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अप्रैल फूल डे मूर्ख दिवस

भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम इंग्लिश शिक्षा ,आधुनिकता और बहु राष्ट्रीय कंपनीज के आर्थिक हित के कारण हम लोगो ने पच्छिम से बहुत सी ऐसी चीजो की नक़ल करनी शुरू कर दी किसका अपनी संस्कृत से कोइ काम नहीं जैसे फादर ,मदर.डॉटर फ्रेंडशिप डे, वैलेंटाइन डे जो इंग्लिश संस्कृति के लिए टीक है हमारे यहाँ इनका कोइ औचित्य नहीं इसी तरह एक दिन है जिसे अप्रैल फूल के नाम से जाना जाता जब इस दिन दुसरो को मूर्ख बनाने और मजाक करने का चलन है लेकिन ख्याल रखना चाइये की किसी समुदाय.धर्म,भाषा,जाति, पर मजाक न करे  ठाठ अशीलता से दूर रहे.साथ में किसी के निजी मामले में भी टिप्पणी न करनी चाइये वैसे हमारे यहाँ होली के अलवा हास्य कवी सम्मलेन और मूर्ख सम्मलेन भी लोगो के मनोरजन के लिए होते है.१  अप्रैल को अप्रैल फूल मानाने का चलन पच्छिमी देशो में ज्यादा है हमने केवल नक़ल करी जबकि उनकी राजनीत  में  नैतिकता,अनुशासन,सरकारी सम्पति के प्रति लगन और कार्य पद्धति को नहीं सीखते जबकि फैशन,तलाक़,नग्नता बड़ी जल्दी सीख ली.अप्रैल फूल कबसे शुरू हुआ इसके बारे में कोइ अधिकारिक कारन नहीं परन्तु कई किवदंतिया प्रसिद्ध है.!१५६४ से पहले यूरोप के सब देशो में एक सा ही कैलंडर जिसे जूलियन कलेंडर कहते थे जो १ ली अप्रैल से शुरू होता था लेकिन १५६४ में राजा  चार्ल्स नवं ने नया कलेंडर शुरू किया जिसे gregorian कहते थे जो आजकल की तरह १ ली जनवरी से शुरू होता था.कुछ लोगो ने इसे नहीं माना  तब नए लोग १ अप्रैल मनाने वालो को झूठे गिफ्ट्स देने लगे और मजाक करने लगे तबसे १ अप्रैल फूल डे मनाने जाने लगा.दुसरी मान्यता का सम्बन्ध १३९७ चांसर के कैटलबरी टेल्स में पाया जाता है इसमें उसकी किताब में कैटल बरी नाम से एक किस्से का जिक्र है जिसमे इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वतीय और bohomia की रानी की सगाई ३२ मार्च १३८१ को होने की घोषणा की जाती है जिसे सबलोग सही समझ कर मूर्ख बन गए.चुकी ३२ मार्च के माँने १ अप्रैल था इसलिए १ अप्रैल को अप्रैल फूल या मूर्ख दिवस मानाने जाने लगा.तीसरी किवदंती है की बहुत पहले यूनान में एक बोक्सर नाम का राजा था उसने एक दिन रात में सपना देखा की एक चींटी ने उसे जिन्दा निगल लिया जब सुबह सो कर उठा तो सपने की बात सोच जोर जोर से हसने लगा रानी के पूंछने पर उसने सपने की चीटी द्वारा जिन्दा निगलने की बात कही जिसे सुन रानी भी जोर से हसने लगी उसी वक़्त एक ज्योतिष आया उसने सुनकर कहा की आज के दिन आप  खूब हंसी मजाक और मूर्खता वाली बात करे चूंकि उसदिन १ अप्रैल थी इसलिए इसदिन अप्रैल फूल मनाया जाना लगा.इस दिन के बारे में कुछ प्रसिद्ध घटनाएं हुई उनको कुछ को यहाँ दिया जा रहा है.

1मिशिगन अमेरिका के हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा ने अप्रैल फूल के दिन दुसरी सहेली को एक पटाका फेंक कर मारा जो लौंड्री में रक्खे कपड़ो की बास्केट में गिर गयी जोर से आग लग गयी जब तक फायर  ब्रिगेड पहूंची बहुत नुक्सान हो गया था और पूरा हॉस्टल असुरक्षित घोषित किया गया.

२.कानपूर की गोविन्दपुरी स्टेशन में एक आदमी ने ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली पुलिस ने जब मोबाइल से घर वालो को बताया तोजवाब आया अप्रैल फूल मत बनाओ ३ घंटे इंतज़ार करने के बाद पुलिस ने लाश पोस्ट मार्टम के लिए भेज

दी.    ३.पिछले दिवस १ अप्रैल को दिल्ली में पोस्टर  लगे जिसमे केजरीवाल की राजघाट में बैठी फोटो थी और लिखा था १ अप्रैल केजरीवाल  दिवस पर हार्दिक बधाई ये वही फोटो थी जब केजरीवाल को एक रैली में किसी ने थप्पर मारा था और वे राजघाट में जा कर बैठे थे.     ४.१ अप्रैल १६९८ में लन्दन में एक घोषणा की गयी की आज लन्दन  टावर में श्रीओ के धुलाई होगी बहुरत बड़ी संख्या में लोग पहुंचे लेकिन मूर्ख बन गए.          ५.३१ मार्च १९४० को फिलाडेल्फिया अमेरिका के kvm रेडियो ने घोषणा की की फ्रेंक्लिन संसथान के खगोलविदों ने पुष्टी की की को दोपहर ३ बजे तक दुनिया का अंत हो जाएगा इसे कृपा अप्रैल फूल मजाक से न जोड़े हजारो लोगो के पुरे दिन फोन आने लगे बाद में फ्रेंक्लिन संसथान ने खबर का खंडन किया.                                                                                                                                                                              ६.३१ मार्च १९४६ को हवाई और एल्डतियन में सूनामी की चेतावनी दी गयी लोगो ने अप्रैल फूल समझ ध्यान नहीं दिया १६५ लोगो की जान चली गयी.                                                                                                                                                                                                     ७.१ अप्रैल १९८३ को बास्टन विश्वविद्यालय अमेरिका में प्रसिद्ध इतिहासकार जासफ बास्कन ने एक लेख लिखा की चौथी शताब्दी में रजा constantin ने मजाक में एक कुगेल नाम के व्यक्ति को एक दिन का रजा बनाया उसने एक आदेश दे कर उसदिन राज्य में केवल मूर्ख लोगो को प्रवेश की अनुमति है उसदिन १ अप्रिल्था इसलिऔर sms ए अप्रैल फूल डे शुरू हुआ. एकदो अखबारों ने इस समाचार को प्रकाशित किया और सच समझने लगे कुछ महीने बाद जासफ सामने आये और खबर का खंडन किया.                                                                                                               अप्रैल फूल डे पर एक फिल्म भी बनी थी.वैसे इस दिन १९७६ को एप्पल के कम्पूटर की खोज हुई थी और इसदिन २०१४ को गूगल ने G मेल शुरू किया था.वैसे अब watsapp और sms से कल मेसेज आने का इंतज़ार करे कल का दिन अच्छा बीते येही काना के साथ अप्रैल फूल डे की शुभकामनाये !

रमेश agrawal

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