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कानपुर का ऐहितिहासिक भव्य होली का समापन और गंगा मेला

भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम पुरे देश में होली का त्यौहार एक दिन के बाद ख़तम हो जाता लेकिन कानपुर  ही ऐसी जगह है जो कई दिनों तक चलता और अनुराधा नक्षत्र  वाले दिन इसका समापन होता इसके पीछे १९४१ का ऐहितिहसिक घटना है जबसे इसका चलन शुरू हुआ था.कानपूर स्वतंत्रता संग्राम में खास स्थान लगता और क्रांतिकारी समय समय पर अपने छिपे दिनों में आते जिनको यहाँ के सामाजिक,बुद्धिजीविओ और व्यापारियो से तरह तरह की मदद मिलती ऐसे में जब भी पुलिस को कई लोगो को इकट्ठा होने की सूचना मिलती पुलिस फ़ौरन पहुँच जाती थी.चन्द्र  शेखर आजाद अपने साथियो के साथ आते और गणेश शंकर विद्यार्थी  और झंडा ऊंचा रहे हमारा के गीतकार श्याम लाल गुप्ता पार्षद की कर्म  भूमि थी.कानपूर से ३0 किलोमीटर दूर जगदीशपुर गाव में २० मार्च १९२६ को शहीद भगत सिंह और राजगुरु जी होली खेलने आये थे और वहां पूजा की थाली एक मुस्लिम ला कर होली जलाता है जो प्रथा अब भी चल रही है.और जब इन लोगो की फांसी का समाचार इस गाव पहुंचा तो गाव में विरोध के साथ कई पुलिस वालो को मार दिया और थाने में आग लगा दी.कानपूर में होली का सञ्चालन प्रसिद्ध बाज़ार हटिया से होता जहाँ रज्जन बाबु पार्क में होली जलाई जाती १९४१ में इस पार्क में शहर के कई सभ्रांत साहित्यकारों व्यापारियो और स्वतंत्रता सेनानियो को बुला कर होली जलने के बाद जब रंग खेलने का समाया आया पुलिस ने १० लोगो को पकड़ कर गंगाजी के किनारे बनी जेल में ले जा कर बंद कर दिया जिसके विरोध में शहर के पूरे बाज़ार बंद कर दिए गए और तरह तरह का विरोध किया !कई दिनों बाद उन्हें जेल से छोड़ा गया उसदिन अनुराधा नक्षत्र था !जेल के बाहर हजारो लोग उनके स्वागत में खड़े थे सबने गंगा जी में स्नान किया और उत्सव मनाया.चूंकि उसवक्तकानपुर में बहुत सी मिले थी और पूर्व का मानचेस्टर कहलाया जाता था इसलिए शहर में बाहर से भी बहुत लोग रहते थे शहर उस वक़्त कुछ इलानके में ही बसा था तबसे होली का समापन अनुराधा नक्षत्र में किया जाता और बाज़ार तब तक बंद रहता जब तक होली मेला न हो जाए.इस बार सोमबार २८ मार्च को होगा इसदिन हटिया से होली का ठेडा निकलता जिसमे रंग भरे रहते हजारो लोग ढोल मजीरे  DJ पर नाचते देश भक्ति के गाने गाते शहर के विभिन्न मिहल्लो से घूमता वापस हटिया में समाप्त होता फिर शाम को गंगा जी के किनारे होली मेला होता जिसमे विभिन्न राजनैतिक दल ,सामाजिक संगठन प्रश्श्निक और सरकारी विभाग अपने शिविर लगा कर एक दुसरे से मिलते होली की बधाई देते और पूरा शहर एक तरह से इकट्ठा हो कर एकजुटता का सन्देश देता बहुत से लोग गंगा जी में स्नान करते पूजा करते और इस तरह होली का समापन होता.इस साल इस घटना के ७५ साल पूरे हो रहे इसलिए कुछ खास कार्यक्रम आयोजित होंगे जैसे बुधवार को प्रभात फेरी निकली गयी जिसमे बहुत से लोग शामिल हुए लोगो ने देश भक्ति के गीत गाये झूमे और आरएसएस के लोगो ने शहीदों को श्रध्दान्जली   एक कवी सम्मलेन आयोजित किया गया लेकिन मेले के दिन जलूस में २८ झांकिया निकली जायेगी जो विभिन्न शहीदों के ऊपर आधारित होंगे.हमारे यहाँ त्यौहार सामाजिक समरसता और भाईचारे के होते है इसलिए इस दिन जाती पाती,धर्म भूल कर सब लोग शामिल होते.ये शालीनता और हंसी ठिठौली का त्यौहार है लेकिन कही अश्लीलता की सीमा पार हो जाते  और कही हिन्दू मुस्लिम झगडे हो कर तनाव होता है.आज कल सेल्फी का चलन हो गया.पहले याह बच्चे होली के लकड़ी के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए लोगो के अंगैछे और काँटा लगा कर लोगो की टोपिया उतर लेते और पैसे लेकर लौटते थे लेकिन अब ये बिलकुल ख़तम हो गया.१९४१ के बाद शहर का बहुत बिस्तार हो गया इसलिए पुराने मोहल्ले को छोड़ ज्यादातर जगह एक दिन बाद स्थानीय मेले हो जाते लेकिन शहर में होली अनुराधा नक्षत्र वाले दिन ही होता.१९४५ में आर्यनगर ने एक दिन की होली का निर्णय लिया पुराने कानपूर नवाबगंज में अंग्रेजो के समाया से इसी क्षेत्र में रंगयात्रा निकली जाती और शाम को गंगाजी के किनारे मेला होता था यहाँ ३ दी बाद होता है.इस बार पानी बचाने के लिए सूखी होली खेलने का अनुरोध किया गया और प्रदुषण बचने के लिए होलोका दहन में लडकी की जगह गोबर के बल्ले रह्कने का आयोजन किया गया अब कानपूर में होली का समापन सोमबार को गंगा मेले के साथ होगा इसदिन सभी सरकारी दफ्तर बाज़ार पुराने शहर में बंद रहते इतने दिनों बाज़ार बंद करने का एक कारन था जिससे बहार के कर्मचारी अपने घर जा सके.इस तरह कानपूर के साथ देश में होली का त्यौहार  अगले साल की उम्मीद के साथ होकर समापन होता.इन दिनों लोग अपने रिश्तेदार के यहाँ जाते और गिफ्ट एक्सचेंज करते इस त्यौहार में चीनियो ने देश के बाज़ार में विभन्न तरह की पिचकारियाँ ला कर कब्ज़ा कर लिया जिससे बचना चाइये तरह तरह के गिफ्ट पैकेट बना कर बाज़ार ने भी इसे आधुनिकता में बदल कर असली परंपरा ख़तम होती गयी.होली के पवन पर्व पर आप सबलोगो को हार्दिक शुभकामनाये और बधाई

ganga-Melaरमेश अग्रवाल कानपुर

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