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विएतनाम के नायक छत्रपति शिवाजी

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम ये देश का दुर्भाग्य है की पहले अंग्रेजो ने और आजादी के बाद कांग्रेस ने वाम पंथी विचारधाराओं वाले विद्वानों के हाथ शिक्षा और इतिहास की बागडोर सौप दी जिन्होंने हमारे महापुरुषो सनातन धर्म संस्कृति,इतिहास अतीत की उपलब्धियो को बहुत ख़राब तरह से दिखा कर  देशवाशियो को दिमाग को दूषित कर दिया जिससे वे ओने देश के महँ लोगो के बारे में सच नहीं जान पाए.सुभाष जी को कुत्ता भगत सिंह को आतंकवादी और शिवाजी महाराज को लुटेरा पढ़ाया जाता रहा जबकि इन और अनेक महापुर्शो ने जो कार्य किये थे उनकी मिशले मिलना काम है बहुत से ऐसी हस्तिया है जिनका विदेशो में बहुत आदर होता है ऐसे एक शिवाजी की मिशल जो कल्याण के मार्च २०१६ में छापी यहाँ प्रस्तुत है !” विएतनाम -इस छोटे से देश ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को धुल चटाई थी लगभग २० वर्ष चले इस युद्ध में अमेरिका परास्त हुआ था.युद्ध के बाद वेएतनाम राष्ट्राध्यक्ष से पत्रकारों ने प्रश्न पूंछा की आओ अमेरिका को कैसे हरा पाए?युद्ध कैसे जीता?इसपर उन्होंने उत्तर दिया ,”वास्तव अमेरिका जैसी महाशक्ति को हराना असंम्भव है लेकिनुसी महाशक्ति से जूझने के लिए मैंने एक महान रजा का चरित्र पढ़ा !उससे मिली प्रेरणा से मैंने युद्धिनीति बनाई उसी को लागू किया और आसानी से विजय पाई.आगे पत्रकारों ने पूंछा कौन था वह महान राजा?विएतनाम के राष्टाध्यक्ष अपने स्थान पर खड़े हुए और आदर से कहा “छत्रपति शिवाजी महाराज”आगे उन्होंने कहा की यदि ऐसा रजा हमारे देश में पैदा होता तो आज हम पुरी दुनिया पर राज करते !इसको पढ़ कर सभी देश वशियो का सीना गर्व से फूल कर चौड़ा हो गया होगा केवल वाम दलों और सेकुलर ब्रिगेड पर बिजली गिर गयी होगी.!कुछ वर्षो बाद वहां के राष्ट्राध्यक्ष की मृत्यु हो गयी !उन्होंने अपनी समाधी पर जो व्वाक्य लिखने के लिए कहे थे वे थे “शिवाजी महाराज का एक सैनिक समाधिस्थ हुआ “!ये वाक्य  आज भी कोइ देख सकता  है !कुछ वर्षो बाद वाहन की विदेशमंत्री का भारत का दौरा हुआ.तय राजकीय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें लाल किला और गांधी जी की समाधी दिखाई गयी लेकिन ये दिखाते समय उन्होंने पूंचा -शिवाजी महाराज की समाधी कहाँ है ?तब भारत सरकार सन्न रह गयी और उत्तर दिया -रायगढ़ !विएतनाम की विदेश मंत्री रायगढ़ पहूंची और शिवाजी महाराज का दर्शन किया !उसके बाद उन्होंने रायगढ़ ली मिट्टी उठाई और अपने बैग में डाल ली !इसका कारन पत्रकारों द्वारा पूंछे जाने पर मंत्री महोदय ने कहा की यह मिट्टी शूरवीरो की है !इसी मिट्टी में शिवाजी जैसे महान चरित्रवान रजा का जन्म हुआ !अपने देश वापस जा कर ये मिट्टी मई अपने देश की मिट्टी में मिलाऊँगी,जिससे हमारे देश में भी ऐसे ही शूर वीर पैदा हो.अफ़सोस की बात की आजादी के बाद देश में क नेहरु गांधी परिवार को ही महामंडित किया गया और देश के महान शूरवीरो को बुला दिया गया एक राष्ट्रीय स्मारक इतिहास के महान शूरवीरो का होना चाइये

रमेश चन्द्र  अग्रवाल ,कानपुर

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