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सप्त तारो (सप्त ऋषियो) के बारे में जानकारी

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम

आकाश मैं चमकने वाले सात तारों के बारें मे :–
सप्त ऋषि… भारत के सात महान संत…

आकाश में सात तारों का एक मंडल नजर आता है… उन्हें सप्तर्षियों का मंडल कहा जाता है… उक्त मंडल के तारों के नाम भारत के महान सात संतों के आधार पर ही रखे गए हैं… वेदों में उक्त मंडल की स्थिति, गति, दूरी और विस्तार की विस्तृत चर्चा मिलती है… प्रत्येक मनवंतर में सात सात ऋषि हुए हैं…

वेदों का अध्ययन करने पर जिन सात ऋषियों या ऋषि-कुल के नामों का पता चलता है… वे नाम क्रमश: इस प्रकार है… 1. वशिष्ठ 2. विश्वामित्र 3. कण्व 4. भारद्वाज 5. अत्रि 6. वामदेव और 7. शौनक

पुराणों में सप्त ऋषि के नाम पर भिन्न-भिन्न नामावली मिलती है… विष्णु पुराण अनुसार इस मन्वन्तर के सप्तऋषि इस प्रकार है…

” वशिष्ठकाश्यपो यात्रिर्जमदग्निस्सगौत ।
विश्वामित्रभारद्वजौ सप्त सप्तर्षयोभवन्।।”

अर्थात् अभी चल रहे सातवें मन्वन्तर में सप्तऋषि इस प्रकार हैं…
1. वशिष्ठ
2.कश्यप
3. अत्रि
4. जमदग्नि
5. गौतम
6. विश्वामित्र और
7. भारद्वाज…

इसके अलावा पुराणों की अन्य नामावली इस प्रकार है:- ये क्रमशः केतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, अंगिरा, वशिष्ट तथा मारीचि है. |

रमेश अग्रवाल,कानपुर 14225501_1319748584732788_7967497291919267334_n

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