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जय श्री राम ये देखा गया है की जब भी भारत पकिस्तान से सम्बन्ध सुधारने की तरफ कदम बढाता पाकिस्तान की तरफ से कुछ ऐसी हरकत कर दी जाती जिससे ये लगता की कुछ पाकिस्तानी तत्व् दोनों देश के बीच शांति नहीं चाहते.पाकिस्तान में नवाज़ शरीफ उतने ताकतवर नहीं जितने हमारे यहाँ देश के प्रधान मंत्री मोदी है पाकिस्तान में सेना और गुप्तचर एजेंसी ISI के आगे प्रधान मंत्री की चलती नहीं और इस तरह दोनों देशोके बीच अच्छे सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पाते पिछले १६ वर्षो में ऐसा कई बार हुआ है.!फरबरी १९९९ में वाजपेयी जी बस लेकर लाहौर शांति के लिए गए,मई ९९ में कारगिल मिला.जुलाई २००१ मुसरफ आगरा आये और दिसंबर २००१ में संसद में हमला.अप्रैल २००५ में मुसरफ मनमोहन सिंह के साथ दिल्ली क्रिकेट मैच देखने आये और कुछ बातचीत शुरू हुई परतु २६ नवम्बर ०८ को मुम्बई में हमला हुआ.मार्च २०११ में युसूफ गिलानी मोहाली विश्व कप मैच मनमोहन सिंह के साथ देखा बातचीत आगे बड़ी लेकिन सैनिक के सिर काटने से जनवरी २०१३ में बातचीत बंद.मई २०१४ में नवाज़ शरीफ मोदीजी के शपथ समारोह में आये और बातचीत हुयी लेकिन अगुस्त् १४ में अलगाववादी नेताओ से पाकिस्तान राजदूत से मिलने के बाद विदेश सचिव स्तर की बातचीत रद्द नवम्बर २०१४ में नेपाल में सार्क सम्मलेन में दोनों प्रधान मंत्री मिले जुलाई २०१५ में रूस के उफ्फा में दोनों मिले और तय हुआ की दोनों देशो ने सुरक्षा सलाहकार आतंकवाद पर बात करेंगे परन्तु जुलाई २०१५ में पंजाब के गुरुदासपुर में आतंकवादी हमला हुआ और इसी महीने पाकिस्तान ने कश्मीर राग छेडा जिससे फिर बातचीत बंद हो गयी.दिसंबर १५ में बैंकाक में दोनों देश के सुरक्षा सलाहकार मिले और बातचीत हुई और इसी महीने सुष्माजी पाकिस्तान में एक कांफ्रेंस में गयी और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के विदेश मामलो के सलाहकार सरताज अली से बातचीत की.२५ दिसंबर २०१५ को मोदीजी काबुल से नवाज़ शरीफ के बुलावे पर २ घंटे के लिए लाहौर जा कर उनसे मिले और बात चीत की लेकिन २ जनवरी को पठानकोट में पुलिस अधीक्षक को अगवा किया उसके ड्राईवर की हत्या की और एक साथ के आदमी को बुरी तरह मार कर घायल कर दिया वे कह रहे थे की तुमने अफज़ल गुरु को मारा हम उसका बदला लेंगे.३ जनवरी को सबेरे ३ बजे पठानकोट के एयरबेस पर उसवक्त जब कैंटीन में नाश्ते की तैयारी हो रही ४ आतंकवादियो ने हमला किया जिसमे ३ जवान शाहीद हो गए लेकिन एक हवालदार जगदीश सिंह ने भागते हुए आतंकवादियो के पीछे भागते एक को पकड़ा और उसी की रायेफिल से उसको मार दिया जो पहले आतंकी की हत्या थी परन्तु दुसरो ने उसकी हत्या कर दी.ये आतंकवादी पाकिस्तान के जेश-ए-मोहममद ,जिसका अर्थ है मोहम्मद की सेना, के थे और वहावालपुर में मोहंमद अज़हर ने साजिस रची थी ये वही आतंकवादी है जिसे वाजपई जी के समय यात्रिओ की जान के बदले छोड़ा गया .कल गृह मंत्री का व्यान आया था की 5VA आतंकवादी मारा गया और ऑपरेशन ख़तम हो गया लेकिन बाद में ४ के ही मरने की खबर है और कितने और है कोइ नहीं बता सकता लेकिन कार्यवाही चालू है और दोनों तरफ से गोली चल रही.इस हमले के बारे में सूचना आर्मी को मिल गयी थी इसीलिये NSG की टीम पहले ही भेज दी गयी थी इसमें अब तक ७ सैनको के मरने की और २० के घायल होने की सूचना मिली है पंजाब पुलिस पर और इस क्षेत्र में सुरक्षा के ऊपर भी सवाल उठ रहे है.क्यों नहीं SP की बात मानकर तुरंत कार्यवाही की गयी.वैसे आतंकवादी इतने बड़े और संवेदशील एयर बसे में ज्यादा नुक्सान नहीं कर सके परन्तु ये चिंता का विषय है की वे हमले को कैसे अंजाम दे सके .भारत में सरकार की तरफ से बहुत ही सधी प्रातक्रिया थी हालाँकि पकिस्तान ने इस हमले की निंदा की वही अमेरिका के विदेश मामले के प्रवक्ता जॉन किर्वी ने हमले की निंदा करते हुए राष्ट्रों से आतंकवाद ख़तम करने की अपील की.साथ ही ऐसा नेटवर्क नष्ट करने के साथ ही अपराधियो को सजा देने की वकालत की.आतक्वादियो के पास से एके ४७,ग्रेनेड लांचर ,५२ एम् एम् के मोर्टार और GPS लोकेटर्स बरामद हुए दुखद तरीके से NSG के लेफ्टिनेंट COL निरंजन सिंह उस वक़्त शहीद हो गए जब वे एक बम्ब निषक्रीय कर रहे थे.प्रधान मंत्री ने इस की कठोर शब्दों में निंदा की और पकिस्तान का नाम लिए बिना मानवता के दुश्मनों की कार्यवाही बताई और दिल्ली लौटते ही उच्च स्तरीय बात ची की.अभी तक १३-१४ जनवरी से शुरू होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत ख़तम होगी या नहीं इस पर कोइ फैसला नहीं लिया है.इस पुरे ऑपरेशन में पंजाब पुलिस पर सवाल भी उठते की जब हमले के बारे में पूर्व सूचना थी और अगवा पुलिस अधीक्षक की बातो पर क्यों नहीं अलर्ट हुयी !पंजाब पुलिस को शंका है की ऐसे अँधेरे में बिना किसी स्थानीय लोगो की मदद के आतंकवादी इतने अन्दर नहीं घुस सकते और कितने थे और कितने ग्रुप में इसपर पता लगाने की कोशिश हो रही है.ऐसी शंका है की दिल्ली में भी कम से कम २ आतंकवादी घुस आये है और देश की सवेदनशील जगहोमे हाई अलर्ट जारी कर दिया गया और सब लोग होशियार है.लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओ ने जिस तरह की गंदी राज्नीतीं खेली उसकी निंदा होनी चाइये.टीवी डिबेट में भी पाकिस्तान के प्रव्क्तावो को कोइ अफ़सोस नहीं लेकिन लगता है की सेना बातचीत से खुश नहीं और ये समय जहाँ हमारे प्रधान मंत्री के लिए अग्नि परीक्षा का वक़्त है पकिस्तान के लिए भी बहुत कठिन होगा क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ पुरे विश्व में रोष है.यदि पकिस्तान आतंकवाद से चिंतित है ख़तम करना चाहता और भारत से दोस्ती तो उसे सईद और अजहर और दुसरे आतंकवादी संगटनो पर कठोर कार्यवाही करनी पड़ेगी वही पंजाब में सीमा के नजदीक और सुरक्षा बढ़नी पड़ेगी.कुछ खालिस्तान समर्थक भी आतंकवादियो को मदद कर सकते है ऐसी भी शंका है.लेकिन देश पकिस्तान से बातचीत करेगा लेकिन आतंकवाद के साथ नहीं ये प्रधान मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है परन्तु इस पर राजनीती नहीं होनी चाइये.६३ घंटे के ऑपरेशन के बाद २ और आतंकवादी मारे गए,हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के यूनाइटेड जिहाद कौंसिल पाकिस्तान ने ली है आर्मी आताक्वाडियो को जिंदा पकड़ना चाहती थी इसलिए इतना समय लगा ये सूचना मंत्री अरुण जेटली ने दी है.पकिस्तान को ३ दिन का समय दिया गया के जैस ऐ मोहम्मद पर बैन लगाया जाये पकिस्तान की हालत ये है की एक आतंकवादी अपनी माँ को पाकिस्तान में फ़ोन से बात करता और माँ कहती किमारने के पहले खाना खा लेना जिससे लगता की माँ को जेहादी बन्ने में कोइ अफ़सोस नहीं ये इस्लाम की गलत शिक्षा है.इस देश को भगवान् ही रक्षा करे.इससे सब बातचीत बंद कर देनी चाइये!
रमेश अग्रवाल ,कानपुर
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