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जय श्री राम
नेपाल में आये पिछले शनीवार को आये भूकंप से ८००० लोगो के मरने की अभी तक खबर है,हजारो लोग घायल है और करीब ८० लाख लोग इससे प्रभित है इस त्राश्ती के वक़्त भारत ने तुरंत राहत टीमे के साथ सब तरह की मदद सामग्री जिसे नेपाल को ज़रुरत थी भेजा जिसकी वहां के लोगो के साथ राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने भी सरहना की सयुक्त राष्ट्र संघ के साथ और बहुत देशो से सामग्री भेजी जो वहां के काठमांडू दूतावास में रखवाई गयी कई जगह पानी बरसे से ख़राब हो गयी कही उनको भेजने का इंतजाम नहीं क्योंकि वहां की सेना और सरकारी अफसर रहत कार्यो में लगे हैं.और उसको प्रभित लोगो को दूरदराज़ क्षेत्रो में भेजने का कोई इंतजाम नहीं है.संयुक्त राष्ट्र इसलिए नाराज़ है क्योंकि नेपाल के अफसर बिना चेकिंग भेजने नहीं देते और चेकिंग की कोई व्यवस्था है.वहां के मंत्री जांच पर अड़े है नेपाल हवाई अड्डे में सामन भरा परा हो और खराब हो रहा है.uno ने सीमा शुल्क प्रावधानों में छूट देने की मांग की क्योंकि शांति समय के प्रावधान आपतिकाल में नहीं लागू हो सकते.दुःख की बात है की वित्त मंत्री ने कहा की हमें पालतू का सामन नहीं केवल नमक,आनाज और शक्कर की जरुरत है ये गलत है.परन्तु पाकिस्तान का मामला भी सामने आया जिसमे उसने बीफ मसाले के थैले भेजे जिसको विरोध का सामना हुआ और लौटा दिया गए.भारत ने २८० टन सामग्री भेजी और वितरण की समस्या के चलते दूतावास ने अपने प्रयासों से ही अफसरों के पास भिजवा दी है अब नेपाली सरकार के पास समस्या है की ख़राब सामग्री को बाटे या नष्ट करे क्योंकि ख़राब खाने से बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.ऐसी भी खबरे आ रही है की कस्टम ऑफिसर्स भारत की सीमा से ही रहत सामग्री से भरे ट्रक्स वापस भेज रहे है..कुछ गई सरकारी संगठन भी मदद में लगे है जो बहुत कम है.देश की आरएसएस/विहिप और अन्य संसथान रहत कार्यो में लगे हैं इसके अलावा भूटान,ब्राजील कनाडा,डेनमार्क,मिश्र ,फ्रांस, चीन,जापान,अमेरिका बंगलादेश. पोलैंड और इजराइल के देश की टीमे रहत कार्य में लगी है.जब नेपाली मीडिया में सेना की सुस्ती की खबरे छपी तब सेना अध्यक्ष ने प्रेस के सामने सफाई दी की क्षेत्र बढे होने से समस्या है लेकिन फी सेना ने तत्परता दिखाई.नेपाल में प्रधान मंत्री द्वारा बुलाई मीटिंग में ३ भारत विरोधी दलों ने प्रधान मंत्री को भारत की मदद के बारे में सावधान किया.और कहा की रहत अभियानों के नाम पर विदेशी हस्तक्षेप से राष्ट्रीय सुराक्षा को खतरा पैदा हो रहा है,और २ दलों जिसमे सीपीएम -माओवादी और किसान पार्टी ने भारत का नाम लिया.उन्होंने प्रधान मंत्री से कहा की भारत की सेना और बचाव दलों की गतिविधियाँ को सीमित किया जाये.एक माओवादी नेता प्रचंड ने कहा की भारत का सीमाबल नेपाल के नियंत्रण से बाहर हो रहा है.इस तरह की राजनीती लाशो के ढेर पर करना कितना दुखदायी और कष्टकारक है.भारत समेत दुसरे देश मानवता के नाम पर अपना कार्य कर रहे है और उनपर राजनीती करना या सहयोग न करना समझ से परे है.
इसी तरह एक खबर आयी की गोरखपुर में ४ ट्रक आलू नेपाल भेजने आगरा के व्यापारियो ने भेजा था जिसे गोरखपुर मंदी सचिव ने अधिकारियो और व्यापारियो के साथ मिलकर आधा ट्रक किराये के नाम पर बाज़ार में बेच दिया जब इसकी खबर आगरा सव्वाद्ता को पता चला तब जा कर इसे वापस मगाया गया.ये कितनी गलत और निंदनीय है.मानवता के नाम पर भेजी सामग्री पर भी भ्रटाचार.वैसे भारत ने वहां से अपने करीब १५००० हज़ार और दुसरे विदेशियो को भी निकाल लिया इसके लिए सभी तरह के साधन उपयोग में किये गए और आने वाले लोगो को सब तरह की सुविधाए उपलब्ध करवाई जो बहुत ही सरहानीय है.इसी बीच एक नेपाली ने एक फ़्रांसीसी महिला से सादगी से शादी करके वातावरण में थोड़ी खुशी बाटी .
मरने वाले लोगो की आत्मा की शांती की प्राथना के साथ घायलों के .शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ उम्मीद है नेपाल शीघ्र इस तराशती से उभर लेगा.
रमेश अग्रवाल ,कनपुर
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