुल गाँधी किसान के नाम पर राजनीती नहीं कर रहे जिससे कांग्रेस दल उन्हें अपना अध्यक्ष बना दे.
राहुल गाँधी क्या इन सवालो का जवाब देंगे?
१.क्या किसानो की समस्या के लिए ११ महीने की मोदी सरकार ज़िम्मेदार है या ५८ साल वाली कांग्रेस सरकार?
२.आप प्रधान मंत्री को किसानो के पास जाने को कह रहे है कितने बार कांग्रेस के प्रधान मंत्री या आपकी माँ गयी?
३.आने के बाद आप अपनी क्षेत्र अमेठी क्यों नहीं गए जब्को उत्तर प्रदेश में बहुत से किसानो ने आत्महत्या की थी?
४.कांग्रेस पार्टी ने पिछले ५८ सालो में गांवों के विकास के लिए क्या किया.?
५.भूमि अधिग्रहण पिछले प्रधान मंत्रियो नेहरूजी,इंदिराजी,मनमोहन सिंह जी और अटलजी ने भी की थी फिर अब क्यों इतना हल्ला?
६.मोदीजी ने अपने मंत्रियो को देश के विभिन्न भागो में किसानो की समस्या जानने और मदद जानने के लिए भेजा.
७.मोदी सरकार काम करने वाली जबकि कांग्रेस सत्ता की लालची और हल्ला मचने वाली.

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