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जय श्री राम कश्मीर के श्रीनगर में राष्ट्रीय प्राविधिक संसथान ( national institute of techneology nit) ने करीब ३००० विद्यार्थी है जिसमे २०% कश्मीर के और ८०% अन्य प्रदेशो के है.३१ मार्च को वेस्ट इंडीज से भारत की हार के बाद इंस्टिट्यूट में कश्मीरी छात्रों ने जश्न मानते पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जिसका बाहरी छात्रों ने विरोध किया और भारतीय झंडा लेकर हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए.जिन पर दोनो पक्ष में मार पीट हुई ३ दिनों तक प्रदर्शन करते रहे लेकिन प्रबधन ने उनकी नहीं सूनी तब वे गेट से बाहर आ कर पत्रकारों से अपनी समस्यों को बतलाने की कोशिश की जिसपर कश्मीर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया जिसमे करीब ८० छात्र घायल हो गए इसके अलावा उन्हें भारतीय कुत्ते और भद्दी भद्दी गलियां दी जब इस की खबर मीडिया में आई और और लडको की समस्या का पता चला तब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने, शिक्षा मंत्री स्मृति इरानी और पीएमओ के जीतेन्द्र सिंह ने मुख्य मंत्री से बात चीत की और उन्हें बच्चो की सुरक्षा का आश्वाशन मिला मामला संवेदनशील और गंभीर होते केंद्र ने शिक्षा विभाग के वरिष्ट अधिकारिओ की एक टीम भेजी जिसने पुलिस के सामने बाहरी छात्रों से बात चीत की जो बहुत की गंभीर ,चिंताजनक और खतरनाक है .लाठी चार्ज के बाद कैम्पस में सीआरपीएफ की २ कंपनिया और सीमा सुरक्षा बल की तैनात कर दी गयी थी.छात्रों ने बताया की उनको धमकियां मिल रही की चुप रहो नहीं तो फ़ैल कर देंगे ४ साल की डिग्री ६ में साल में मिलेगी छात्राओं में बताया उनसे कहा जाता की रैप करदेंगे फिर बोलती बंद हो जायेगी कहते एक का कर दो बाकी सब चुप रह जायेगे कहते कैम्पस को शमशान में बदल देंगे.!हमें अपने त्यौहार मनाने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती हमारा तिरंगा झंडा छीन ले गए उसे वापस दिलाया जाय टीम ने छात्रों को आई चोट भी देखी जिनमे बहुतो को बहुत गंभीर थी.कश्मीर में राष्ट्र विरोधी हरकते होती परन्तु विश्वविद्यालय में होना चिंतनीय जबकि ८०% छात्र बाहरी है !आगे कहा की कश्मीरी छात्रों का साथ पुलिस देती कहता हम पकिस्तानी है ऐसा ही करेंगे हम पर आरोप लगाया की पत्थर बाज़ी की जो गलत है दोषी पुलिस वालो के विरुद्ध कार्यवाही हो हमें सुरक्षा दी जाए कैम्पस को जम्मू ले जाया जाए.बाहरी छात्रों की मांग है की उन्हें रोज़ गेट पर तिरंगा फहराने दिया जाए.जेएन यू और हैदराबाद विश्वविद्यालय में पुलिस अन्दर नहीं आई यहाँ पर कैसे !आज ७ अप्रैल को शिक्षा मंत्री खुद जा रही और केंद्रीय टीम वही तब तक रहेगी जबतक परीक्षाये ख़तम न हो जाए.इसके बाद जम्मू विश्वविद्यालय के छात्रों ने जम्मू में विरोध जलूस तिरंगा ले कर निकाला.इसी बीच मुख्य मंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक जांच कमेटी बैठा दी और बाहरी छात्रों को सुरक्षा का भरोसा दिया.इस मामले में बहुत गंदी राजनीती हुई जो नेता राष्ट्र विरोधी और अफ्ज़ल्गुरु की बरसी में जेएनयू में गए छात्रों का समर्थन किया आज लगता केजरीवाल,राहुल गाँधी और दुसरे नेता कोमा पर चले गए इसीलिये वे नहीं गए न घटना की निंदा की जी न्यूज़ और एक आध दुसरे चैनलों ने इस् पर विस्तृत से चर्चा की परन्तु भारत माता को टुकड़े करने वाले कन्हैया को हीरो बनाने वालेमेडिया पत्रकार कहीं नहीं दिखाई पड़े लगता या तो पी कर सो गए या विदेशो में छुट्टिय मानाने चले गए.बेचारे बुद्दिजीवी इस मामले में कही दिखाई नहीं दिए.कुछ बीजेपी को ही दोष देते रहे क्योंकि उनकी आदत है की कोइ घटना देश में हो बीजेपी/मोदीजी ज़िम्मेदार ऐसे ही लोग अलगाव्वाडियो को बढ़ावा देतेराष्ट्र विरोधी हरकतों का समर्थन करने वालेनेता पत्रकार इस मामले में चुप क्यों सवाल यही?ये तुच्छ अनैतिक राज्न्नेती है की हर मामले में बीजेपी को ज़िम्मेदार कहते क्योंकि उनकी सरकार है लेकिन येघटना ३१ मार्च से शुरू हिई जबकि सरकार ४ अप्रैल को बनी.इस पर सरकार गंभीर है परन्तु इंग्लिश मीडिया और कुछ टीवी चैनलों का रविय्या बहुत की निंदनीय हो जब हिन्दूओ पर अन्याय होता ये सेकुलर ब्रिगेड चुप लेकिन वाह मुसलमान आप लोग धन्य हो की टीवी चैनल में मुसलमान इस मामले में घटना की निंदा नहीं करते जबकि हिन्दू आपस में ही लड़ते.देश की जनता को खुद संगाम लेना पड़ेगा की राष्ट्र विरोधी और बाटने वालो का सबक सिखाये और कथिद शब्दों में निंदा करे.उम्मीद है समस्या का समाधान हो कर बहारी छात्रों को सुरक्षा मिलने के साथ दोषी पुलिस वालो को सजा मिलेगी.माना की कश्मीर संवेदन्शीन प्रदेश है लेकिन राष्ट्र विरोधी और बाटने वाली राजनीत का! ना ही ये सरकार न ही देश ऐसे हरकतों का समर्थन करेगा हो सकता की वोटो के लालची कुछ नेता ज़रूर कूदे .इशरत को बिहार की बेटी बताने वाले नितीश की चुप्पी उसकी मानसिकता का परिचय देती है.अभी अभी समाचार आया की एक मजिस्ट्रेट जांच बैठाल दी गयी जो १५ दिन में रिपोर्ट देगी.
रमेश अग्रवाल .कानपुर
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