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हेडली इशरत और सेकुलर नेता

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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DavidHeadley
73425_355316204581612_635063511_nजय श्री राम पाकिस्तानी के आतंकवादी दाउद गिलानी जो अमेरिका में डेविड कोल्मैन हेडली का नाम से रह रहा था आतंकवादी गतिविधिओ में संगग्न के चलते अमेरिका में पकड़ा गया जिसने वहां की अदालत में विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से   भारत में २६/११ और दुसरे आतंकवादी घटनाओ के बारे में बताया था उससे पूछने के लिए यूपीए सरकार ने खुफिया ब्यूरो के एक अफसर को पूँछ ताछ के लिए अमेरिका भेजा था जिसने २६/११ के अलावा इशरत जहाँ जो अहमदाबाद में अपने ३ साथिओ के साथ गुजरात पुलिस के द्वारा एक गुप्त सूचना पर मुठभेड़ में मारी गयी थी  गयी थी जो लस्कर तोएबा की आत्मघाती हमलावरों की महिला सदस्य थी और जिसको सेकुलर नेताओ ने मोदीजी को जो उस वक़्त गुजरात के मुख्य मंत्री थे, और दुसरे बीजेपी नेताओ को फ़साने के लिए निर्दोष बतया और मुठभेड़ को भी फर्जी जबकि उस वक़्त  के गृह मंत्रालय और सीबीआई ने गुजरात हाईकोर्ट में हलफनामा  देकर इशरत को आतंकवादी माना था लेकिन बाद में गुजरात के एक कांग्रेसी नेता जो १० जनपथ के बहुत नजदीक है और राज्य सभा के सदस्य है उनके दवाब में गृह मंत्री ने हलफनामा ही बदल कर कहा की इशरत के आतंकवादी होने के कोइ सबूत नहीं.इस मामले में बहुत राजनीती हुई और खुफिया ब्यूरो के अफसर राजेंद्र कुमार जिन्होंने इशरत के बारे में खुफिया जानकारी डेरे थी उनके खिलाफ आरोप लगाने का प्रयास किया .राजेंद्र कुमार ने खुलासा किया की उन्हें लालच दिया गया था की वे यदि झूट बोल कर मोदीजी के खिलाफ बोल दे तो उन्हें अवकाश के बाद ५ साल तक अच्छी पोस्टिंग दे दी जायेगी.लेकिन उन्होंने मना  कर दिया.जो अफसर अमेरिका जा कर हेडली से जानकारी प्राप्त की थी उसे भी हटा दिया गया.सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने  पिंजरे का तोता बताया था और चिदाम्ब्रण ने मिलकर सरकार के उच्च लोगो के कहने से ये राजनीती खेली थी. अब जानिये इशरत जहां का पूरा सच.२८ फरबरी २००२ में गुजरात के गोधरा स्टेशन में सावरमाती एक्सप्रेस में अयोध्या से कुछ लोग वापस आ रहे थे जिनकी बोगी एस -६ में आराजक मुसलमानों की ब्घीद ने डिब्बे को बाहर से बंद करके ११ग़ लगा दी जिससे ५६ लोगो की जल कर मृत्यु हो गयी इसकी प्रतिक्रिया स्वरुप पुरे गुजरात में हिन्दुओ ने गुस्सा में  आकर मुसलमानों पर आक्रमण किया जिसके फल स्वरुप दंगे भड़क गए उस वक़्त के गुजरात के मुख्य मंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने पुलिस को बुलाकर दंगे रोकने के हुकुम दिए और पड़ोस के ३ राज्यों से पुलिस फाॅर्स माँगा परन्तु नहीं मिला ३ दिन बाद दंगे बंद हुए जिस में मुसलमानों के साथ बहुत से हिन्दू भी पुलिस गोली से मारे गए बस इस पर सेक्युलर नातो ने राजनीती शुरू कर दी गोधरा में मारे हिन्दू की हत्या की निंदा न कर दंगे में मुसलमानों के मरने पर आंसू बहाने लगे क्योंकि इनको केवल उनके वोटो की चिंता रहती इस पर खूब राजनीती हुई बाद में मोदी को SIT ने निर्दोष सावित कर दिया लेकिन मुस्लिम देशो ने NGO को खूब पैसा देकर प्रदेश सरकार और मोदी को बदनाम करने की कोशिश की केंद्रीय सरकार ने तीस्ता सीतलवाद को धन दे कर उकसाया जिसने अमेरिका और बाहर के देशो में ऐसा दर्शाया की हिन्दुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं ये वही नेता है जिन्होंने कश्मीर में हिन्दुओ के निष्कर्षण पर एक शब्द नहीं कहा.पकिस्तान के लश्कर तोएबा ने इशरत जहाँ शमीम राजा जो एक माध्यम मुस्लिम परिवार से थी और कॉलेज में पढ़ती थी को ३ लोगो के साथ मोदी की हत्या करने को भेजा था जिन सबको  गुजरात की पुलिस ने खुफिया विभाग की सूचना पर  अहमदाबाद के बाहरी इलाके में १५ जून २००४ को मार गिराया सेकुलर नेता इस इशरत को निर्दोष कहते रहे और मुठभेड़ को फर्जी जबकि लश्कर ने पकिस्तान में अपनी वेबसाइट में इशरत को अपना सदस्य बताया जो शहीद हो गयी,इस पर सीबीआई ने गुजरात हाई कोर्ट में केस रजिस्टर करा औग.२००८ में सीबीआई ने इशरत को आतंकवादी मन था लेकिन फिर दवाब में हलफनामा बदल दिया और कहा की उसके आतंकवादी होने के कोइ सबूत नहीं है.जिन लोगो ने इस मुठभेड़ में भाग लिया उन्हें पकड़ा गया.सितम्बर २००९ में अहमदाबाद मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट ने कहा की इशरत और उसके ३ साथिओ को अपहरण करके फर्जी मुठभेड़ में मारा गया २०१० में गुजरात हाईकोर्ट ने ३ सदसीय SIT का गठन किया जिसके खिलाफ राज्य सरकार की सर्वोच्च्य न्यायालय ने अपील खारिज कर दी.बाद में हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को दे दिया और फिर संलंग्न आफीसर जी  एल सिंघल,DG बंजारा AJG पांडे को गिरफ्तार किया और खुफिया ब्यूरो के रहेब्न्द्र कुमार को तलब किया लेकिन गरिय मंत्रालय ने उनके खिलाफ जांच की अनुमति नहीं दी. मामला अब भी अदालतों में चल रहा लेकिन हेडली के खुलासे से इन सेकुलर नेताओ की पोल खुल गयी और टीवी डिबेट में वे हेडली को ही झूठा और जबरन व्यान देने की बात कह रहे परन्तु जिस तरह उसने २६/११ इशरत और दुसरे आतंकवादी घतानो का विस्तृत वर्णन दिया उसने ये दिखा दिया की हमारे देश के सेकुलर नेता रहनीति,कुर्सी और मुस्लिम वोटो के लिए किसी हद तक जा कर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने में भी नहीं हिसकते.इसने ये भी दिखा दिया की डॉ मन मोहन सिंह की कुछ नहीं चलती और सोनिया गांधी ही सब फैसले लेती थी याद होगा की बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने तो इशरत को बिहार की बेटी बताया था अब ये सब नेता असहज मह्सूस कर रहे जबकि मीडिया और बीजेपी उनपर आक्रमक हो कर उनसे देश से माफी मागने को कह रहे.जो वो नहीं करेगे आज की कुछ घटनाओ ने उनका असली चेहरा उजागर कर दिया है.इन दसब घटनाओं से उन सैनिको पर क्या प्रभाव पड़ेगा जो देश के लिए अपनी जान भी न्योछावर कर देते.अमेरिका और वेस्ट के देशो में देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली राजनीति नहीं होती देश सर्वोपरि है क्या हमारे देश के नेता कुछ सीखेंगे ?

रमेश अग्रवाल, कानपुर

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