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जय श्री राम
जबसे लोकसभा में कांग्रेस और दुसरे विरोधियो को हार का सामना करना पड़ा और मोदीजी के नेतृत्व में उनकी सरकार बनी उनकी नीद हरम हो गयी और सरे मुद्दों को छोड़ कर मोदी विरोध ही मुद्दा बाकी सब मुद्दे जैसे विकास,भ्रष्टाचार ,कानून व्यवस्था नागरिक सुविधाए कार्य पद्धति में सुधर पीछे पद गए और राष्ट्रीय हित पीछे छूट कर स्वयं का हावी हो रहा है !लोकतंत्र में संसद संवाद का स्थान होता है जहां सर्कार और विपक्ष अपनी अपनी बाते रक्खे और बहस होने के बाद निष्कर्ष पर पहुंचा जाए जिससे देश और देश वाशियो की सम्सयाये सुलझ सके परन्तु ऐसा लगता है की हार की वजह से विरोधियो का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और वे कोइ न कोइ बहाना बन कर संसद के दोनों सदनों में शोर हल्ला मचा का व्यवधान पैदा करके संसद का काम टप्प करने के लिए मन बना लिया है जिससे केश में विकास न हो सके और फिर मोदी सरकार को बदनाम कर सके.!सरकार ने दोनों सदनों में बार बार अस्वाशन दिया की वे किसी भी विषय पर बहस को तैयार है परन्तु विरोधियो पर लोई असर नहीं हो रहा और पिछला सत्र पूरा बर्बाद कर दिया और इस सत्र में भी वही हॉल है.पिछले सत्तर में सुषमा स्वराज,वसुन्द्र राजे और मध्य प्रदेश के मुख्या मंत्री चौहान और महाराष्ट्र की मंत्री पंकज मूंदे के इस्तीफे की मांग पर सदन वाधित किया और बहुत कम कार्य करके राज्य सभा का सत्र ख़तम हुआ.सुष्माजी और वसुन्द्रा राजे को ललित मोदी को मदद करने के आरोप पर इस्तीफ़ मांग रहे थे जबकि ललित मोदी यूपीए सरकार के समाया २०१० में भाग गया था उस वक़्त सरकार ने क्या किया चौहान जी के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की देख लेख में जांच च्सल रही और व्यापक घोटाला कांग्रेस के राज्य से चल रहा था जिसका खुलासा और जांच चौहानजी ने खुद करवाई है.कांग्रेस चाहती है जो वोह कहे आँख मूँद कर बिना किसी जांच के उनकी हर मांग मान ली जाये और सदन को चलने के लिए मोदी सरकार उनके सामने नतमस्तक हो और वही करे जो वे चाहते जो की कोइ सरकार के लिए संभव नहीं है.किसी मंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में हटाने के लिए सबूत चैये लेकिन कांग्रेस और विरोधी चाहते की उनकी मांग के आगे कोइ कानून नहीं.!इस सत्र में २ दिन सविधान पर चर्चा हुई और सबने अपनने बात रक्खी और सविधान के प्रति सम्मान और इसको मानने के प्रति आश्वाशन दिया.प्रधान मंत्री मोदीजी ने कहा की सविधान सब वर्गों को साथ ले कर चलने की प्रतिव्रद्ध है और हम सब उसके प्रति नत मस्तक है.इस डिबेट में विभन्न दलों के नेताओ ने भाग लिया और अपने विचार रक्खे.इसके बाद कांग्रेस ने जनरल वीके सिंह के व्यान को लेकर माग की जबतक उनको नहीं हटाया जायेगा दो सदन नहीं चलने दिए जायेंगे जबकि वीके सिंघजी ने साफ़ कर दिया की उन्होंने दलित लोगो की तुलना कुत्ते से नहीं की परंब्तु विपक्ष मानने को तैयार नहीं इसी बीच कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने आरोप लगाया की २०१३ में गुजरात में एक मंदिर के प्रवेश में उनसे उनकी जाती पूंछी गयी और फूट फूट कर रो पडी इसपर सब हल्ला मचने लगे एक घटना जो २ सालपहले हुई उसका उल्लेख अब क्यों और उसवक्त उन्होंने प्रधान मंत्री से शिकायत क्यों नहीं की इस घटना से सरकार का क्या लेना देना असल में वे कहना चाहती थी की जब मोदीजी गुजरात के मुख्या मंत्री थे तब ये घटना हुई इसलिए मोदीजी ज़िम्मेदार है परन्तु क्या सबूत की सदस्य सही बोले रही या कहानी गढ़ रही !इससे निष्कर्ष निकलता है की कांग्रेस ने तय कर रक्खा की किसी न किसी बात को लेकर संसद नहीं चलने देंगे जिससे कोइ काम न हो सके इसी तरह भूमि अधिग्रहण बिल में कांग्रेस ने ऐसा ही रविया अपनाया था.!देश में असहिष्णुता को माहोल नहीं लेकिन कांग्रेस और मीडिया ने बिहार चुनाव तक इसे जिंदा रख और लोगो से अवार्ड वापस करा हवा दिलाई इसपर भी संसद में हल्ला मचा लेकिन बहस करवाई गयी विपक्ष के नेताओ ने खूब बकवास की परन्तु जब सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी जवाब देने को खड़े हुए तो असहिष्णुता का परिचय देते सदन से बहिस्कार कर गए.सदन को सुच्रू रूप से चलने के लिए अध्यक्ष सब दलों की मीटिंग बुला कर सदन चलने के लिए अनुरोध करती और सब वायेदा भी करते लेकिन सदन में आते हे भूल जाते ऐसे में बहुत से ज़रूरी बिल देश हित और विकास के कार्य के लिए रुके पड़े है.सबसे ज़रूरी बिल है GST जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था सुधर जायेगी और विकास कार्य खूब होंगे कांग्रेस भी जानती लेकिन कांग्रेस नेताओ ने राहुल को समझा दिया की यदि बिल पास हो गया और विकास हो गया तो सरकार का फायेदा होगा और कांग्रेस का नुक्सान इसलिए कांग्रेस संसद के कार्यो को रोक कर विकास रोकने छह रही विपक्षी दलों को देश से ज्यादा कुर्सी से प्यार है.मोदीजी ने सोनिया गाँधी और डॉ मन मोहन सिंह को चाय पर बुला कर सहयोग का माहोल बनाया लिकिन सफल नहीं हो सके.सुब्र्य्हम स्वामी जी ने नेशनल हेराल्ड के मामले में सोनिया गांधी राहुल और कुछ नेताओ के खिलाफ धोखा धडी का मामला दर्ज किया जिसपर पटियाला कोर्ट ने उन्हें निजी तौर पर हाज़िर होने के लिए ८ दिसंबर को बुलाया था लेकिन सशर्त इसे अब १९ दिसम्बर को कर दिया बस इसी बात को लेकर २ दिनों से सदन की कार्य वाधित कर रहे जबकि इसमें सरकार या मोदीजी का कोइ हाथ नहीं ये अदालत का मामला और इस पर विरोध अवहेलना है लेकिन कांग्रेस ने नहीं सुना और संसद से ले कर सड़क तक विरोध करती रही कांग्रेस का ये आचरण दिखता की वह सोचती है की देश पर शासन करने का अधिकार उसी का है यदपि कुछ दल कांग्रेस के साथ है परन्तु कुछ संसद चलाने के पक्ष में परन्तु कांग्रेस के आगे किसी की नहीं चलती कांग्रेस नेता खडके देश में विभाजन वाले व्यान दे रहे कभी कहते आप आर्य है जो बहार से आये और अनार्य पर कब्ज़ा कर लिया और कभी कहते की देश में २ क़ानून है,अब जनता को तय करना है की वह कैसे इन कांग्रेस को सबक सिखाती है परन्तु लोकतंत्र और देश का विकास बाधित हो रहा जो शुभ नहीं.
रमेश अग्रवाल,कानपुर
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