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कलंकित होते रिश्ते -मानवता से पशुता की ओर

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम आज कल जब भी समाचार पत्र पढो या टीवी में न्यूज़ सुन कर सोचने पर विवास होना पड़ता की क्या मानव पशुता की ओर बढ़ रहा चोटी चोटी बच्चियों से बलात्कार,पिता का पुत्री के साथ कलंकित रिश्ता,पैसे के लिए लडकी,बहन को बेचना,और सामूहिक बलात्कार जिसमे कभी बूढ़े या नाबकिग लोग भी शामिल होते ,शिक्षक,विद्यार्थी या पवित्र रिश्तो या निकट के सम्बंधियो के साथ कलंकित रिश्ते देख कर लगता की मनुष्य का इतना पतन क्यों हो रहा उसपर भी समाज में हर तरह की स्वतंत्रता की मांग उठ रही.अंग्रेजो के आने के पहले गुरुकुल शिक्षा के साथ मूल्य आधारित शिक्षा के साथ घर में भी माँ बाप दादा दादी द्वारा अच्छे संस्कार दिए जाते लेकिन अंग्रेज़ी शिक्षा के साथ सिनेमा,टीवी और इन्टरनेट और तकनीकी द्वारा हर तरह की अश्लीलता हर एक उपलब्ध सिनेमा ने सबसे ख़राब असर डाला और हंमारी अदालते कहती संसार बोर्ड का काम सर्टिफिकेट देना बाकी जनता खुद तय करे.ये ऐसा की चुम्बक के पास लोहा रख दो और उम्मीद करो की न चिपके .ये कार्य आग में घी के सामन होता,हमारे संस्कृत में कहा गया था की बुरी चीजे देखने,गंदे गाने सुनने से गलत आदतो का जन्म होता जो बहुत ख़राब इसीलिये हमारे यहा बच्चो को संस्कार सीखने पर जोर दिया जाता था और हमारे ऋषि मुनिओ ने बहुत सोच समझ कर कहा था की युवक लोगो को साथ साथ एकांत में नहीं रहना चाइये छाए कोइ भी रिश्ता हो !यहाँ तक पिता पुत्री,बहन भी देवर भाभी,माँ पुत्र को भी मानी थी क्योंकि काम की अग्नि इतनी भयानक होती की उससे बचना बहुत मुस्किल है.लेकिन आज कल पच्छिम से अंग्रेज़ी शिक्षा के साथ सारे अश्लीलता और पच्छिम की बुराई सील्ह ली इसीलिये रिश्तो में इतनी गिरावट आ गयी .बहुत से मामलो में इज्ज़त के डर से मामले सामने नहीं आते.लेकिन हालत बहुत ख़राब है पता नहीं जब संयुक्त परिवार थे सायद उस वक़्त यदि कोइ मामले होते भी तो सामने नहीं आते थे,लेकिन आज के ज़माने में कुछ भी चिप नहीं सकता,

आज जो २ मामले आये उसी ने हमें ये लिखने लो मजबूर किया और इस मामले में आपकी प्रतिक्रियाये अपेक्षित है.

केस न. १-हिंदुस्तान टाइम्स में एक खबर छपी की बिहार के पटना से २४० किलोमीटर दूर मधेपुरा में एक ४२ वर्ष की सास ने  अपने २२ साल के दामाद से शादी कर ली और अब उसकी १९ साल की लडकी सदमे में है की माँ बेटी एक ही घर में एकही आदमी के साथ रहने लगे.लडकी नी मनोदशा बहुत ही ख़राब है.सास आशा देवी अपने बीमार दामाद सूरज को देखने जो बीमार था देखने उसके घर गयी और दोनों में बात चीत में ही प्यार हो गया और उन्होंने कोर्ट में शादी कर ली.आशादेवी का पति दिल्ली में काम करता था इसलिए सास और दामाद में घंटो फ़ोन पर बात होती और बाद में शादी की नौबत आ गयी.जब इस शादी की खबर गाव वालो को लगी पंचायत बुलाई गयी और तय हुआ की चूंकि दोनों को एक दुसरे से प्यार है कोइ कारन नहीं की दोनों को अलग किया जाए.जब दिल्ली में पति को पता चला तो वह गाव आया और अपनी १९ साल की लडकी ललिता को जिसकी शादी २ साल पहले हुई थी और जिसके एक बच्चा भी है को घर ले आया ये कहते की जब सास दामाद एक साथ पति पत्नी की तरह रह रहे इसको वहा रखने का कोइ मकसद नहीं पुलिस कहती की चूंकि कोइ रिपोर्ट नहीं मिली ,वे दोनी एक साथ खुशी से रह रहे और गाव वाले सहमत इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर सकती.सवाल उठता की क्या गाव की पंचायत का फैसला सही था और एक बीबी होते कोर्ट से कैसे शादी हो गयी?

न.२ हमने टीवी में आज सुना की अहमदबाद में एक ४४ साल की टीचर जिसके २ बाचे थे अपने ट्यूशन पढ़नी वाले १८ साल के लड़के से प्यार हो गया और दोनों घर से भाग गए दोनों के परिवार वाले परेशां है और पता लगया जा रहा और उम्मीद है की जल्दी मिल जायेंगे लेकिन लड़के का शायद नुक्सान न हो लेकिन महिला टीचर के पति और बच्चो के साथ कैसे मूह दिखायेगी और क्या उसका परिवार बिखर नहीं जाएगा? ये घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक है लिकिन लगता की इसमें कमी नहीं आयेगी क्योंकि स्वतंत्रता के माइने गलत लगाये जा रहे और महिलाओ और लड़के लडकियो को पूर्ण स्वतंत्रता की मांग होती जा रही.

रमेश अग्रवाल ,कानपुर

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