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राष्ट्र और मानवता की सेवा में समर्पित देश का महान रत्न बाबा रामदेवजी

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम विश्व में बहुत कम लोगो होते है जो मानवता की सेवा में निस्वार्थ भाव से  लगे रहते! बिना किसी लालच के ऐसे लोग मानवता के लिए ईश्वरीय कृपा से जन्म लेते है.!बाबा रामदेव जी राष्ट्र के गौरव है जो पिछले कई सालो से देश विदेश में योग,प्राणायाम द्वारा रोग मुक्त जीवन देने की क्रांति में निश्वार्थ भाव से समर्पित है.योग और आयुर्वेद हमारे देश में प्राचीन ऋषियो और मुनिओ की तपस्या की देंन है  और योग को पुनर्जीवित और प्रसारित करने में महर्षि पतंजलि का नाम आता है !वैसे विभिन्न  शहरो में लाखो किलोमीटर की यात्रा कर के करोडो लोग से शिविरों  द्वारा  योग,प्राणायाम की शिक्षा के साथ धर्म,राष्ट्रीयता की अलख जगाने का विश्व इतिहास में ये अनूठा मामला है जिसका विश्व में शायद दूसरा उदहारण न हो.यदि बाबा रामदेवजी किसी अन्य विकसित देश में होते तो उन्हें न जाने कितने अवार्ड के साथ उनपर कितने शोध होते लेकिन हमारे देश में सोनिया के हिन्दू विरोधी होने के कारन उनपर इतने मुक़दमे दायर किये गए,उनपर कितने आरोप लगाए गए.हमारे देश में जब राजतन्त्र में खराबी होती तो ऋषि मुनी उस पर राज्य का ध्यान दिलाते और अच्छे  राजा हमेश उनकी राय की इज्ज़त करते थे.शायद याद होगा जब ४ जून २०११  रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन में किस तरह रात के १२ बजे बाद जब सब लोग सो रहे थे केंद्र की सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने किस बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज किया था जिसमे एक महिला राजबाला की बाद में मृत्यु हो गयी !असल में ये सोनिया गांधी का बाबा रामदेव जी की मारने की योजना थी लेकिन बाबाजी की  अपनी सूझ भूझ से जान बची और हरिद्वार जा कर प्रेस कांफ्रेंस कर के सब घटना विस्तार से बताई! किसी सभ्य समाज में ऐसा नहीं होता लेकिन सोनिया के राज्य में सब टीक है.देश में एक नरेन्द्र मोदी और दुसरे बाबा रामदेवजी पर जितनी बर्बरता पूर्ण हमले यातनाये दी गयी ,अनाप सनाप शब्द इस्तेमाल सेकुलर नेताओ,मीडिया और बुद्दिजीवियो ने किये जिसकी  दुसरी कोइ अन्य मिसाल नहीं  लेकिन दोनों बिना किसी की परवाह किये अपने कार्य में लगे रहे और आज दोनों सफलता के उच्च शिखर पर है.!बाबा ने अन्ना हजारे के आन्दोलन में भी एक दिन का अनशन किया था.!देश में कालाधन वापस लाने  के लिए वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सत्याग्रह किया और पुरे देश में घूम घूम कर इसके लिए  लोगो जागृत किया!. .असल में रामदेव जी पुरनी भारतीय  संस्कृति योग और आयुर्वेद का प्रचार और प्रसार करने में लगे और देश विदेशो में उनकी बहुत प्रशंसा मिल रही लकिन इस स्वदेशी आन्दोलन से बहुराष्ट्रीय कंपनीज परेशांन  है क्योंकि उनकी दुकाने बंद हो रही.ये ही कंपनीज विभिन्न तरीको से रामदेव जी का बदनाम करने और उनके उत्पादों को निम्न स्तर का सिद्ध करने में लगातार प्रयत्न कर रहे लेकिन सफलता नहीं मिल रही और् रामदेवजी  की कम्पनी  पतंजली द्वारा तैयार सामान को भारतीय खुले दिल से अपना रहे.ये सामन सस्ते के साथ शुद्धि और फायेदेमंद होते और इसमें पुरानी पद्धति को फिर से जीवित किया गया जिसके लिए देश उनके प्रति कृतज्ञ है.!याद होगा संबसे पहले उन्होंने कोका कोला,पेप्सी ऐसे ड्रिंक्स को टॉयलेट क्लीनर बताया था तब लोग मजाक उड़ाते थे लेकिन आज सच सामने आ गया.लार्ड मैकाले ने ब्रिटिश शिक्षा पद्धति शुरू करते कहा था की ऊपर से  भारतीय देखने में भारतीय लगेगे लेकिन मन से अँगरेज़ होंगे वे हमारी नीतिओ को अपनायेगे और अपनी संस्कृति,धरम,सभ्यता और अतीत से घृणा करते हमारे जाने के बाद भी हमारे गुण गायेंगे और  आज सही साबित हो रही आज सेकुलरिस्म के नाम पर नेता,मीडिया और बुद्दिजीवी मैकाले के पद्चिन्हों  पर चल रहे इसीलिये आज तक अंग्रेजो द्वारा लिखित  इतिहास हमें पढाया  जा रहा और आधुनिकता के नाम पर भारतीयता से नफरत देखी जा सकती.!सोनिया मैडम की सरकार ने जनता और रामदेवजी की आवाज़ दबाने की कोशिश की लेकिन आज रामदेवजी लोगो के स्वाश्थ्य सुधारने,बीमरिओ से बचाने  ,सस्ती दवाओ का उत्पादन कर देश की सेवा कर रहे है. उनकी स्वीकृति का इसी से अंदाज़ा लगया जा सकता की देश में सुबह ५ बजे लाखो लोग आस्था टीवी के सामने बैठ कर उनके बताये आसनों को करते उनको सुनते और लाभंतित होते यदि फायेदा नहीं होता तो लोग नीद छोड़ कर टीवी के सामने नहीं बैठते .विदेशो में भी उन्होंने शिविर लगाये और लोगो को प्रशिक्षित किया इसके अलावा उनके द्वारा  योग सीखे लोग जगह जगह दुसरो को सिखाते और इस तरह ये अब देश के कोने कोने में फ़ैल गया है.और बहुत से योग शिक्षक बन कर काम में लगे है.!उनका जन्म ११ जनवरी १९७१ को हरियाणा के सारणी गाव में पिता  राम निवास यादव और माँ गुलाबी देवी के यहाँ हुआ था और उनका नाम राम कृष्णा था.गाव के स्कूल में आठवी तक शिक्षा ले कर फिर खानपुर गाव  के गुरुकुल  में आचार्य योगाचार्य वलदेव जी से   संस्कृत  और योग सीखी.उन्होंने बचपन में ही सन्यास ले लिया और रामदेव जी के नाम से जाने लगे.वे बचपन में बहुत मोटे थे तभी से योग करना शुरू किया.!बाद में वे हरिद्वार आ गए और उनको योग करते देख आस्था टीवी ने उनसे अपने टीवी में योग के लिए समय माँगा और यही से देश में योग की क्रांति शुरू हो गयी.धीरे धीरे विश्व में उनके द्वारा बताया  योग अपनाया जाने लगा और विश्व की बहुत हस्तियाँ उनसे जुड़ गयी देश में शिल्पा शेट्टी और अमिताभ बच्चन भी है.हमारे प्रधान मंत्री भी सुबह योग और ध्यान करते है.१९९५ में हरिद्वार में “दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट “की स्थापना  की और इसके साथ ब्रिटेन,अमेरिका,नेपाल,कनाडा मारीशस में भी स्थापित किये. जिसमे योग,प्राणायाम,के साथ बाद में आयुर्वेदिक दवाइयां और दुसरे रोज़मर्रा में इस्तेमाल  करने वाली चीजे बननी लगी. आयुर्वेदिक दवाई में ट्रस्ट के सचिव आचार्य बल कृष्णा जी का बहुत बड़ा सहयोग रहा इन्होने पुराने भारतीय पांडूलिपिओ को पढ़ कर विभिन्न पेड़ पौधों जडी बुटीयो से दवाई बनाना शुरू किया.उन्होंने एक बहुत आधुनिक कारखाना  दवाई और दुसरे उत्पादनों के लिए बनाई है जिसमे शुद्धता का पूरा ख्याल रक्खा जाता इसके अलावा विभिन्न जगहों और स्थानों  से कच्चा माल मग्वाते है.लोगो को जागृत करने और मदद के लिए योग पर और घरेलू बीमरिओ  पर एक पत्रिका हर महीने निकलती तथा योगप्राणायाम के लिए सीडी ,वीसीडी भी बना कर बिकते है.हर शहरो में इन दवाइयों को बेचने के लिए दुकाने है जहां प्रशिक्षित  वैध देखकर दवाई देते है.इस तरह जनता को किसी तरह की तकलीफ नहीं होती अब आन  लाइन सामान मागने की भी सुविधाए शुरू की गयी.!हरिद्वार आश्रम में अक्सर योग शिविर होते जिसके लिए पहले से  नाम लिखवाना होता!पुरी व्यवस्था बहुत ही सुचरित तरह से ऐसे चलती जिसमे जनता को कोइ तकलीफ न हो अब देश विदेश में योग,प्राणायाम,अध्यात्म.वैदिक शिक्षा,आयुर्वेद का प्रचार प्रसार में लगे और टीवी माध्यम तथा  शिवरों के माध्यम से लगे है.भ्रष्टाचार और काले धन की वापसी के लिए व्यापक अभियान छेडा  और आजकल राष्ट्र निर्माण में प्रमुख भूमिका निभा रहे.स्वच्छ भारत अभियान में भाग लिया और हरिद्वार और ऋषिकेश को स्वच्छ करने के लिए गोद ले लिया.!सैनिको और पुलिस वालो को भी योग सिखाया और इसकी शुरुहात जैसलमेर से की.नोएडा में पुलिस को सिखया था.!योग और उनके सामान ऑस्ट्रेलिया के अलावा विभिन्न देशो में आसानी से मिलते है.उनके योग शिविर में सभी समुदाय के लोग भाग लेते है.देवबंद में मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया था.तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश के कुछ मुस्लिम संगठनो ने उनके सामान की वहिष्कार के लिए फतवा जारी कर दिया की गो मूत्र  से बना सामान इस्तेमाल करना इस्लाम विरोधी है.उनके मेहनत  का ही फ्ल है कि प्रधानमंत्री  २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित करवा सके जिसमे पिछले साल १५० से ज्यादा देशो ने भाग लिया था.इसके लिए उन्होंने हरयाणा और दिल्ली में अभ्यास शिविर लगाये थे और हरयाणा के ब्रांड अम्बेसडर भी है.!उन्होंने देश की सबसे बड़ी  पतंजली योगपीठ की स्थापना की और देश की विभिन्न भाषाओ में  योग पत्रिका  प्रकाशित होती जिसकी सदस्य संख्या १० लाख के करीब है !इन्होने हरिद्वार में दिव्य फार्मेसी की स्थापना की जिसमे प्राचीन ज्ञान एवम अध्यातुनिक वैज्ञानिक पद्दति से उच्च गुणवत्ता युक्ता आयुर्वेदिक और दुसरे पदार्थ बनाये जा सके.और ये सरकार से मान्यता प्राप्त है.! योग के साथ कृषी क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए !५०० करोड़  २००६ में  सबसे बड़े पतंजलि फ़ूड एवंम हर्बल पार्क की स्थापना सरकार के खाद प्रसस्करण उद्योग के सहयोग से बालकृष्ण जी के निर्देशन में की ५०० करोड़ रु की लगत से इसके लिए कच्चा माल जैविक खेती द्वारा प्राप्त होता जिसके लिए कुछ गावो में इस तरह की खेती करवाई जाती जिससे १५००० लोगो को रोज़गार मिल सका और अब उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में निवेश की तैयारी है !हरयाणा के किशनगढ़ वसेदा में एक गुरुकुल विश्वविद्यालय की स्थापना जिसमे गुरुकुल वातावरण में आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन विषयों की शिक्षा के साथ विद्यार्थियो का सर्वगौण विकास हो सके इसके २ कैम्पस है. गिननेस बुक ऑफ़ रेकार्ड्स ने बहुत से अवार्ड अपने किताबो में लिखे होंगे लेकिन रामदेवजी का रिकार्ड ऐसा जिसका दूसरा और नहीं.एक आदमी ने वर्षो साइकिल में घूम कर एक मिसन के तहत अवित्रत योग की अलख पुरे देश में जगी और बिना टीवी.,रेडियो ,फोटो टेक्नोलॉजी के करोडो लोगो से व्यक्तिगत तरीके से मिलकर योग सिखया टीवी में उनके दर्शको की संख्या करीब २५० मिल्लियन है गिनेस को इसको भी रिकार्ड में लेना चाइये.उनको उनके काम के  लिए बहुत से पुरूस्कार और मानक  उपाधियों मिली जिनकी सूची बहुत लम्बी है कुछ यहाँ दिए जा रहे.इंडिया टुडे में लागतात दो सालो तक देश के ५० प्रभावशाली लोगो में शामिल.एसोचम द्वारा ग्लोबल नालेज मिलेनियम अवार्ड,एमिटी (नॉएडा) और बेरहामपुर विश्वविद्यालयो द्वारा डाक्टरेट की मानस उपाधी ,राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयतिरुपति द्वारा महामाहोप्ध्यय की मानस उपाधि और महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा जन २०११ में चन्द्रशेखरनन्द सरस्वती अवार्ड दिया..रामदेवजी देश के कोहिनूर की तरह राष्ट्र और मानवता की सेवा में लगे हुए है और हम उनके लम्बी उम्र की प्राथना करते जिससे वे मानवता और देश की सेवा में लगे रहे.वर्ष २०१५-१६ में पतंजलि सामानों की बिक्री रु ५००० करोड़ हुई जो प्रबंधन के कारन हुआ इससे गोदरेज ऐसे लोगो ने भी चिंता जाहिर की.सामान बहुत अच्छे होते हम मंजन,बिस्कुट,साबुन,मुरब्बा वगैरह इस्तेमाल करता कोइ खराबी नहीं.

रमेश अग्रवाल,कानपुर download (2)download (3)cm4839

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