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मैकाले के वंशजो के कारनामे -भारतीयता से नफरत और विरोध

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम मैकाले ने ब्रिटिश सांसद की विदेश समिति के सामने २ फरवरी १८३५ को  कहा था की भारतीय बहुत मेहनती है होई भीख नई मांगता कोइ गरीब नहीं किसी चीज का आयत नही  करते बहुत स्वस्थ्य है और घरो में सोना भरा है उनकी शिक्षा पद्धति बहुत अच्छी है और इसके होते उनपर राज्य नहीं कर सकते हमें ऐसी शिक्षा शुरू करनी पड़ेगी जिससे भारतीय अपने संस्कृति,इतिहास,धर्म ,अतीत की उपलब्धियों और महापुरुषओ के प्रति हीन भावना रक्खे बाद में इंग्लिश शिक्षा लागू करने के बाद कहा की इससे ऐसे भारतीय पैदा होंगे जो अन्दर से अँगरेज़ होंगे जो हमारी नीतियों को समर्थन करेंगे और हमारे जाने के सैकड़ो सालो तक हमारे गुण गायेंगे .आज देश में जो घटनाएं घाट रही वे सब मैकाले के कथन को सच साबित कर रहे.आज़ादी के बाद शिक्ष वाम समर्थाकी लोगो के हाथ में दे दी गयी जिससे उन्होंने मैकाले से भी ज्यादा भारतीय विरोधी बना दिया,असर में वाम डालो की सोच है की भारत एक राष्ट्र नहीं है और उन्हें इसकी अखंडता को कभी मान्यता दी उनकी सोच भारतीयता विरोधी थी इसीलिये ज्यादातर विश्वविद्यालय में इनकी विचारधारा के प्रोफेसार नियुक्ति करके छात्रों में भी अपने विचारधारा थोपने का कार्य शुरू किया कांग्रेस ने जानते हुए भी सत्ता के लिए इसका विरोध नहीं किया.इनकी विचारधारा का ही परिणाम है जे एन यू हैदराबाद और जाधवपुर विश्वविद्यालयओ में जो देश विरोधी कार्यक्रम हुए और जिस तरह संसद पर हमला करने वाले और दुसरे आतंकवादियो का समर्थन कर देश के टुकड़े तक की बात कर दी ऐसी हरकते पहले भी होती थी लेकिन वोट बैंक की वजह से कुछ नहीं किया गया इस वक़्त जब सरकार ने कार्यवाही की सभी कुर्सी के लालची नेताओ जिसमे राहुल गाँधी,नितीश,केजरीवाल,लालू आदि थे ने विरोध करना शुरू किया.आज देश में जो आर्जकता अपराध है उसकी वजह हमारी गलत शिक्षा  नीति है जो केवल रोजगार आधारित है इसमें मूल्यों पर आधारित नातिकता गायब है.अपने पच्छिम देशो से शराब,फैशन,ड्रग्स तलाक अश्लीलता  तो शीख ली लेकिन राजनातिक नैतिकता और नागरिक कर्तव्यों को नहीं सीखा .आजादी के वक़्त गांधी जी ने कहा था की कांग्रेस को भंग कर देना चाइये क्योंकि इसके नेता देश को अंग्रेजो से भी ज्यादा लूटेगे जो सच हो रहा आज राजनीती देश और समाजसेवा न हो कर स्वयं और परिवार सेवा बन गया नेताजी ने कहा था की आज़ादी के बाद कुछ सालो तक पुनर्निर्माण की जरूरत होगी आज जो सबसे बड़ी कमी है वह राष्ट्रीय चरित्र का अभाव है अमेरिका के राष्ट्रपति जान केनेडी ने देशवाशियो से एक बार कहा था की ये न सोचो की देश ने तुमको क्या दिया ये पूछो तुमने देश को क्या दिया.आज ज्यादातर लोग अपनी हित की बात करते देश को भूल ही गए.हम लोग बेकार की बर्बादी को नहीं सोचते हड़ताल के वक़्त सर्लारी सम्पति को जला देबना मुफ्तखोरी कामचोरी और सब बुईयाँ हां गयी सभी देश से लेना चाहते लेकिन अपने कर्तव्यों के बारे में नहीं सोचते.यहाँ बहुत से सांसद अपने बंगले समय से नहीं खाली करते सरकार का बहुत सा पैसा बकाया रहता प्रदेश और नई दिली में मुख्या मंत्री अ,प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति के लिए बंगले दिए जाते जबकि विकासशील देशो में पद से अलग होने के बाद फ़ौरन अपना मकान करते अनुशासन इतना की कोइ ट्राफिक नियम नहीं तोड़ता समय से ऑफिस जाते घूश या सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता सरकारीसम्पति और पानी बिजली खाने की बर्बादी नहीं होती हमारे यहाँ कोइ फिकर नहीं करता जहाँ मन हुआ पेशाब कर दी थूक दिया कीड़ा फेंक दिया कोइ ज़िम्मेदारी या सामाजिक चेतना नहीं सब मुफ्तखोरी में विश्वास करते समारोह में बड़ी दावतो में इतने अन्न की बर्बादी होती कोइ फिकर नाहे करता की इसे गरीबो में दे दे.!देश के पूर्वे केंद्रीय मंत्री और न्यायविद छागला जी एक बार रूस में जाकर जब वापस आये तो आरएसएस के संचालक गोल्वार्कार्जी उनके पास गए और पूँछ की भारत और रूस के बीच में क्या अंतर है तो उन्होंने एक घटना बताई की एक बार वे एक खेल मैदान गए और खिलाडियों से पूँछ की तुम लोग कितने घंटे खेलते हो तो उत्तर मिला ६-७ घंटे  छागला जी आचार्य में पड़ गए और पूंचा इतना समाया क्यों तो जवाब दिया “दुनिया के देशोमे अपने देश का मान बढ़ने के लिए.हम लोग चाहते कि हमारा देश हर खेल में विजय प्राप्त करे “अर्थार्थ वहां हर बच्चा खेल के मैदान से लेकर प्रयोगशाला में अपने देश के लिए खेलता,शोध करता हुआ मिला.यही हाल अमेरिका,ब्रिटेन,फ्रांस,जापान,जर्मनी का है.!एनी बेसेंट से किसी ने पूंचा की विश्व के पुराने और नए देशो में भारत की क्या विषीशतठा है तो वे बोली”भगवन ने भारत को जो दिया वह किसी भी देश को नहीं दिया किन्तु जो दुसरो को दिया वह सब भारत को दे दिया.उन्होंने कहा भारत को ऐसा धर्म प्रदान किया जिसमे समस्त सृष्टि का योगक्षेम और प्राणिमात्र को धारण करने की शक्ति है सौंदर्य,विधि,न्याय,पंथ-सम्प्रदाय कर्मकांड आदर्श,मर्यादा सबकुछ उस धर्म में संमहित है.इसलिए यदि कोइ समस्त संसार में ईशवरीय दें को किसी एक भूमि पर पूंजीभूत देखना चाहता तो उसे भारत की धरती पर जाना होगा.मनीषी मैक्समूलर ने अनेक वर्षो तक यहाँ रह कर वेदों और उपनिषद का अध्यन करने के बाद कहा था भारत में ही मानव मानस का अपूर्व,आलौकिक और पूर्ण विकास हुआ है,जहाँ मानव जीवन की गहनतम गुत्थियो को सुलझाया और जिसकी प्रशंसा प्लेटो और कांट के भक्त भी करते और जो हमारे अंतर्मन को और जीवन को पूर्ण सर्वव्यापी और मानवीय बनता ,जो जीवन का भौतिक रूप ही नहीं निखरता बल्कि उसे अनादी, अनंत और सनातन जीवन में रूपांतरित भी कर देता !आयरिश कन्या भगिनी निवेदिता ने भारत के लिये कहा था “ये भूमि सर्वदा विशिस्ट और भिन्न है जिसके कण कण में परमेश्वर की ली पवित्रता विशेष रूप से व्याप्त है ये धर्म की भूमि है !ईश्वर ने दुनिया के दुसरे देशो को केवल उपासना पद्धति और कर्मकांड दिए परब्न्तु भारत को ऐसे तत्त्व ज्ञान का दर्शन दिया जिसमे जड़  चेतन समाया हुआ है और जिसकी अनुभूति और कल्पना से समस्त  संसार वंचित है इसीलिये भारत धर्मगुरु है और विश्व जिसका शिष्य है.!दुःख है की हमारे यहाँ अभी भी देश के गौरव,राष्ट्रीय इतिहास महापुरुष आदि और अतीत  के बारे में बताना पड़ता है हमारे यहाँ आज़ादी के बाद राष्ट्रीय चरित्र की कमी है जिससे राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र हित को को हर क्षेत्र में सर्विपरी रखने की इच्छा शक्ति ही राष्ट्रीय चरित्र की पहचान है.अन्य देश भौतिकता से जिसमे भोग और शरीर है से जुड़े भगवन से नहीं.त्याग और सृष्टि की मंगलमयता से नहीं दुसरे देशो के पास विज्ञान  किन्तु मनुष्यों में निहित ईश्वरीय सत्ता नहीं !इतना होते आज वोट बैंक की राजनीती ने सब कुछ ख़तम कर दिया मोदीजी के प्रधानमंत्री से इतना आहात हुवे की देश की सारी समस्यों को भूल मोदी का विरोध ही एक राजनीती विन्दु रहा गया.वोटो के लिए जाती,पाती,धर्म,भाषा,क्षेत्र की घटिया  राजनीती करके देश को कमज़ोर बना रहे हाल में जो घटनाएं हुयी शर्मनाक है वोटो के लिए आपस में लड़वाने की राजनीती का गन्दा खेल खेला जरह अब दलितों को हिन्दुओ से अलग कर मुस्लिमो के साथ जोड़ कर नया  गठजोड़ बनाने की कोशिस हो रही जैसे हाल में जे.एन यू विश्वविद्यालय में देखने को मिला जिसमे खुले आम देश को बातमे के नारे लगे परन्तु कुर्सी के लालची नेताओ ने उसका भी समर्थन किया इसी तरह इशरत जहाँ जो एक आतंकवादी थी उसको निर्दोष साबित के लिए पिछली सरकार ने हलफनामा बदल दिया.आज केरल उत्तर प्रदेश असम पच्छिम बंगाल कट्टरपन्थियो का अड्डा बन गए जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया.ओवैसी  आज़म खान और दुसरे नेता टीवी डिबेट में भी खुले आम ज़हर बोलते क्योंकि उन्हें अपने वोटो की कीमत मालूम है ओवैसी कहता छाए जी कर लो भारत माता की जय नहीं कहेगे ,गलत सन्देश दीखता.आज अंग्रेजो की फूट डालो राज्य करो की नीति राजनेता कर रहे आज मैकाले का कथन सही साबित हो रहा.जिसतरह मुस्लिम नेता खुले आम अपनों के गलत कारनामो का पक्ष लेते , तुष्टीकरण नीति का नतीजा है सर शर्म से झुक जाता जब टीवी में डिबेट देखते.हमारा मीडिया भी राजनीती से प्रेरित है और  दो भागो में बट गए एक तो खुले रूप में मोदी विरोध के रूप में काम कर रहा.अपराधी भ्रष्टाचारी खुले घूम रहे क्योंकि न्याय्य व्यवस्था चरमरा गयी है !इसलिए देश को बचने के लिए राष्ट्रीय चरित का बनाना बहुत ज़रूरी जिसके लिए शिक्षा  में अमूल चूल परिवर्तन की ज़रुरत है जिससे राष्ट्र हित ही भावना सिखाई जाये.वैसे मैकाले की भविष्य वाणी बिलकुल सच साबित हुई.हमारा राष्ट्र भाग्य शाली की इतने मह्हपुरुशो को जिसमे भगवन राम और कृष्णा जी भी है दिए .परन्तु हॉल की घटनाएं चिंतनीय है आज हिन्दू कहना,धर्म,इतिहास संस्कृति की बात करना सम्प्रदाहिक हो कटा.दादरी की घटना को इतना कवरेज दिया गया जब हिन्दू मरे चुप लाशो लो भी धर्म जाति से देखा जाता.हिन्द धर्म ग्रंथो,वेदों पुरानो में गलती निकली जाती लेकिन इस्लाम  पर कुछ नहीं बोलते.किसी मुस्लिम ने राष्ट्र विरोधी हरकतों की निंदा नहीं की.उम्मीद है ब्रिटेन में संसद एक दिन भी नहीं स्थगित हुई जब यहाँ तो पुरे सत्र बेकार हो जाते हमें राष्ट्रीय भावना और हित के बारे में सोचना चाइये और उम्मीद है इस सरकार में सुधार आएगा.

रमेश अग्रवाल,कानपूर

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