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देश के अन्दर छिपे दुश्मनो को राजनेताओ का संरक्षण -कुर्सी के पीछे देश की सुरक्षा की भी परवाह नहीं

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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malda-kamlesh-tiwari759-620x400जय श्री राम लगता है नया साल २०१६ हमारे देश के लिए बहुत मनहूस साबित हो रहा.पठानकोट में आतंकवादी हमले के देश के सवेदनशील और बेहद ज़रूरी एयर बेस  को उड़ने की योजना हमारे सैनिकोने अपना वलिदान दे कर नाकाम कर दी  जिसके लिए देश उनका आभारी है. और फिर उत्तरी पूर्वी ११ प्रदेशो में भूकंप के झटके जिसमे बहुत नुक्सान हुआ इसके पहले दिल्ली,कश्मीर में  भी भूकंप के झटके आये थे.!एक तरफ देश पाकिस्तानी पोषित आतंकवाद से ग्रस्त है कुछ राजनेता मुस्लिम वोटो की वजह से देश में स्थानीय आराजकता को बढ़ावा दे रहे जिसमे केरल और पच्छमी बंगाल मुख्य रूप से बदनाम है.जिस वक़्त देश का ध्यान पथानकोट आतंवादी हमले में व्यस्त था मालदा पच्छिम बंगाल की सडको पर २.५ लाख मुस्लिम घंटो हुरदंगा करते रहे पुलिस स्टेशन को जला दिया,पुलिस वालो को मारा उनकी वर्दी जला दी और सडको में करीब २० वाहन  जला दिए आस पास के हिन्दुओ के मकानों दुकानों को लूट कर बंधक बनाया जला दिया पुलिस बल बुला ली गयी लेकिन मूक दर्शक बने रहे ऐसी तोड़फोड़ और आगजनी घंटो बिना किसी रोक थाम के चलती रही और २ दिन बाद भी किसी की गिरफ्दारी नहीं हुई केवल एक चैनल जी न्यूज़ ने इस समाचार को दिखया बाकी सब चुप है बीएसएफ की गाडी पर भी आगजनी कर दी गयी घंटो वे बलबा करते रहे कुछ नहीं हुआ करीब एक महीने पहले उत्तर प्रदेश में हिन्दू महासभा के एक नेता कमलेश तिवारी के खिलाफ आरोप लगा कर की उसने मोहम्मद जी के खिलाफ आपतिजनक टिप्पणी की है हफ्तों प्रदर्शन किया जिसे सरकार ने पकड़ कर जेल में रख दिया उसको फांसी देने की मांग पर ये प्रदर्शन पहले भूपाल,मुज़फ्फरनगर और टोंक (राजस्थान) और कई दुसरे शहरो मे कर चुके .टोक में isis के झंडे फहराते देश विरोधी नारे लगाये जिसपर ९ लोगो के खिलाफ देश द्रोह का मुकदमा दर्ज है परन्तु मालदा में एक महीने बाद कमलेश को फांसी की मांग पर प्रदर्शन करना और तोड़ फोड़ आगजनी और ग़दर करना समझ से परे है और ऐसे वक़्त जबकि देश आतंकवादी हमला का शिकार है और पूरा देश उसपर ध्यान दे रहा.पुरी घटना पर प्रदेश के मुख्य मंत्री ममता बनर्जी या किसी अन्य नेता की चुप्पी मुस्लिम वोट बैंक को दर्शाती है क्यों की प्रदेश में इसी साल चुनाव होना है और ममता किसी भी हालत में ३०% मुसलमानों के वोट लेने के लिए देश की सुरक्षा से भी समझौता करने को तैयार है जो हमारे कुर्सी के लालची नेताओ की मानसिकता को दर्शाता है.पच्छिम बंगाल में जेहादी पहले भी बम्ब बनाते और राष्ट्र विरोधी कार्यो में संलंग मिले और ममता के दल के बहुत से अधिकारी पहले भी जेहादी कार्यो में संलिप्त पाए गए .सबसे ज्यादा खतरनाक है की अभी तक किसी के खिलाफ न तो रिपोर्ट लिखी गयी न ही कोइ गिरफ्दारी हुयी कुछ दिनों बाद मामला ख़तम हो जाएगा और इस समुदाय की हिम्मत और बढेगी और फिर वे ममता को क्यों वोट नहीं देंगे क्योंकि उनके लिए सब खून माफ़ है लेकिन क्या ऐसे हालत देश की सुरक्षा ले लिए सही है आज जहाँ पूरा विश्व किसी भी तरह के आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा देश में पच्छिम बंगाल या केरल की सरकारों का इस तरह मुस्लिम तुष्टीकरण देश के हित में नहीं और इसकी निंदा होनी चाइये परन्तु मोदीजी को बात बात पर कोसने वाला मीडिया इतनी गंभीर घटना पर क्यों चुप समझ से परे है !उम्मीद है केंद्रीय सरकार इस पर गौर करेगी देश पर असहिष्णुता पर हमला करने वाले और अवार्ड लौतालने वाले इस पर क्यों चुप शायद फिर किसी चुनाव की घोषणा का इंतज़ार कर रहे?पता नहीं हमारी देश भक्ति क्यों कम होती जा रही है ?मुस्लिमो ने दिखा दिया की उनके लिए पहले मुसलमान बाद में भारतवाशी !

रमेश अग्रवाल,कानपुर

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