दिल्ली का दादरी काण्ड डॉ नारंग की क्रूर हत्या सेक्युलर ब्रिगेड चुप क्यों?
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम दिल्ली के विकासपुरी के पास जी झुग्गी झोपडी वालो की बस्ती है जो दिल्ली सरकार के वोट बैंक है क्योंकि सरकार ने मुफ्त पानी दिया और मुफ्त मकान का वायदा किया लेकिन वहां के अपराधी हरकतों पर विराम लगाने की कोशिश नहीं की गयी और यदि पुलिस किसी को पकडती नेता लोग सिफरिश कर छुड़ा लेते जिससे उनका हौसला बढ़ा हुआ और पुलिस क़ानून से कोइ डर नहीं !जी न्यूज़ ने विकासपुरी में एक टीवी प्रोग्राम डॉ नारंग की हत्या के बाद दिखया था जिससे ये सब चीजे उजागर हुई.२४ मार्च को भारत की बांग्लादेश के ऊपर जीत से विकासपुरी के डॉ नारंग भी खुशी मना रहे थे और अपने ८ साल के बच्चे के साथ छत पर रब्रर के गेंद से खेल राये थे इतने में गेंद सड़क पर आ गिरा उसे लेने जब वे नीचे आये देखा की एक स्कूटी जो नासिर नाम का व्यक्ति एक नाबालिग के साथ तेज रफ़्तार से चला रहा था डॉ नारंग ने गली में इतना तेज चलने को मन किया तो दोनों के बीच में कहासुनी हुई और नासिर डॉ को धमकी दे कर चला गया और १५ मिनट बाद कुछ लोगो को लेकर लौटा जिन्होंने डॉ के घर पथराव करना शुरू कर दिया जब डॉ नारंग बाहर आये तो उन्होंने लाठी डाँडो से मारना शुरू कर दिया उनके रिश्तेदार बचाने आये उनको भी पीटा लेकिन अफ़सोस की मोहल्ले के कोइ लोग बचाने नहीं आये हस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत्यु घोषित कर दिया गया.असल में उनकी हत्या वही कर दी गयी थी.पुलिस ने ९ लोगो को पकड़ा जिसमे ४ नाबालिग थे इस हत्या के बाद भी मीडिया ने बहुत हलके तरीके से साधारण अपराध की तरह दिखया और बीजेपी को छोड़ किसी भी दल के नेता डॉ. के परिवार के घर नहीं गए.दादरी की घटना को एक महीने तक दिखने और डिबेट करने वाला मीडिया इस घटना पर चुप जी न्यूज़ और इंडिया टीवी ने अच्छी तरह दिखया कोइ भी सेक्युलर राजनैतिक नेता या दल ने न तो निंदा की न ही परिवार से मिलने गए.मूर्ख बुद्दिजीवी जो दादरी में असहिष्णुता के नाम पर अपने अवार्ड वापस कर दिए थे इसपर बोलती बंद रही जो लोग असहिष्णुता के नाम पर देश को बदनाम कर रहे थे शाहरुख खान आमिर खान जो दादरी के बाद बहुत बोल रहे थे और देश छोड़ने की बात कर रहे थे अब चुप क्यों शायद सेक्युलर मीडिया नेता और बुद्दिजीवियो के लिए मुस्लिम की हत्या ही खबर है हिन्दुओ की हत्या पर फर्क नहीं पड़ता विकासपुरी वाले लोगो ने बताया की वहां अक्सर ऐसी घटनाएं होती परन्तु पुलिस fir भी नहीं लिखती .चूंकि इस मामले में हत्या हो गयी इसलिए रिपोर्ट लिखी गयी लेकिन नाबालिग होने की वजह से ये छूट जायेंगे और फिर किसी की हत्या या अपराध की सोचेंगे.विकासपुरी में सब संभ्रांत नागरिक रहते जो सरकार को टैक्स पे करते लेकिन सरकार उनकी सुरक्षा तक भी नहीं दे सकती.याद होगा कर्नाटक में प्रशांत पुजारी ,पुणे में एक हिन्दू की मजहब पूँछ कर हत्या करदी गयी केरला में आये दिन हिन्दुओ की हत्याए होती आगरा में एक दलित हिन्दू विहिप कार्यकर्ता की हत्या हुई पच्छिम बंगाल में भी यही हॉल लेकिन मीडिया नेता बुद्दिजीवी चुप रहते क्योंकि उनके लिए मुस्लिम की हत्या ही अपराध है इसीलिये मुसलमान बहुत आक्रामक है जैसे टीवी डिबेट देखने से पता चलता है दादरी मामले में राहुल केजरीवाल और दुसरे नेता पहुंचे प्रदेश के मुख्या मंत्री ने घर बुलवाया खूब मुहव्ज़ा और सरकारी नौकरी दी लेकिन हिन्दुओ के मामले में ऐसी दरियादिली नहीं दिखाई जाती हिन्दुओ के कतला में जब बीजेपी और हिन्दू संगठन बोलते तो सम्प्रदाहिक कहकर मीडिया और नेता हल्ला मचने लगते यही हॉल डॉ नारंग के मामले में है ये मुस्लिमो द्वारा एक हिन्दू की हत्या हुई भारत की जीत से बौखलात के कारन हुई लेकिन सब बचने में लगे.देश में बहुसंख्यक समाज की कोइ पूँछ नहीं मुसलमानों को विशिस्ट तरह का दर्ज़ा मिला है उसपर भी विदेश के मानवाधिकार संस्थाए देश में अल्पसंख्यको के साथ भेद भाव की शिकायत करते जबकि मामला उल्टा है डॉ नारंग के साथ ऐसा हो रहा क्योंकि वे वोट बैंक का हिस्सा नहीं जबकि मुसलमान सबके लिए वोट बैंक है लेकिन शर्म आती बुद्दिजीवियो पर जो ऐसी कमरे में बैठ कर शराब का पेग पीते व्यान बाज़ी करते यदि उन्हें मानवता से प्यार है तो डॉ नातंग या दुसरे हिन्दुओ के मामले में क्यों नहीं विरोध जताने के लिए अवार्ड वापस करते.हमारा देश ही ऐसा देश जहाँ लाशो को भी धर्म और जाती के चेहरे से देखा जाता है.हिन्दुओ को भी एकजुट होने की ज़रुरत है.
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