Menu
blogid : 18237 postid : 1125623

प्रधान मंत्री मोदी का मास्टर स्ट्रोक -कही खुशी कही गम

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
  • 366 Posts
  • 488 Comments

जय श्री राम

२५ दिसंबर २०१५ का दिन बहुत महत्व के दिन जब पुरे विश्व में ईसाई समुदाय जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन मानाने में खुशी मानाने की तैयारी में लगा था करीब दिन को १२ बजे काबुल से प्रधान मंत्री के एक त्वीट(TWEET) ने सबको अचम्भे   में डाल दिया जिसमे उन्होंने लिखा की उन्होंने काबुल से पाकिस्तान के प्रधान मंत्री  नवाज़ शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी नवाज़ शरीफ जी ने उन्हें अपनी भतीजी की शादी के लिए आमंत्रित किया और अगला त्वीट मोदीजी  जी ने भेजा की लौटते वक़्त वे लाहौर में शरीफ से मिलेगे.इस ने पुरे विश्व में खास  कर देश में खलबली मचा दी जहाँ देश विदेश में ज्यादातर लोगो ने इसमें खुशी महसूस की देश में विरोधी दलो को सांप सूंघ गया उनके पास आलोचना करने के अलावा और कुछ नहीं था कांग्रेस जद(यू)और आप और शिव सेना  ने जहाँ आलोचना की वही वाम दलो,नेशनल कांफ्रेंस,समाजवादी,पीडीपी अलगाववादी और NCP ने समर्थन किया अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने प्रधान मंत्री के इस कदम की सरहना की कम से कम दोनों देशो के बीच शांति कायम करने के लिए अच्छा और सार्थक कदम होगा और यदि इसके बाद यदि पकिस्तान अपनी हरकत बंद नहीं करता तो फिर विश्व उसकी निंदा करेगा और व अलग थलग हो जाएगा.शिव सेना का व्यान बहुत बचकाना था कहा की यदि मोदेजी दाउद (DAWOOD) को साथ लायेंगे तब ही सफल होगा जद(यू)के कीसी त्यागी ने कहा की मोदेजी दाउद का केक खाने गए कहा कर अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया कांग्रेस नेताओ का तो बुरा हाल था रो रहे परन्तु आंसू नहीं आ रहे थे ऊटपटांग व्यान बाज़ी रहे थे.आनंद शर्मा बोले की ये पहले से फिक्स था जबकि सच था की पाकिस्तान के विदेशी मामलो के सलाहकार सरताज अज़ीज़ लाहौर में नहीं थे बिना उनके शरीफ दोनों देशो की बातचीत के लिए राजी हो गए और पकिस्तान में भी भारत के राजदूत को नहीं पता था बड़ी मुस्किल से वे २ घंटे बाद पहुँच सके .मोदी जी का पाकिस्तान की यात्रा का पकिस्तान में स्वागत और प्रशंशा हुयी वही हाफिज सईद नाराज़ था वैसे ही जैसे देश के विरोधी नाराज़ थे.मोदीजी अपने १३० लोगो के साथ लाहौर हवाई अड्डे फिर हेलीकाप्टर और कार द्वारा शरीफ की हवेली  १३०० एकड़ में फैले “रायविंदपैलेस “गए और करीब २ घंटे आपसी रिस्तो में बात की इसके पहले उन्होंने शरीफ की माँ के पैर छु कर बढ़प्पन का परिचय दिया भतीजी को शादी के लिए आशीर्वाद दे कर सबको भेट देकर बातचीत में लगे रहे और दोनों देशो के लोगो ने भी अलग अलग बात चीत की.उसके बाद वापस लाहौर एअरपोर्ट से दिल्ली के लिए चल दिए.अपने त्वीट में मोदीजी ने लिखा की लाहौर एअरपोर्ट में आने जाने और घर तक आने में पुरे वक़्त शरीफ्जी की अगुवाई और प्रेम से अभिभूत है शरीफ जी ने वाजपई जी को नमस्कार के साथ जन्मदिन की बधाई भी देने को कहा और साथं में अपने साथ पुराने बिताये पालो को याद किया.११ साल बाद किसी प्रधान मंत्री की पाकिस्तान यात्रा की.एक पाकिस्तान पत्रकार ने तवीट कर के कहा की मोदीजी समेत १३० भारतीय पकिस्तान धरती पर बिना वीसा घूमते रहे और पकिस्तान की सुरक्षा व्यवथा चुप चाप मूकदर्शक बने रहे.जब से मोदीजी प्रधानमंत्री बने उन्होंने भारत के विश्व के देशो से आपसी रिश्ते ,सद्भाव और सहयोग मज़बूत करने का प्रयास किया और बहुत सफल रहे और विश्व में अब देश की आवाज़ गंभीरता से सूनी जाती है.,उन्होंने अपने पड़ोसी देशो पर विशेष ध्यान  दिया इसीलिये अपने शपथ ग्रहण समारोह में सभी सार्क देशो के नेताओ को आमंत्रित किया उन्होंने पकिस्तान से भी कोशिश की लेकिन देश की सुरक्षा से बिना खिडवाल के इसीलिये एक बार सुरक्षा सलाहकारों की मीटिंग रद्द करदी थी.नवाज़ शरीफ से उनकी ये 6 वी मुलाकात थी इसके पहले २६ मई २०१४(दिल्ली),२७ नवम्बर २०१४ (काठमांडू ),१० जुलाई २०१५ को (रूस के उक्फा )और ३० नवम्बर २०१५ (पेरिस ) और एक बार संयुक्त राष्ट्र संघ में उनौप्चारिक मुलाक़ात हुई थी.इसके अलावा जून २०१४ में मोदीजी ने शरीफ की माँ के लिए खास शाल भेजी जबकि नवाज् जी  ने मोदेजी की माँ के लिए साड़ी भेजी थी.जून २०१५ में रमजान की बधाई के साथ आम  भेजे थे.!इस तरह दोनों प्रधान मंत्रियो के बीच आपसी सद्भावना विश्वास बढ़ा यदपि सीमा में आतंकवादी घटनाये और सीमा में गोली बरी की घटनाएं होती रही है लेकिन इतनी पुरानी वैमनस्यता दूर होने में समय के साथ सूझदारी की ज़रुरत है जब् की  पाकिस्तान को सन्देश दे दिया गया की आतंकवाद सहन नहीं होगा.शरीफ्जी की माँ दोनों देश की बातो में बहुत दिलचस्पी रखती और जब पिछली बार विदेश मंत्री सुष्माजी पकिस्तान गयी थी तो उन्होंने विदेश मंत्री की बातचीत के बाद शरीफ्जी की माँ से कहा की वे उनकी इच्छा अनुसार अपने वादे की और अग्रसर है.१५ जनवरी २०१६ को दोनों देशो के विदेश सचिओ के बीच इस्लामबाद में होगी लाहौर में दोनों नेताओ के बीच सहमती बनी की ये सिलसिला आगे भी चालू रहे और सहमती बनी की नागरिको के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए नए सिरे से कदम उठाये जाए .मोदीजी पाकिस्तान जाने वाले ४ थे प्रधान मंत्री है इसके पहले नेहरूजी( ५३,६०)राजीव गांधी (८८,८९),वाजपई जी(१९९९,२००४)में गए थे.२००७ में पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था की वे चाहते है की ऐसा दिन आए जब कोइ नाश्ता अमृतसर में लंच लाहौर और डिनर काबुल में करे जिसे आज मोदीजी ने हकीक़त में बदल दिया जब नाश्ता काबुल,लंच लाहौर में और डिनर दिल्ली में किया.उम्मीद है की इस मुलाक़ात से दोनों देश के बीच में रिश्ते सुधरेंगे और पकिस्तान २६/११ के अपराधियो के खिलाफ जल्द कार्यवाही करके आतंवाद और सीमा पार से गोलाबारी में लगाम लगाएगा !इस मुलाक़ात का ट्विटर और फेस बुक में भी समर्थन मिला और विदेशो की मीडिया बीबीसी,डानडाट कॉम ,ट्रिब्यून डाट कॉम और टेलीग्राफ डाट को डॉट यूके के साथ करीब करीब सभी ने सरहना की.इसके पहले काबुल में भारत द्वारा ९ करोड़ डालर  से बनी    संसद के नए भवन का उद्घाटन करते प्रधान मंत्री ने कहा था की भारत और अफगानिस्तान के बीच  सहयोग और बढ़ता रहेगा ये ईमारत देश के १२५ करोड़ का प्रेम है संसद के एक ब्लॉक अटल जी के नाम से है!प्रधान मंत्री मोदी ने कहा की हमलो से आहात देश के भविष्य के लिए आतंकवाद और हिंसा उपाय नहीं हो सकते.पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से  कहा की आपकी सफलता तभी नसीब होगी जब सीमा पार से उनके यहाँ आतंकवाद पहुचना बंद हो जाएगा और ऐसे ठिकाने बंद हो जायेंगे.

दिल्ली लौटने के बाद उन्होंने वाजपई जी के घर जा कर उन्हें जन्मदिन की शुभ कामनाये और बधाई दी.विश्व को इस मुलाक़ात से बहुत उम्मीद है और यदि पकिस्तान की तरफ से कुछ गलत होता है तो विश्व समुदाय पकिस्तान पर दवाब डालेगा और भारत को दोष नहीं देगा.

download (1)रमेश अग्रवाल,कानपुर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh