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प्रधान मंत्री मोदीजी का ५ देशो का सफल दौरा

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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modi-in-maxicoजय  श्री राम जबसे मोदीजी ने देश के प्रधान मंत्री के पद की सपथ ली उन्होंने देश में विकास की धारा बहाते विदेशो में भी देश की छवि को बढाने ,अच्छे सम्बन्ध और निवेश के लिए विदेश के देशो से अच्छे सम्बन्ध बढ़ने शुरू किये और इस सिलसिले में हाल में ६ दिनों में ५ देशो की यात्रा उसका ही एक अंग है.उनका पहला पढाव अफ्घनिस्तान था.4bk6173822b9aa8app_800C450-696x392यहाँ पर भारत ने सलमा डैम ३० करोड़ की लगत से बनवाया और इसको भारत अफ़ग़ानिस्तान फ्रेंडशिप दम कहा जाता जिसका उद्घाटन मोदीजी ने वहा के राष्ट्रपति के साथ किया.ये हैरात शहर में है.अब तक भारत एक अरब दल्लर से ज्यादा की अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए कर चुकी इस से ४२ मेगा वाट  बिजली पैदा होगी.इससे  बहुत जगह सिंचाई भी हो जायेगी !यहाँ से प्रधानमंत्री क़तर की राजधानी दोहा गए जहाँ वहां के अमीर अब्दुल बिन नसर बिन खलीफा अमल थानी से मुलाक़ात की क़तर से भारत ६५% सी एन जी की पूर्ती करता है.मोदीजी ने देश में निवेश के लिए व्यापारियो को बताया की किस तरह की सहूलते भारत व्यापारियो को देता और देश में आने और निवेश का नौता दिया.भारतीयों की समसयाओ के बारे में आमीर से बात की और भरियो की समसयाओ को उठाया ,उनके आने के बाद २३ भर्तियो को क़तर ने छोड़ दिया जो मोदीजी की कूटनीतिक जीत है.अग्रे में एक होटल भी क़तर बना रहा है.यहाँ से मोदीजी जेनेवा  स्विट्ज़रलैंड गए जहाँ राष्ट्रपति जोहानश्रीडर अम्मान से बातचीत की और काले धन के वापस लाने  परswisचर्चा की और nsg और mtcr के लिए समर्थन ले लिया.इसके बाद मोदीजी अमेरिका गए जहाँ उनका दौराबहुत ही सफल रहा उन्हें NSG और MTCR के लिए पूरा समर्थन मिला.सबसे पहले प्रधानमंत्री युद्ध स्मारक गए और श्रधांजलि दी फिर भारतीय मूल की अंतरिक्ष शाही यात्री कल्पना चावला की समधी में गए और श्रधांजलि दी फिर दुसरे अन्तरिक्ष यात्री सुनीता विलियम से उनके पिता के साथ मुलाक़ात की और गुजराती में बातचीत की.!इसके बाद एक समारोह में अमेरिका ने २०० पुरानी कलाकृतियाँ ९० करोड़ डालर मूल्य की वापस की जिसमे १२ वी सदी  की खुजराओ काल की  लाल   पत्थर की मूर्ती,बाहुबली की  ताम्बे से निर्मित एक मूर्ती और गणेश और पार्वती की मूर्तियाँ भी शामिल है .मोदीजी ने कहा की इनकी धन से ज्यादा ये हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है.और हमें इस पर गर्व है.!इसके बाद मोदीजी और राष्ट्रपति ओबामा की वाइट हाउस में १ घंटे तक  मीटिंग हुयी जिसमे बहुत से मुद्दों में समझौते हुए.मुख्य है!१.अमेज़न (amazon)$३ बिलियन और निर्वेश करेगा जिससे उसका विनेश $५ बिलियन हो जाएगा,हैदराबाद में ऑफिस खोलेगे जो साफ्ट वेयर  इंजिनियरिंगऔर विकास केंद्र होगा जो अमेरिका  के बहार सबसे बड़ा केंद्र होगा.!२.स्टार इंडिया जो २१ st सेंचुरी फॉक्स के अंतर्गत कार्य करता अगले ३ सालो में $३ बिलियन निवेश करेगा..३.अगले ५ वर्ष में सोलर पावर ग्रुप “सन लिंक कारपोरेशन”१.४ गीगा वाट सोलर पावर स्थानीय कंपनीज के साथ उत्त्पन्न करेगा.!४.६ न्यूक्लीयर पॉवर प्लांट लगाएगा.जिससे  स्वच्छ उर्जा के निर्माण में मदद मिलेगी. !५.अमेरिकन बिसनेस उद्योगपति अगले २-३ साल में $४५ बिल्लियन का निवेश करेंगे !६.१० वर्षो में विमान वाहक पॉट “विशाल”एअरक्राफ्ट कैरियर तकनीकी देने का समझौता जो प्रशांत और हिन्द सागर में चीन के प्रवाह को रोकने में मदद करेगी पहली बार अमेरिका ने किसी भी देश कजो दी है.प्रधानमंत्री का अगला सबसे महत्वपूर्ण कार्क्रम था अमेरिका के दोनों सदनों को संबोधित करना.इसके पहले नेहरूजी,राजीव गाँधी,नरसिंह राव् अटक बहारी वाजपई और डॉ मनमोहन सिंह संबोधित कर चुके है.अपने संबोधन में उन्होंने स्वामी विवेकानंद,गांधीजी,आंबेडकर जी,मार्टिन लूथर किंग और अटल जी का नाम लिया और कहा की कैसे देश के सविधान बनाने में अमेरिका  की सविधान का इस्तेमाल किया.!आतंकवाद के मामले में बिना नाम लिए पकिस्तान पर हमला किया और इससे लड़ने के लिए एक जुट होने का आवाहन किया.उन्होंने कहा आतंकवाद हमारे पड़ोस से  अफ्रीका तक फैला और अल काएदा,तालिवान, आईएस नाम से जाना जाता.आतंकवाद छोटा बड़ा नहीं होता और इनका काम हिंसा नफरत धर्म के नाम पर फैलाना लेकिन आतंकवाद को धर्म से जोड़ना गलत.२७५४ शब्दों में संबोधन किया इंडो यू एस परिमाणु संधि का जिक्र किया लेकिन मनमोहन सिंह का नाम नहीं लिया क्योंकि  उन्होंने भी अटल जी का नाम नहीं लिया था जब अमेरिका भारत को प्राकर्तिक सहयोगी कहा था.२००८ में मुम्बई आतंकवादी हमले में अमेरका संसद की एक जुटता के लिए और पकिस्तान को फ-१६  बेचने में सब्सिडी ख़तम करने के लिए सदस्यों का धन्यवाद किया.अमेरिका और भारत को करीब लेन में राष्ट्रपति ओबामा का आभार किया.लोकतंत्र के इस मंच से दुनिया के दुसरे लोकतंत्र को ताकत मिलेगी.मजबूत और समृद्ध भारत अमिका रणनीति में फायेदेमंद होगा.भारत के हर क्षेत्र में अमेरिका की भागीदारी बढीं है परमाणु सहयोग समझौते ने द्विपक्षीय रिश्ते में नए रंग भर दिए.उन्होंने कहा की अमेरिका में ३ करोड़ लोग योग करते लेकिन हमने इस बौधिक सम्पदा पर अपना अधिकार का दावा नहीं पेश किया.भारतीय समुदाय के लोग यहाँ के  ३० लाख भारतीयों में सबसे बड़े ceo,वैज्ञानिक,अर्थशास्त्री डाक्टर है यहाँ तक स्पेल्लिंग बी के भी चैंपियन है.सम्ब्रिद्ध और सबल भारत अमेरिका ही नहीं ओउरे विश्व के हित में है.भारत की ८०  करोड़ युवा शक्ति अमेरिका के साथ मिलकर मानवता के कल्याण के लिए कार्य करेंगे.चीन के बढ़ते शक्ति और दवाब रोकने के लिए अमेरिका को मित्र देशो की मदद करनी चाइये.उन्होंने कहा की कोइ भी देश जबरन किसी भी क्षेत्र में अधिकार जमा सकता.!सांसदों ने ८ बार मोदेजी का खड़े हो कर अभिभादन किया और ६६ बार ताली बजा कर.संबोधन के बाद `सांसदों ने प्रधान मंत्री के भाषण को आकर्षित,प्रभवित करने वाला देते बढ़ाई देने के साथ २०१४ के मेडिसन स्क्वायर और सिलिकन वेली की याद दिलवाई !२ सांसदों ने द्विपक्षीय संबंधो `को नई ऊंचाइया देने के लिए एक विधेयक प्रतिनिधि संसद में पेश किया जिसमे भारत को विशेष वैश्विक सहयोगी राष्ट्र का दर्ज़ा देने का प्र्रव्धान है.सांसदों में मोदीजी के ऑटोग्राफ लेने का बहुत जोश दिखा.!२ साल में प्रधान मंत्री ४ बार मिल चुके है.संसद के बहार बहुत बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग इकट्टा हो कर मोदी मोदी और भारत माता के जय के नारे लगा रहे थे.मोदीजी की वजह से अमिका में भारतीयों की हीन भावना ख़तम हो गयी.इसके बाद आखिर पड़ाव मेक्सिको था जहां राष्ट्रपति एनमिक पेन नोटों प्रधान मंत्री को खुद अपनी कार में ड्राइव कर के पसबसे प्रसिद्ध शाकाहारी रेस्तौरेंट ले गए और कहा की हमारे लिए सम्मान की बात है.भारितीय समुदाय ने से मिले और जोरदार स्वागत हुआ.मक्सिको ने भी nsg के लिए भारत का समर्थन किया.आज़ादी के बाद विदेशी नीति में भारत का कोइ  भी प्रधानमंत्री इतना स शक्त साबित नहीं हुआ जितना मोदीजी.केनेडी को छोड़ बाकी सब अमेरिकन  राष्ट्रप्रति भारत के विरोध के वबजूत पाकिस्तान का खुला समर्थ करते रहे और सहायता देते रहे  लेकिन मोदीजी और ओबामा की दोस्ती ने दोनों राष्ट्रों के बीच नहीं सहयोग तकनीकी सैन्य क्षेत्र और आर्थिक ल्षेत्र में मिक्नी शुरू हो गयी.४८ देशो के प्रमुख NSG में न्यूजीलैंड ,तुर्की,ऑस्ट्रिया,दक्षिणी अफ्रीका और आयरलैंड भारत के प्रवेश का विरोध कर रहे और एक के विरोध से मामला अटक जाएगा वैसे अमेरिका और रूस इन देशो को मानाने में लगे और भारत भी कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज कर दी है चीन पकिस्तान को भी चाहता है.२० से २४ जून के बीच इसपर वोटिंग होगी.इस दौरे ने मोदीजी की दूरदर्शिता और प्रभाव को दिखा दोय जो अमेरिका कुछ साल पहले मोदीजी का देश में आने का विरोध कर रहा था आज वही उनके स्वागत में पागल हो गया.इससे देश की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गयी.

रमेश अग्रवाल,कानपुर

१. moorti-1Nuclear-Reactor-
modi-qatar-arrival

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