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गांवों की बदहाल दशा और कुछ विशिस्ट गाँव

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
गाडी वाहनों की तेज आवाजो ,तरह तरह के शोर शराबो से दूर भारत की अधिकांश जनसँख्या गांवों में बस्ती है !गाँव के बारे में सोचते ही दूर तक फैले हुए हरे भरे खेत ,बैलगाड़ियाँ ,ट्रेक्टर आम अमरुद आदि के बगीचे मानसपटल पर छा जाते है.!सुबह उठते ही तरह तरह के पक्षिओं की आवाज़े सुनाई देना ,गाये,भैंस बकरियां आदि पशुओ के झुण्ड के झुण्ड दिखाई देना महिलाओ का भोर से उठकर काम में लग जाना और हवाई ज़हाज़ या किसी वहां को देखकर लोगो का ध्यान आकर्षित होने के द्रश्य दिमाग में आने लगते हैं.रात की चौपाल एक विशेष आकर्षण होता है.देश में अगणित गाँव है और इसीलिये कहा जाता है असली भारत तो गाँव में निवास करता है.लेकिन गाँव का अस्तित्व ख़तम होता जा रहा है.गाँव में विकास पिछले बहुत सालो से रुका है यदपि गांधीजी ने बहुत जोर दिया था, इसीलिये मोदीजी गाँव के विकास के लिए बहुत प्रत्नाशील है और भूमि अधिग्रहण विधेयक इसीलिये लाया गया है.गाँव में सडको आभाव,, जल,स्वस्थ्य विद्यालयों चिकत्सालय और अन्य सुविधाओं के आभाव में लोगो का शहरो की तरफ पलायन हो रहा.गाँव में उद्ध्योग नहीं लगे ,बरसात में पानी भर जाता, कच्चे माकन गिर जाते ,रास्ते बंद हो जाते इसलिए ज़रूरत है की गाँव के विकास में समुचित ध्यान दिया जाये जिससे लोगो की ज़िन्दगी का आनंद मिल सके.लेकिन कुछ लोगो के प्रयास से कुछ गाँव ने अपनी विशिस्ट पहचान बना ली जिससे पुरे देश में उनका नाम है.
गुजरात का पुन्सरी गाँव देश का सबसे विकशित गाँव है जहाँ सब मूल भूत सुविधाए हैं.उत्तर प्रदेश में बागपत मेरठ में “बामनौली”गाँव आधुनिक और परम्रागत है जिसकी अपनी वेबसाइट है !यहाँ लोग इंसानों के नाम के पीछे पक्षिओ का नाम रखते है.इसीतरह इसी क्षेत्र का एक दूसरा गेन है “खेकडा “जिसमे एक मोहल्ला है “ज़मईपुरा “जहाँ एक वक़्त यहाँ गाँव के ज़माई “लोग आकर रहते थे.इसी प्रदेश में बिजनोर जनपद में बसे गाँव के नाम बड़े शहरो और देशो के नाम पर है जैसे मलेशिया,अरब,मुज्ज़फरपुर इटावा,दिल्ली,रामपुर आदि आदि.बहुत गाँव के नाम उन जानवरों के ऊपर रक्खे जाते जो ज्यादातर मिलते है जैसे मुक्तसर का गाँव “कुत्तेयंवाली.फिरोजपुर के पास गाँव “मज्जिया”(पंजाबी में भैंस को मज्ज कहते है).मोगा के पास “शेरपुर”जालंधर स्थित एक गाँव का नाम “चुहेकी “और दुसरे गाँव को “गीदड़ पिंडी “के नाम से जाना जाता है.अलीगढ के एक गाँव “धौर्रा माफी”एशिया का सबसे शिक्षित गाँव है जहाँ गाँव की गलिओं में इंजिनियर,प्रोफेसर,डाक्टर रहते हैं.और ये गाँव शहर में बदलता जा रहा है.उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गाँव “गहमर”दुनिया का सबसे बढ़ा गाँव मानाजाता है जिसके हर परिवार के लोग भारतीय सेना में है.इसी कड़ी में बिहार के सहरसा जिले के “बनगाव”भी भारत के बड़े बड़े व प्रसिद्ध गाँव में एक है जहां से तकरीबन हर साल भरिय प्रशासनिक सेवा व भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारी चुने जाते है.इसके अलावा इसी गाँव के भारतीय सेना में तकरीबन १०० सैनिक है.बिहार के भागलपुर जिले के एक गाँव “धरहरा”है जहाँ बेटी के जन्म में एक पेड़ लगाने की परंपरा है .२०१२ में गणतंत्र दिवस परेड में इसी परंपरा को दिखाई गयी जिसके बाद ये प्रसिद्ध हो गया.६० घरो के इस गाँव में हर आदमी एक या अनेक पेड़ बेटी के जन्मदिन पर लगाये पेड़ो से पैदा फल से गरीब बेटियों के शादी में खर्च किया जाता है.इस तरह भारत देश में विविधता लिए हुए अनेक गाँव है जहां की परम्पराए रीति रिवाज़ बोलियाँ ,पहनावा भिन्न है .देश के ५ गाँव भुत्तुर (कर्णाटक),बबली गाँव (बागपत उत्तर प्रदेश)मोहद और गिरी गाँव (मध्य प्रदेश) और गनोड

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