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राष्ट्रीय स्वाभिमान , सेक्युलर ब्रिगेड और मीडिया

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम

लोकतंत्र में मीडिया को ४ थे स्तम्भ की भूमिका दी जाती है और उम्मीद की जाती की बिना भेदभाव के सही रिपोर्टिंग करेंगे क्योंकि इन समाचारों से देश की छवि अंतर राष्ट्रीय जगत में जानी जाती है.स्वतंत्रता   के बाद जिसतरह कांग्रेस ने मुस्लिमो को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर अल्पसंख्यक राजनीती करी उसका बहुत दुस्परिराम आया जिससे देश का बहुत नुक्सान हुई और विभिन्न समुदायों की बीच में दूरिय बढ़ती गयी इसका  सबसे ज्यादा दुर्प्रोयोग टीवी चैनल्स और मीडिया ने किया.आज  कल की प्रतिस्प्रधा के युग में और ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में मीडिया कुछ छोटी चीजो को बिना पता लगाये इस तरह प्रसारित करता जैसे देश में अल्पसंख्यको पर बहुत अत्याचार हो रहे जबकि वे देश में नेताओ के दामादो की तरह रह रहे हैं.इस साल जब गणतंत्र में राष्ट्रपति ओबामा मुख्य अतिथ हो कर आये सबकुछ अच्छा चल रहा था की अचनक सोनिया गाँधी से मिलने के बाद उन्होंने एक व्यान  दे कर सबको अचंबित किया.उन्होंने अल्पसंख्यको के साथ भेदभाव होने पर देश की एकता को खतरा बताया जबकि ऐसा कुछ नहीं था केवल सोनिया ने चुनाव में हार से खिचियाई हो कर ओबामा को कुछ कहा होगा और उन्होंने राजनातिक मर्यादा तोड़ते ये बात कह दी.जब से मोदीजी की सरकार आई और सोनिया गाँधी हारी ईसाई समुदाय खुश नहीं और देश के खिलाफ कोई न कोई साजिस रचने में लगे है.दुर्भाग्यवश सेक्युलर मीडिया,नेताओ और कुछ बुधिजीविओं ने बिना देश की प्रतिष्ठा की परवाह करते ओबामा के व्यान को मोदीजी की सरकार की आलोचना करते ऐसी तस्बीर पेश की जैसे देश में अल्पसंख्यक बहुत असुरक्षित है और मोदीजी ज़िम्मेदार है.इसके बाद एक इतवार अमेरिका  को ईसाई समुदाय के साथ चर्चा में ओबमाजी ने फिर भारत के बारे में अल्पसंख्यक कार्ड खेला.शायद ये कार्य उन्होंने ईसाई नेताओ के कहने से कहा हो क्योंकि ईसाई समुदाय को देश की चिंता नहीं परन्तु देश में अपनी धर्मान्तरण की प्रक्रिया को बढ़ने के लिए चिंतित है .अमेरिका में जिसतरह मंदिरों,मस्जिदों अस्वेतो पर हमले हो रहे और ओबामा उसको रोक नहीं सके तो उनको कोई नैतिक अधिकार नहीं की वे भारत के बारे में ऐसा कहे.!उसके बाद देश के विभिन्न भागो में धार्मिक जगहों में तोड़फोड़ और चोरी की घटने हुई जिसमे कुछ ईसाई स्कूल और चर्च भी शामिल थे.मीडिया ने ऐसे उछाला जैसे ईसाई समुदाय और उनके स्कूल, चर्च जान से हमले के शिकार हो रहे और इन सबके पीछे हिन्दू संगठनो  का हाथ है.टीवी चैनल्स ने इस पर दिनभर इन समाचारों को खूब उछाला जबकि ५०० से करीब मंदिरों और कुछ मस्जिदों में भी ऐसी घटनाएं  हुई परन्तु मीडिया ने उनके बारे में कुछ नहीं कहा.बाद में आगरा में  एक चर्च में घटना हुई और तोड़फोड़ हुई और कोलकत्ता में एक ७० साल की नर्स से बलात्कार हुआ और सब मामले में मीडिया ने बिना किसी जांच पड़ताल के हिन्दू संघटनो और नेताओ को  ज़िम्मेदार करार कर दिया.ईसाई समुदाय के नेताओ ने जिसमे महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर जुलिओ रिवेरो जो देश की कही ऊंची पोस्ट में रह चुके कहा की हम तो और ईसाई लोग बहुत अशुरक्षित महसूस कर रहे .इसी तरह नेवी के पूर्व चीफ सुशील कुमार ने भी ऐसा व्यान दिया.एक सर्वोच्च्न्यालय के न्यायाधीश ने न्यायालय द्वारा बुलाई गुड फ्राइडे की कांफ्रेंस का बहिस्कार किया की ये उनके त्यौहार के दिन क्यों रक्खा गया ?इसी तरह २५ दिसम्बर को स्वच्छ  भारत अभियान के कार्यक्रम का भी कुछ लोगो ने विरोध किया.इस तरह ऐसा सन्देश मीडिया वालो द्वारा  दिया गया जैसे मोदीजी की सरकार में ईसाई समुदाय पर मुसीबत आ गयी परन्तु जब सच का पता चला तो फिर मीडिया ने बहुत छोटे में बताया.कोलकत्ता की नन  के साथ एक बंगलादेशी मुस्लिम ने बलात्कार किया जो पकड़ा गया आगरे में चर्च की मैरी की प्रतिमा तोधने वाला एक सिरफिरा रिक्शे वाला मिला जो एक ईसाई लडकी से प्रेम में असफल रहा था..दिल्ली के चर्चो में चोरिया करने वाले साधारण लुटेरे मिले पर सबसे ज्यादा जिस बात की चर्चा हुई वह था दिल्ली का चाइल्ड ओक्सोलम स्कूल था इस पर इतना हल्ला मचा की शिक्षा मंत्री स्मृति इरानी जो वहां पढी थी खुद देखने गयी, प्रधान मंत्री ने ग्रेह सचिव से बात की फिर पुलिस कमिश्नर को तलब किया गया.पुलिस ने २१ पुलिस वालो की टीम बनाई जिनमे ६ इंस्पेक्टर थे केवल एक चोरी का पता लगाने.चोर ने वहा लगे खोजने वाले कैमरे तोड़ दिए और प्रिन्सिअल के ऑफिस से २१००० रु चोरी हुए थे.टीम ने २१ साल के राहुल को  जो ईसाई था मणिपुर से पकड़ा जिसने चोरी  की थी.इसके बाद मीडिया ने इस मामले को बहुत हलके तरह से कवर किया परन्तु इससे देश की अंतर्राष्ट्रीय जगत में कितनी छवि ख़राब हुई कहा नहीं जा सकता जिससे सभी स्वाभीमानी देश्वशी दुखी हुए केवल बुद्धिजीवी और सेक्युलर ब्रिगेड खुश हुयी क्योंकि मोदीजी की छवि को धूमित करने के प्रयास में सफ़ल रहे.!इसी तरह एक मुस्लिम महिला ने कह दिया की उसे मुस्लिम होने की वजह से सोसाइटी में मकान नहीं मिला पूरा मीडिया दिन रात इसी को दिखता रहा बाद में पता चला की उसके पेपर पूरे नहीं थे.इसी तरह एक मुस्लिम कोएक कंपनी में नौकरी नहीं मिलने पर देश की मीडिया ने खूब शोर मचाया परन्तु केरला और दुसरे प्रदेशो में जब ऐसी घटनाये हिन्दुओ के साथ होती कोई कुछ नहीं कहता,केरला में एक कंपनी ने विज्ञापन में लिखा केवल इसाईओ को  नौकरी मिलेगी और इसी तरह एक स्कूल के बारे में था परन्तु सेक्युलर मीडिया ने इसे नहीं भाव दिया.!शायद देश में इन छली ढोंगी बुधिजीविओ और सेक्युलर ब्रिगेड और मीडिया की सेकुलरिज्म की यही परिभ्षा हो.जबसे मोदीजी जीत कर सरकार में आये ये लोग कोई मौका नहीं छोड़ते उनपर और राष्ट्रवादी हिन्दुओ पर हमला करने में जिसमें इंग्लिश मीडिया कुछ पत्रकार और कुछ चैनल इस मानसिकता से ग्रसित है सायद उन्हें इसके लिए ही पैसा मिलता हो उनको ब्रेकिंग न्यूज़ देने और सरकार पर आरोप लगाने आये चाहे वे गलत हो और देश की स्वाभीमान को चोट पहुचने वाले हो.देश्वशी सब जानते है और चुनाव में इसका जवाब देंगे.

रमेश अग्रवाल, कानपुर

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