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भारतीय स्वाभीमान का अभाव

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
देश की स्वंत्रता के बाद हर देश गुलामी के चिन्हों ,स्मारकों को या नष्ट कर देते या किसी बंद कमरे में डाल कर भूल जाते जिससे लोगो के घावो पर नमक न पड़े और ऐसी चीजे इतिहास के पन्नो में रहे और उनका महामंडित करके गुलामी की मानसिकता को ख़तम कर सके.आज़ादी के बाद देशवाशियो को भी ऐसी उम्मीद थी लेकिन उनके अरमानो पर पानी फिर गया जब नेहरूजी ने सेकुलरिज्म के नाम पर ऐसा न करके राष्ट्रीय स्वाभीमान से समझौता कर दिया.हमारे देश में पहले मुस्लिमो ने जिसमे सबसे समय तक मुगलों ने शासन किया और फिर ब्रिटिश सरकार ने शासन किया.इस वक़्त इन लोगो ने क्रूरता की सारी हदे पार कर के देशवाशियो का खूब शोषण किया.नुस्लिम्स ने जिसमे औरंगजेब ने सबसे ज्यादा क्रूरता की जिसने लाखो हिन्दुओ का न केवल धर्मपरिवर्तन किया न करने वालो का कत्लेआम किया हजारो मंदिरों को तोडा और बहुतो के ऊपर मस्जिदे बनवा दी जिसमे काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के कृष्ण जन्म भूमि को नष्ट करले मस्जिदे बनाई जो आज भी देखी जा सकती .सोमनाथ के मंदिर को १७ बार लूटा .औरंगजेब ने सिख गुरु तेगबहादुर जी का कतल करवा दिया क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूल करने से मना किया.औरंगजेब ने तो गद्दी के लिए पिता को कैद कर तहखाने में डाल दिया अपने भाइयो को मरवा दिया हिन्दुओ पर जाजिया लगवाया उनके स्कूलों को नष्ट कर दिए उनको सार्वजनिक पूजा पर बैन लगा दिया और उनको हाथी,घोड़े और पालकी में जाने पर रोक लगा दी.अंग्रेजो ने हमारे देश का विभाजन किया यहा की सम्पदा को लूट कर हमारे देश को बर्बाद कर दिया.विदेशियो से लड़ते हमारे लाखो लोग शहीद हो गए.उम्मीद थी की आज़ादी के बाद ऐसे लोगो के नाम सड़के या दुसरो स्मारकों या शहरो के नाम बदल दिया जायेंगे परन्तु नेहरूजी की जिद्द से ऐसा न हो सका,जब सरदार पटेल जी और राजेंद्र बाबु ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था तो नेहरूजी इतने नाराज़ हुए की दोनों के मरने में शामिल नहीं हुए. अभी भी बहुत से शहरो और सडको के नाम इन क्रूर लोगो के नाम पर है और कोई कोशिश नहीं की गयी इनको बदलने की.!अभी हाल में दिल्ली की प्रसिद्ध सड़क जो औरंगजेब के नाम से थी दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन में नाम बदल कर डॉ.ऐ पी.जे अब्दुल कलाम कर दिया जहां ज्यादातर देशवाशियो में खुशी हुई कुछ सेक्युलरिस्ट और बुधिजीविओ ने अपनी आदत के अनुसार इसका विरोध करना शुरू किया.मुसलमानों द्वारा विरोध पर कोइ अच्चम्भा नहीं क्योंकि वे हर चीज का विरोध करते चाहे वन्दे मातरम हो या योग ,परन्तु जिन्होंने विरोध किया उनमे प्रमुख है कुलदीप नैयर, मायावती वाम नेता परन्तु अन्य दलो ने खुल कर बोलने से परहेज़ किया.मुसलमानों ने तो इतिहास को भी झूठा सिद्ध करते कहा की वे बहुत अच्छा शासक था जी हिन्दू मंदिरों की मदद करता था.जो लोग विरोध करते उनका राष्टीय स्वाभीमान ख़तम हो गया है मुसलमानों की अलग बात है क्योंकि हिन्दुओ का विरोध उनके खून में है.कुछ बीजेपी/हिन्दू विरोधी टीवी चंनेलो ने ज़रूर इस पर चर्चा करके ये सिद्ध करने की कोशिश जी ये गलत कदम था.क्या हम कोई दूसरा विकसित राष्ट बता सकते जहा राष्ट्रीय स्वाभीमान मर चूका है.ये देश के लिए शर्म है.संतोष का विषय है की बहुमत इस पर खुश है.उम्मीद है की भविष्य में भी ऐसे फैसले लिए जायेगे !
रमेश अग्रवाल , कानपुर

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