जय श्री राम हमारा देश अध्यात्मिक देश माना जाता जहाँ सभी तरह के धर्मो और विभिन्न मान्यतावो के लिए कुछ पवित्र स्थान है जहाँ भक्त लोग जाते है और जिनके लिए बहुत श्रध्दा होती है !भगवान शिव के वैसे से तो बहुत मंदिर है जो आस्था के केंद्र है लेकिन १२ ज्योतिर्लिंग ज्यादा प्रसिद्द है जहाँ के दर्शनों के लिए लोगो की इच्छा होती.इनके अलावा कश्मीर के अमरनाथजी,और नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर बहुर प्रसिद्द है.लोग कैलाश मान सरोवर की यात्रा पर भी जाते है.जो १२ ज्योतिर्लिंग है उनके वर्णन यहाँ दिए है.इसके लिए एक संस्कृत का श्लोक है जो यह है.
सौराष्ट्रे सोमनाथ च श्री शैले मल्लिकार्जुनम ,उज्जयिन्या महाकालओंकार मलेश्वरम परल्या वैधयनाथं च डाकिया भीमशंकरम ,सेतुबन्धु तू रामेशु ,नागेश दारुकावने
वाराणस्या तू विशेवेश ,त्र्यम्बकं गौतमीतटे,हिमालये तू केदार,घ्रेंषनेष या शिवालये
ज्यादातर ज्योतिर्लिंग में विवरण दिया है विशेष यहाँ अलग से दिया जा रहा.
१.सोमनाथ जी:-प्रभास क्षेत्र में .६ बार धवस्त और निर्माण किया गया..१०२२ में इसकी समृधि को महमूद गजनवी ने सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाया .सरदार पटेलजी ने नेहरु विरोध के चलते पुनर निर्वाण कराया .!४.ओंकारेश्वर:-यहाँ ओंकारेश्वर और मालेश्वर दो प्रथक प्रथक लिंग है परन्तु एक ही लिंग के दो स्वरुप है.!ओंकरेश्वर्जी को स्याम्भु माना जाता है!!भीमशंकर:-सह्यादि पर्वत के एक शिखर का नाम डाकिनी है !शिवपुराण की एक कथा के अनुसार भीम शंकर आसाम के कामरूप जिले में गुवहाटी के पास ब्रह्मपुरी पहाडी पर स्थित है.कुछ लोग इसे नैनीताल जिले में काशीपुर नामक स्थित शिवमंदिर में मानते है.!नागेश्वर :-कुछ इसे हैदराबाद राज्य के अंतर्गत ओढा गाव में मानते और कुछ अल्मोरा से १७ मील उत्तर पूर्व यागेश(जागेश्वर) स्थित शिवलिंग को नागेश मानते है लेकिन गुजरात के ही नागेश्जी को सर्व मान्यता है.
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments