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जन्मजाति विकलांगो और गरीबो के मसीहा -नारायण सेवा संस्थान उदयपुर

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
जहाँ इस संसार में लोग धन के लालच में सब गलत कार्य करते हुए कभी कभी इंसानियत को कलंकित करते वही कुछ लोग गरीबो और अपंगो की सेवा करके सच्चे इंसानियत का परिचय देते ही.ऐसे लोग धरती में फरिस्ते के रूप में कार्य करते.उदयपुर( राजस्थान) में १९८५ में एक कैलाश नाथ अग्रवाल द्वारा स्थापित “नारायण सेवा संस्थान “पोलियो ग्रस्त बच्चो और अपाहिज और गरीबो की सेवा में कार्यरत है.संसथान द्वारा पहले उदयपुरं से ही कार्य होता था और वहां ऐसे लोगो के जो या जन्म से या किसी भी तरह से पोलियो से ग्रस्त हो उनके मुफ्त में ऑपरेशन किये जाते इसके अलावा रहने खाने और दवाइयों का पूरा खर्च संसथान उठाता है अब तक ये संसथान करीब ७३५०० ऑपरेशन कर चुके है और ७०००० बैशाखी दे चुके है संसथान इन लोगो के लिए इनको सक्षम बनाने के लिए स्वरोजगार के लिए उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रो जैसे मोबाइल रिपेयरिंग,कंप्यूटर सिलाई में प्रशिक्षण दिया जाता.इसके साथ ऐसे लोगो की शादी संसथान करवाकर उनको गृहस्थी का सामान देकर उनको आरामपूर्वक जीवन जीने की दिश में कार्यरत है.अगरवालजी ने शुरू में घर घर जा कर आटा इकठा कर अश्पतालो में जाकर गरीबो को रोटी फल देते फिर इस संसथान की स्थापना की.अब इस संसथान में पाकिस्तान,नेपाल,बंगलादेश अफ्रीका और कुछ यूरोप शहरो से लोग ऑपरेशन करवाने के लिए आते है.अब संसथान ने समाज के विभिन्न लोगो को जोड़ कर देश के हर प्रमुख शहर में ऑपरेशन का इंतजाम कर लिया और साथ में मोतिअबिंदु के ऑपरेशन शुरू कर दिए.जगह जगह शिविर लगा कर लोगो की नेत्र परीक्षा कर चश्मे और ऑपरेशन की व्यवस्था भी करते है.इसके अलवा व्हील चेयर,बैशाखी,तिपैहा वहांन भी दिए जाते.कुम्भ के पर्व पर ऑपरेशन शिविर लगाये गए इसके साथ नेपाल में भी शिविर लगे.अब विधवाओ और बुजर्गो के लिए आश्रम की व्यवस्था भी है और उनके बच्चो को शहर के अच्छे स्कूलों में अपने खर्च से भर्ती करवाया जाता है .बुजर्गो और विध्वाहो को खाद्य सामग्री भी दी जाती.पास के आदिवासी क्षेत्रो से भी लोगो की मदद की जाती है. उदैपुर क्षेत्र में १२ अस्पताल खोल रक्खे है जो पुरी तरह आधुनिक संसाधनों से युक्ता है इसके अलावा पुरे विश्व में सभी मुख्या देशो में शाखाये खोल कर इस मानवता के कार्य में कार्य रत है.संस्थान में एक हॉल में सबके साथ सभी त्यौहार और पर्व मनाये जाते भजन संध्याओ का भी आयोजन होता है.जिसका सजीव प्रशारण आस्था और संस्कार और अन्य माध्यमो से प्रसारित किया जाता.इसके अलावा विभिन्न जगहों में धार्मिक आयोजन जैसे राम कथा, श्रीमद भगवत और नानी बाई का माएरा आयोजित किये जाते जिससे आई हुई दान राशी और चंदे को संस्थानों के कार्य में की जाती है.संस्थान के कार्यो का प्रचार करीब सभी मुख्य टीवी चंनेलो के द्वारा किया जाता.इस महँ कार्य के लिए कैलाशजी को भारत सरकार ने पदम् श्री से सम्मानित किया.अब उनके बेटे .बहु और परिवार के अन्य सदस्य इस पुनीत कार्य में लगे है.
आँखों की परीक्षण और ऑपरेशन की संस्था को तारा संसथान (नेत्रालय ) नाम दिया और “एक शिविर मेंरे नाम “से लोगो की सहायता से कार्य किया जाता है.
इस तरह ये संस्था अपने किये कार्यो को लोगो तक पहुचने के लिए पत्रिका भी निकलती है और सबसे सहयोग की अपील करती रहती हैके लिप्त सब लोगो को सत सत नमन और भगवन से प्राथन है की उन्हें अपना आशिएर्वाद प्रदान करे जिससे वे मानवता की सेवा ऐसे ही करते रहे.
रमेश अग्रवाल -कानपूर

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