पिछले हफ्ते अमेरिका के आर्थिक निर्वेश (investment) सर्विस की एक रिपोर्ट जो उसके विश्लेषक (ANALYSTS)फ़र्ज़ सईद ने लिख कर भेही थी जिसमे लिखा गया की भारत के प्रधान मंत्री मोदीजी अपने नेताओ के भड़काऊ भाषणों को रोकने में असफल है जिसकी वजह से अल्पसंख्यको में भय का वातावरण है और इससे देश के अन्दर और बहार सरकार की विश्वनीयता कम हो गयी जो निर्वेश के लिए खतरा होगा.एक आर्थिक कम्पनी को देश के राजनातिक मामले पर टिप्पणी नहीं काना चैये.पीएमओ ऑफिस ने इस रिपोर्ट को इस लिए खारिज कर दिया की ये एक अफसर की है जो कम्पनी की नहीं ही सकती और ये कम्पनी की वेबसाइट विरोध के बाद डाली गयी.असल में इसके पीछे की कहानी ये है.देश के विख्यात वामपंथी विचारधारा के इतिहासकार इरफ़ान हफीबी है जिनकी शिक्षा अलीगढ विश्विधालय से हुयी और बाद में उन्होंने वहां १९६९-१९९१ तक प्रोफेसर रहे और हिस्ट्री सोसाइटी में विभिन्न पदों पर रहे इतिहास को विकृत करने में बहुत हाथ है क्योंकि वामदल के होने के कारन इनको अपने भारतीय इतिहास से चिढ है और जब १९९८ में डॉ मुरली मनोहर जोशी जी शिक्षा मंत्री थे तो उस वक़्त भी डॉ हबीब ने इतिहास का भगवाकरण का आरोप लगाया था जिसके बाद जोशीजी ने एक किताब निकल कर पुरे तथ्य रक्खे थे.इस तरह हबीब बीजेपी और भारतीयता से नफरत करते है और हॉल में एक आरएसएस की आई यस आई यस से तुलना करने पर सुर्खियों पर आये थे और विरोध हुआ था.अब पता चला की हबीब की एक बेटी समन हबीब है जिसका पति विश्लेषक फ़राज़ है जिसने रेपिर्ट भीजी थी हालाँकि सामान इससे इनकार कर रही है.इसतरह सेक्युलरिस्ट और मोदी के विरोधी अपनी खुन्नत मिटने के लिए देश की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ कर के देश के विकास को रोक कर मोदीजी और सरकार को बदनाम करने में तुले है और मुस्लिम समुदाय को मोहरा बना कर देश के खिलाफ साजिस कर रहे और इस तरह मूडी के रिपोर्ट के नाम पर सरकार के ऊपर हमला किया और इसमें इंग्लिश मीडिया बहुत आगे है.परन्तु झूठ का पर्दा फाश हो गया !वैसे हॉल में जो तजा रिपोर्ट आयी उसमे भारत चीन से कम भ्रस्ताचारी राष्ट्र माना गया और मोदीजी को विश्व की सबसे ज्यादा शक्तिशाली लोगो में 9वे नंबर में है जिससे उनके विरोधियो का मानसिक संतुलन बिगड़ गया देश की प्रतिष्ठा बहुत बड़ी.!ये सब दर्शाता की किस तरह कुछ देश्वशी और खासकर कांग्रेस कुर्सी से दूर होने की वजह से किस निम्न स्तर पर आगये.सभी राष्ट्र भक्तो से इसकी भर्त्सना करनी चाइये और सरकार को पूरा समर्थन देना चाइये
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments