Menu
blogid : 18237 postid : 1114561

दीपावली की सार्थाकिता

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
  • 366 Posts
  • 488 Comments

जय श्री राम

देश में सबसे ज्यादा धूम धाम  से मनाने वाला प्राचीन हिन्दू  त्यौहार दीपावली है जो ५ दिन तक मनाया जाता है इसकी शुरुहात धनतेरस  से  होकर भी द्वीज तक होती है मुख्या त्यौहार  तीसरे दिन कार्तिक आमवस्या को मनाया जाता है इसे रोशनी का त्यौहार कहते है जो सत्य की असत्य  और प्रकाश  का अन्धकार  के ऊपर विजय के रूप में मनाई जाती जिसका सामाजिक और धार्मिक महत्व है.”असतो मह  सद्गमय ,तमसो माँ ज्योतिर्मय “!इसका सम्बन्ध हिन्दू,जैन और बुद्ध  धर्म से है!प्राचीन मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम रावण को मार कर १४ वर्षो बाद जब अयोध्या लौटे तो अयोध्या वाशियो ने पुरे शहर को उनके स्वागत में  दिए जला कर  खुशिया मनाई और नाच गाना किया इसीलिए इनदिनों घर घर में रोशनी की जाती है आजकल पुराने दियो की जगह विभिन्न तरह की देशी और विदेशी रोशनियो की बाज़ार में भरमार है.!इसदिन माता लक्ष्मी  ने भगवान विष्णु का वरन किया था .रजा वाली के सर पर भगवान् वामन ने अपना पैर रख कर समपर्ण किया था.!जैन के २४ वे तीर्थंकर महावीर जी का इसी दिन  मोक्ष प्राप्त की थी.!सिख लोगो के लिए खुशी का दिन है क्योंकि १५७७ में इस दिनाम्रित्सर में स्वर्ण मंदिर का शिल्यानाश हुआ था और १६१९ में सीखो के गुरु हरगोविंद सिंघजी से जेल से रिहा हुए थे.!प्रसिद्ध स्वामी रामतीर्थ जी का जन्म और महाप्रयाण इसी दिन हुआ था.!महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने आर्य समाज की स्थापना इस दिन की थी और देवाह्सन भी इसी दिन हुआ था,संस्कृत ग्रंथो में विभिन्न नाम दिया है ७वी शताब्दी में लिखित नाटक “नाग्चंद”में रजा हर्ष ने इसे “दीपप्रति पाटताव “से और ९ वी शताब्दी में राजशेखर ने काव्यमीमांसा में दीपमालिका से संबोदित किया था.!इस दिन धन की माता लक्ष्मी जी के साथ बुद्धि के देवता गणेशजी की और देवताओ के कोषाध्यक्ष कुवेर् जी की भी पूजा की जाती !उड़ीसा और पच्छमी बंगाल में माँ कली की पूजा करते है !जहा जहा भारतीय रहते उन देशो में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है इनमे प्रमुख है नेपाल,लंका,ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड ,ब्रिटेन ,अमेरिका, साउथ अफ्रीका,म्यामार.सिंगापुर,मलेशिया ,मारीशस गयुयाना,सूरीनाम,त्रिनाद और टोबागो ,पकिस्तान,फिजी,नीदरलैंड,कनाडा ,तंज़ानिया,केन्या,यूगांडा,और संयुक्त अरब अमीरात हच प्रमुख है.!मलेशिया, सिंगापूर और श्री लंका में इसदिन सरकारी अवकाश होता है.कुछ विविधता के साथ भारतीय संस्कृति के हिसाब से कुछ देशो में मनाया जाता है

नेपाल में ५ दिन का त्यौहार थोड़े विभिन्न तरीके से मनाया जाता है.पहले दिन कौवो को परमात्मा समझ,दुसरे दिन कुत्तो को इमानदारी के लिए भोजन कराया जाता है.और गाय बैलो को सझाया जाता है.दीसरे दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है ४थ दिन नव वर्ष के रूप में जिसदिन व्यापारी अपने बही खातो की पूजा कर नए बनाते है और पांचवे दिन भाई द्विज मनाई जाती है,

ऑस्ट्रेलिया :- यहाँ मेलबर्न में प्रसिद्ध फेडरेशन स्क्वायर पर दीपावली मणी जाती पिछले साल ५६००० लोग एकता हो कर शामिल हुए थे.आतिशबाजी ,के साथ संस्कृति प्रोग्राम ,नाच गाना,संगीत के साथ बढ़िया भारतीय भोजन का इंतजाम होता है.वहां के कई प्रसिद्ध भवन और इमारते रोशनी से सजाई जाती और सबसे बड़ा उत्सव माना  जाता है.

ब्रिटेन :-चूंकि याह भारतीयों की संख्या बहुत है खूब धूम धाम से मनाई जाती.स्वामी नारायण मंदिर में मनाई दीपावली उत्सव में देश के कई जाने माने लोग भाग लेते है.२००९ से हर साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के घर १०, डाउनिंग स्ट्रीट में दीपावली मनाई जाती है.वाह की संसद भारतीयों को  बधाई देती है.!

अमेरिका :-२००३ में पहली बार वाइट हाउस में मनाई गयी थी.२००९ से बराक ओबामा खूब धूम धाम से मन रहे.एक दिन की छुट्टी भी होती है.काऊबॉय स्टेशन अमेरिका के एक स्टेडियम में एक लाख लोगो ने मिलकर दीपावली मनाई थी.!                                                                                                                               भारत के यहाँ दशहरे के बाद इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है लोग अपने घर प्रतिष्ठानों की सफाई में लग जाते और धीरे खरीदारी करते.ओर इधर  कुछ सालो से देश में चीन का माल चाय  खरीदते है जो की गलत है अपने देश में बने माल की खपत करनी चाहये.इसी तरह ज्यादा से ज्यादा दियो को इस्तेमाल करना चाइये जिससे स्थानीय लोगो को कमाई हो सके.पटाके छुडाने पर करोडो रुपाये  नस्ट  कर दिए जाते और इ ससे प्रदुषन  के अलावा दुर्घटनाओ के  साथ जान मान की भी हानि होती है  आगज़नी और जलने से बहुत जगह आग लग जाती.पता नहीं जुए की प्रथा किसने शुरू की और इसका इस त्योहार से  क्या सम्बन्ध इसके अलावा नशे में दुत्त होना त्योहार की गरिमा गिरती है इसके अलावा जिस तरह मुनाफे के लालच में नकली और मिरावाटी  खाने का सामान  और मिठाईयां मिलती बहुत ही गंभीर समस्या है जिसके लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाइये!इन बुरइयो को दरकिनार करते लोग बहुत उत्साह से इसे मानते, भगवन गणेश जी,माता लक्ष्मीजी की कुबेरजी की पूजा करके एक दुसरे को उपहार देते खूब खाते पटाके छुडाते फिर शहर में रोशनी देखने जाते और गोवर्धन पूजा और भाई द्विज की तैयारी में लग जाते और इस तरह ५ दिन के त्योहारों का समापन होता.त्यौहार समाज में एक जुटता भाई चारे और पुरानी मान्यताओ और घटनाओ को याद करने का दिन है,इस दिन व्यापारी प्रतिष्टानो में पूजा कर नए बही खाते पूजा कर शुरू करते.दीवाली के दुसरे दिन गुजरातियो का नव वर्ष मनाया जाता है.इस तरह भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग दीपावली का समापन होता.त्योहारों को आधुनिक और खर्चीला बनाने में बड़ी कंपनियो का काठ जो नए नए गिफ्ट पैकेट कार्ड्स वगैरह बाज़ार में लाकर लोगो की जेब काटने के अलावा त्यौहार की मूल भावना ख़तम करने में लगे है.आज कल लोगो के घर जाने की वजह इ-मेल ,sms,fb के द्वारा एक दुसरे को बधाई दे देते.इसकी महत्व तभी सार्थक होगी जब सब लोग इसे मूल रूप में मानते बुरी आदते को छोड़ने की कोशिश करे.

रमेश अग्रवाल,कानपुर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh