- 366 Posts
- 488 Comments
जय श्री राम मथुरा में जवाहर बाग को अवैध रूप से कब्जे करने वाले आंदोलकारियो से इलाहबाद हाई कोर्ट के आद्देश के बाद पुलिस द्वारा खाली करवाने में जिसतरह की हिंसा आगजनी और आराजकता दिखाई दी उससे बहुत से सवाल उठते है.ऐसी बड़ी हिंसा बिना राजनातिक संरक्षता के नहीं हो सकती.ये बाग अप्रेल २०१४ में सागर(मध्य प्रदेश) से दिल्ली कूच करने वाले आंदोलनकारियो को मथुरा में रोक कर उन्हें २ दिन सभा करने और ठहरने की इज़ाज़त थी.लेकिन सवाल उठता है की पुरे २ साल तक क्यों नहीं खाली करवाया गया और इसबीच वाहन लोगो ने झोपडी बना ली ३०००० लोग को हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित किया इतनी संख्या में हथियार,बारूद,इकठा किये गए और किसी को कोइ जानकारी नहीं !इस पुरी हिंसा और साजिस का नेता गाजीपुर के एक गाँव का रहने वाला राम बृक्ष यादव नाम का एक व्यक्ति है !इस हिंसा में मथुरा के पुलिस अधीक्षक मुकुल द्रिवेदी और थानेदार (s.o)`संतोष यादव मारे गए.असर में जो खबरे है उसके हिसाब से प्रदेश सरकार ने ९९ साल के पट्ठे पर इस २८० एकड़ में फैले आम,बेर करोंदा के बाग़ को देने की तैयारी कर ली थी और इसिलिए प्रशासन चुप बैठा था लेकिन मथुरा के एक वकील विजय पाल तोमर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अवैध कब्ज़े हटाने के लिए मुक़दमा दर्ज कार्य २० मई २०१५ को हाई कोर्ट ने कब्ज़ा हटाने का आदेश दिया न हटाने पर अवमानना का मथुरा प्रसाशन के खिलाफ कार्यवाही और ३ जून तक हटाने का आदेश दिया.कई बार ड्रोन से भी अन्दर के हालत जानने की कोशिश की लेकिन पेड़ो की वजह से पता नहीचल सका वृस्पतिवार २ जून को पुलिस अधीक्षक और कुछ लोग हटाने के लिए गए लेकिन पहले से तैयार कब्सेदारो ने लाठी डंडो हथियारों से हमला कर दिया और गोली चला दी जिससे दोनों अफसर मारे गए और २५ आंदोलनकारियो की मौत हुई.अन्दोलान्करियो ने नक्सल ऐसी हरकते कर के अन्दर की झोपड़ो में रक्खे सामान में आग लगा दी जिससे गैस सिलेंडरो और बारूद में आग लग गयी अफरा तफरी मच गयी.रामबृक्ष पिछली टूटी दीवाल से भगा जहाँ जेल के पास रहने वाले लोगो ने पकड़ कर मारा फिर वह अन्दर भगा जिससे आग में जल कर मर गया पहले तो मरने की पुष्टी नहीं हुई थी लेकिन बाद में सही हुआ.असर में मथुरा का पुलिस प्रशासन कल भी नहीं करा सकता था लेकिन नए आये पुलिस के लोगो ने बहादुरी दिखाते कब्ज़ा लेन मे हुए .हलाकि बाघ के पेड़ो को बहुत नुक्सान हुआ.पुरे प्रकरण में ३२० अन्दोलान्करियो को पकड़ा गया ४७ कट्टे,१४१ राइफिले,बरी संख्या में कारतूस ,और थैलों में स्वदेशी बम मिले.इस ऑपरेशन के बाद पुलिस के अफसरों के व्यान बदलने लगे.सूबे के DGP ने कहा की पुलिस कब्जे खाली करवाने नहीं लेकिन रेकी करने गयी थी जबकि मुख्यमंत्री ने पुलिस की चूक की बात मानी.इसपर सियासत भी शुरू हो गयी .प्रदेश सरकार ने अलीगढ के कमिश्नर से जांच करवाने का आदेश दिया जबकि वोरोधी सीबीआई सर्वोच्च न्यायलाया की निगरानी की मांग कर रहे.इसके पीछे बहुत बड़ी राजनातिक खड्यंत्र लगता है .बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने मंत्री शिवपाल यादव का नाम लिया.उत्तर प्रदेश में पुलिस वालो पर ४ वर्षो में ११०० से ज्यादा हमले हुएऔर इस साल हर ३२ घंटे में पुलिस पर हमले हुए और थानों में जा कर भी अपने चहेते को छुड़ाने के लिए थानों पर् हमले किये गए.बीजेपी/विहिप के कार्यकर्ताओ की भी हत्याए हुई .जनता कह्तीकी जिस प्रदेश में पुलिस सुरक्षित नहीं बे कैसे जनता को कैसे भरोसा हो.वैसे प्रदेश में छोटे छोटे नेता भी बेकाबू है उन्हें कानून का डरहीं.उत्तर प्रदेश की हालत बहुत ख़राब .ये भी कहा जाता की ये आंदोलनकारियो को चुनावों में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया जा रहा था.केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी ने मुख्या मंत्री से बात की हर मदद का आश्वासन दिया तथा पुरी रेपिर्ट माँगी.!प्रदेश सरकार ने दोनों मारे गयेपोलिस अफसरों को २०-२० लाख का मुह्वाज़ा देने की घोषणा की जिसका विरोध शुरू हुआ और १ करोड़ की मांग की गयी.प्रदेश सरकार मुस्लिम अफसरों को जयादा देते हिन्दुओ को कम.प्रतापगढ़ के जियाउल हक को ५० लाख २ को नौकरी ,दादरी के अखिलेश को ४५ लाख एक नौकरी ३ फ्लैट तो इस मामले में भेदभाव क्यों अब बढ़ा कर ५० लाख कर दिया गया.रामवृक्ष यादव पहले १९८० में अहमदाबाद में जयदेव गुरु के दूरदर्शी दल का सदस्य था और जुट के बने कपडे पहनता था.व बाबा से आगे बढ़ना चाहता था इसलिए उनके समर्थको से लड़ने लगा !बाबा की मृत्यु ४ साल पहले हुई थी उसके २ साल पहले उसे बाबा ने निकाल दिया और फिर उन्होंने बाबा के कुछ समर्थको के साथ मिलकर “स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह “बनाया और नेताजी सुभाष को आदर्श मानता और लोगो को कहता की तुम हमारा साथ दो हम तुम्हारी दश बदल देंग!अप्रैल २०१४ में सागर से दिल्ली अपनी मानगो और सत्याग्रह के लिए ३००० समथको के साथ निकला लेकिन मथुरा में रोक दिया गया और जवाहर बैग में २ दिन के लिए इज़ाज़त के बदले २ साल तक जामा रहा.इनकी कुछ मांगे थी.!एक रु में ६० लीटर डीजेल,४० लीटर पेट्रोल ,१२ रु तोले सोना बिके!नेताजी के आजाद बैंक की नोट पुरे देश में चले.प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के चुनाव रद्द हो क्योंकि ये ब्रिटिश की देंन हैपकिस्तान का नाम नहीं होगा आज़ादहिन्द फौज के क़ानून से पुरे देश चले.!पुरे देश में मास खाना बंद होऔर खाने वालो को दंड मिले..नेताजी की मौत को साजिस बताता औत जय हिन्द जय सुबाश के नारे लगता.छोटे छोटे दलो “आजाद भारत विविध विचारक क्रांति जन जागरण ,स्वाधीन भारत और स्वाधीन भारत सुभाष सेना “से सम्बन्ध थे!FB में स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह नाम से एक पेज बनाया गया जिसमे राजनातिक सामाजिक क्रांति और चेतना लेन की बात कहता था.वह अपने दल की तरफ से लोकसभा और विधान सभा चुनाव भी लड़ चूका था.!वह बाबा गुरदेव की गद्दी चाहता था लेकिन न मिलने पर अलग बना लिया.पत्रकारों से बहुत नाराज़ रहता था.मथुरा में बाग में रहने के बाद मध्य प्रदेश जा कर लोगो को ले कर लाया साथ ही स्थानीय लोगो का BRAINWASH करके अपने आश्रम में ले आया और उन्हें लड़ने की लिए प्रशिषित किया.सवाल है की इतने गोला,बारूद,राइफिल२ साल तक जुटता रहा झोपडी बना ली दिवालो पे भड़काऊ नारे लिखे सरकारी बिजली ले ली किसी बहार या सरकारी लोगो को जाने नहीं देता और सरकार लो पता नहीं.इससे लगता की सरकार के ही बड़े नेताओ की मिली भगत से हुआ है.इतना खून खराबा प्रदेश सरकार के दमन पर धब्बा है और अगले साल चुनाव पर असर जरूर पड़ेगा,सच तभी उजागर होगा यदि इसकी जांच SIT से सर्वोच्च न्यायालय के निगरानी में हो .वैसे ये खून खराबा ने देशवाशियो को झकझोर कर दिया .जब पुलिस अधीक्षक को उनके नाबालिग लड़के ने मुखाग्नि दी तो बहुत ही खराब दृश्य था,भगवान् उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे!
रमेश अग्रवाल ,कानपुर
लोगो
Read Comments