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क्या आतंकवाद का धर्म से कोइ सम्बन्ध है?(भाग १)

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम जब भी कोइ आतंकवादी घटना होती और उसकी निंदा होती सेकुलर नेता,मीडिया और कुछ बुद्धिजीवी फ़ौरन आवाज़ उठाने लगते की आतंकवाद को कोइ धर्म नहीं होता लेकिन ये बताने में असमर्थ है की सभी आतंकवादी मुस्लिम क्यों होते ,क्यों जिहाद से झोदते,क्यों इस्लामिक चिन्हों का इस्तेमाल करते और क्यों पुरी दुनिया में इस्लामी शासन लागू करना चाहते?कुरान के हिसाब से “मुसलमान वह है जिसकी जुवान और हाथ से दुसरे मुसलमान  सुरक्षित रहे,जो तीर तलवाल की जगह नैतिकता और चरित्र से फैसला करे और हथियार तभी उठाये जब दुश्मन हमला हरे.हमले में महिलाओ ,बच्चो,बुड्ढो,गैमुसल्मान ,घयल और हथियार दाल चुके लोगो पर वार न करे.किसी भी धार्मिक पूजास्थल को ध्वस्त न करे !खेतो,पेड़ो,और जानवरों को नुक्सान न पहुंचाए !मुहम्मद जी ने हदीसी में मुसलमानों की यही पहचान बताई.!कुरान में इस्लाम की यही अर्थ और उद्देश्य बताया !”लेकिन क्या शुरू से मुसक्मान इसपर चलते है?मोहमाद जी ने इस्लाम को बहुत बाद में स्थापित किया और पुरी दुनिया में प्रसार के लिए हिंसा का ही सहारा लिया उन्होंने दुसरे धर्मो के धार्मिक स्थलों को तोडा,जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाने के लिए वध्य किया और न मानने पर कतला कर दिया पुरी दुनिया में हिंसा के बल पर ही फैला.हमारे देश में भी बाबर,अजनवी,गौरी ,तैमूर लंग आदि लोगो ने लाखो लोगो को तलवाल के बल पर इस्लाम में बदला न मानने पर कतला कर दिया,हजारो मंदिरों को नष्ट किया और दौलत लूटी क्या ये कुरान और इस्लाम के अनुरूप है?क्यों नहीं मुसलमान ऐसे अक्रमंकरियो ,ओसामा बी लादेन और  आतंकवादी घटनाओ में लगे लोगो की निन्दा करते?चूंकि मुसलमानों ने इस्लाम की शिक्षा पर अम्ल करना बंद कर दिया इसीलिए बदनाम हो गयी.!इनकी मुख्य कमजोरियां है:-

१.आलोचना को सहन नहीं करना और प्रश्न करने पर ईशनिंदा के आरोप लगा अपराधी काफ़िर घोषित कर  मार डालना.२. दुसरे धर्म  के लोगो को को काफ़िर कह कर दुर्व्यवाह्हर और शोषण करना.३ कुरान की विश्वनीयता और नैतिकता पर सवाल करना ? ४.महोलाओ की स्थिति,पैगम्बर साहिब की अनैतिक बातो पर भडकना और आधुनिकता को न अपनाना ?

इस्लाम को आतंकवादी धर्म इसलिए कहा जाने लगा की सब आतंकवादी मुस्लिम है,वे इस्लामिक राज्य बनाना  चाहते,इस्लाम के चिन्हों,नाम को इस्तेमाल करते.सबसे खोंकार आतंकवादी संगठन IS का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया है.उनके प्रतीक चिन्ह इस्लामिक है और बहुत जगह जैसे हॉल में बांग्लादेश में हुए आतंकवादी हमले में लोगो को कुरान की आयते न पढने वालो को मार दिया.आतंकवाद की पारिभा में है की राज्नातिल,मजहबी या वैचारिक परिवर्तन के लिए हिंसा का सहारा लिया जाए.नेपाल में माओवादी आतंक था क्योंकि वहां राज्सही को हटाकर मावोवादी विचारधारा वाला राज्य स्थापित करना था.इसी तरह नाक्साल्वादी हिंसा के द्वारा राज परिवर्तन चाहते जिसे नक्सल आतंकवाद कहा जा सकता .भएअत में कांग्रेस और सेकुलर नेताओ और मीडिया ने इस्लामी आतंकवाद का नाम उछालने पर उनको खुश करने के लिए और इस्लामिक धर्म से ध्यान हटाने के लिए भगवा या हिन्दू आतंकवाद का नया शब्द खोज कर कुछ उन बम विस्फोटो में जिसमे मुस्लिमो ने जिम्मेदारी ली थी उसमे हिन्दुओ को फंसा दिया जैसे मालेगांव और समझौता  एक्सप्रेस विस्फोट में.ये भारत में इन्ही लोगो ने शुरू किया की आतंकवाद का कोइ धर्म नहीं होता और मीडिया इसीपर जोर देते रहे हालाँकि देश में आतंकवाद २० साल से चल रहा और कुछ पप्रमुख संगठन है.”जैसे मुहम्मद,सिम्मी,लस्करे तोएबा,इंडियन मुज़हुदीन “.देश में करीब ७०,००० लोग इसके शिकार हुए.इतना होते हुए भी आतंकवादियो से कुछ सेकुलर नेताओ,मुसलमानों और मीडिया को कितना प्यार है उनके जन्हासे में उमरी भीड़ या अफज़ल गुरी या याकूब मेनन के लिए समर्थन पर दिखा था.इन दिनों कश्मीर में आतंकवाद बहुत जोरो पर है और जब भी कोइ मारा जाता उसके जनाज़े में भरी भीड़ आ जाती और सेना पर पत्थर फेकना और विरोध जताते लेकिन देश हे सेकुलर नेता और मीडिया निंदा करने से डरता है.वैसे आतंकवाद के लिए सऊदी अरब ज़िम्मेदार है जो मदरसों को बहुत धन देता जहाँ उनकी शिक्षा मज़हवी दे कर ब्रेन वश कर दिया जाता और विश्व में सबसे बड़ी आतंकवादी देश पकिस्तान है जहाँ से पुरे विश्व में भेजे जाते.वैसे आतंकवाद बढ़ने में अमेरिका का बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि अफ्घनिस्तान में रूस को भागने के लिए पाकिस्तानी संगठन तैयार करवाए जो अब विश्व भर के लिए खतरा.९/११ के बाद अमेरिका की आँखे खुली.एक विचार के अनुसार इराक के सद्दाम हुसैन को हटा कर अमेरिका ने गलती की और इसलिए आतंकवाद बढ़ गया.कुरान में कहा गया की गैर मुसलमानों कोम मरने और राज्य स्थापित करने में शहीद होने वालो को खुदा फ़ौरन जन्नत दे देता और उनका स्थान नवाज़ पढने और रोज़ा रखने वालो से ज्यादा ऊंचा होता है !इस्लाम का मतलब अब लूटमार,हत्या,बलात्कार,हो गया और अब मुसलमान आपस में एक दुसरे को मारने लगे पाकिस्तान में पेशवर के स्कूल में सैकड़ो बच्चो को मारना किस धर्म में है क्या अल्लाह इससे खुश होगे?लेकिन अब आतंकवादी बेलगाम हो गए है.आतंकवादी सऊदी अरबिया,पकिस्तान,येमन और भारत के मदरसों में पैदा हो रहे.ये हिंसा या युद्ध से नहीं लेकिन शिक्षा में बदलाव कर के लाया जा सकता है.!इजिप्ट ने जब इजराइल से दोस्ती की तो इसराइली प्रधान मंत्री के सुझाव पर अपनी शिक्षा पद्धति में सुधर किया फिर मलेशिया ,इंडोनेशिया,  मोरक्को येमन ने भी ऐसा ही किया.आतंकवाद मध्य पूर्व अफ्रीका ,यूरोप,दक्षिण पूर्व एशिया,भारत,अमेरिका पाकिस्तान ,अफगानिस्तान  और बांग्लादेश प्रभित है.अभी हाल में सऊदी अरबिया भी इसका शिकार हुआ.दुसरे को आतंकवाद देने वाले पाकिस्तान का भी बहुत बुरा हॉल है.पहले कहा जाता था की मुस्लमान गरीबी उपेक्षा ,अत्याचार के शिकार होने के कारण आतंकवाद में चले जाते लेकिन IS के लिए कार्य करने वाले बांग्लादेश में शामिल या अन्य जगहों में आतंकवादी बड़े पढ़े लिखे और ऊंचे घराने से है.ये सब उनके दिमाग को  नफरत  की भावना से ब्रेन WASH करने के कारन होता.!मुसलमान रमजान में रोटी खाना इस्लाम विरुद्ध लेकिन दंगा और हत्या करना कुरान संमंत मानता.क्यों नहीं मुस्लिम लोग खुले दिल से ओसबिं लादेन या बगदादी की निंदा न कर आदर्श मानते है !नाईजीरिया ऐसे अच्छे शांतिप्रिय देश में बोको हरम आतंकवादी संगठन ने तबाई मचा रक्खी हजारो का कतला किया लडकियो का धर्मपरिवर्तन किया और मौज मस्ती की.!मुसलमान आतंकवाद को इस्लाम का शुद्ध रूप मानते !कुरान  में मोहम्मद जी कहते की आतंकवाद के ही बदौलत ही इस्लाम दुनिया में फैला है और जो लोग जिहाद के जरिये अपनी जान दे देते अल्लाह उनको बहुत प्यार करता.! अप्रैल २०१३ में ISIS बना जिसके पास २ अरब डालर की पूंजी थी जो उसने अपहरण,तेल के कुओ पर कब्ज़ा कर और मुस्लिम देशो से जिहाद के नाम पर लिया आजकल उसके पास विश्व के ९० से ज्यादा देशो के लोग उसके लिए लड़ रहे हमारे देश से बहुत से गए कुछ पकडे गए आजकल केरल के १०० बच्चो का पता नहीं शायद वे भी IS के लिए लड़ने गए.इसके मुखिया जो मारा गया ने अपने आपको खलीफा घोषित करके इस्लामिक राज्य की स्थापना करने की घोषणा की थी भारत और कुछ ३-४ मुस्लिम देशो को छोड़ ज्यादातर लोगो ने इसकी निंदा नहीं की.इसने क्रूरता की सभी हद पार कर दी लोगो के गले काटना,पिंजरे में बंद कर जिन्दा जलना आदि कार्य करके उसके विडियो बना कर पुरे विश्व में दिखा कर कॉफ पैदा करना उद्देश्य है इसने ईरान,इराक,सीरिया,को तवः कर दिया पुरानी सभ्यता के चिन्ह मिटा दिए.येमन के अलावा सऊदी अरब में भी आतंक फैला रहा पेरिस,और कई यूरोप देशो में हमला किया.इससे बड़ी संख्या में लोग मारे.सीरिया और इराक में दुसरे धर्म के लोगो के साथ बहुत क्रूर कार्य किया और औरतो को कब्ज़े में करके गुलाम बना बलात्कार करते रहे,यूरोप अमेरिका और रूस की सेना ने इसपर आक्रमण कर बहुत नुक्सान पूंच्या और इसकी कमर टूट गयी.कुछ मुसलमानों ने बहुत अच्छे कार्य किये जैसे बांग्लादेश आतंकी हमले में जब वे कुरान की आयते न पढने के लिए भारतीय लडकी तारिशी जैन की हत्या पर फ़राज़ हुसैन और मिनट कबीर जो अमेरिकन विश्वविद्यालय में पढ़ते थे खुद को न बचा इंसानियत का फ़र्ज़ निभाया.जब भी कोइ आतानियो की घटना को इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश करता हमारी सेकुलर ब्रिगेड उनका समर्थन न कर यही रत लगते की आतंकवाद का कोइ धर्म नहीं होता.बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ,जे.के की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ,इरफ़ान खान और आमिर खान के बयानों का मीडिया ने समर्थन नहीं किया.यही हॉल कश्मीर में वहां के अलगाववादी नेताओ का जो आतंकवादी के मरने पर कश्मीर बंद कर देते और सेना को मारते उसकी मीडिया निंदा नहीं करती इससे उन लोगो का मनोबल बढ़ जाता मुस्लिम समुदाय भी कश्मीर के इन लोगो की निंदा नहीं करते ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

रमेश अग्रवाल, कानपुर

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