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बिहार का आतंक शाहबुद्दीन -बिहार की नई राजनीती

भारत के अतीत की उप्
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images (2)नई दिल्ली: हत्या के आरोप में जमानत मिलने के बाद बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को आज जेल से रिहा किया गया. बाहुबली शहाबुद्दीन को रिसीव करने के लिए कई विधायक पहुंचे हैं. इसके साथ ही भारी संख्या में लोग भी पहुंचे हैं और ७००-८००  कारों का काफिला भी मौजूद है.

शहाबुद्दीन पर 50 से ज्यादा केस चल रहे हैं . इसी शहाबुद्दीन को जेल भेजने के बाद साल 2005 में नीतीश कुमार ने सुशासन का वादा किया था . लेकिन लालू के साथ दोस्ती के बाद अब उनकी पार्टी के नेता शहाबुद्दीन को रिसीव करने भागलपुर पहुंच रहे हैं ११ साल बाद भागलपुर .जेल से छूटते ही कहा की उनके नेता लालू यादव है और नितीश तो परिस्तिथ वश  मुख्यमंत्री बन गए थे और उनके ह्रदय में नितीश के लिए कोइ जगह नहीं.नितीश की तुलना मधु कोड़ा से कर दी.जहां लालू के दल के नेता इसका समर्थन कर रहे वही नीतीश की पार्टी और कांग्रेस शहाबुद्दीन की बात से सहमत नहीं.बीजेपी ने कहा की नितीश ने स्वच्छ शासन देने का वायदा किया तो क्या वे सर्वोच्च न्यायालय में इसके खिलाफ अपील करेंगे.!शाहबुद्दीन के खिलाफ हत्या अपहरण ऐसे जघन्य मामलो के ४० मुक़दमे चल रहे है.अब बिहार में फिर से शाहबुद्दीन का अपराधी  आतंक शुरू हो जाएगा.!उसने ये भी कहा की यदि नितीश का दल अकेले चुनाव लडे तो २०  सीट भी नहीं मिल  पायेगी.

‘सीवान का साहेब’ और अपराध जगत का बेताज बादशाह

सीवान में चाहने वाले इसे ‘सीवान का साहेब’ कहते हैं और जुल्म के शिकार लोग इसे अपराध जगत का बेताज बादशाह. सीवान में शहाबुद्दीन के दो रूप हैं . एक वो जिसमें इसे लोग पसंद करते हैं . जिसके कारण करीब बीस साल तक सीवान की राजनीति पर इसने एक छत्र राज किया . लेकिन दूसरा वो रूप है जो किसी पेशेवर अपराधी या गुंडे का होता है .

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शहाबुद्दीन पर 63 केस दर्ज

भले ही शहाबुद्दीन लालू की पार्टी का बड़ा नेता हो लेकिन सीवान में लोग आज भी इसके नाम भर से थर्राते हैं. इसके जुल्म की कहानियां तो लोग किस्सों में सुनाया करते हैं . सिर्फ 19 साल की उम्र में ही शहाबुद्दीन ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था .पहली बार 1990 में जेल में रहते हुए ही निर्दलीय विधायकी का चुनाव जीतने वाले शहाबुद्दीन पर 63 केस दर्ज हैं .

लालू यादव का ‘दुलारा’

चार बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके शहाबुद्दीन को 8 मामलों में दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो चुकी है.लेकिन इतना होने के बाद भी शहाबुद्दीन लालू यादव के दुलारे माने जाते हैं . बुरे दिनों में भी लालू ने शहाबुद्दीन का पूरा ख्याल रखा . 2010 के चुनाव से पहले लालू खुद जाकर शहाबुद्दीन से जेल में मिले थे . सजा मिलने पर जब चुनाव लड़ने पर रोक लगी तो लालू ने पत्नी हीना को टिकट दे दिया .

हालांकि हीना लगातार दो बार चुनाव हार गई . लेकिन लालू का शहाबुद्दीन प्रेम कम नहीं हुआ . अभी मार्च महीने में लालू की पार्टी के मंत्री सीवान जेल में जाकर मिठाई खाते हुए कैमरे में कैद हुए थे .

शहाबुद्दीन को कुख्यात क्यों कहा जाता है?
साल 2001 में सासंद रहते हुए शहाबुद्दीन ने एक पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मार दिया था . बिहार में पहली बार AK-47 इसी के गैंग के पास से बरामद की गई थी . पुलिस वाले जब घर पर छापेमारी के लिए गए तो घंटों AK-47 से गोलियां चलाई गई . तब इसके घर से पाकिस्तान में बने हथियार मिले थे . रात को दिखने वाला चश्मा भी इसी के घर से बरामद हुआ था .१९९० में पहला विधान सभा चुनाव लड़ जीता,१९९५ में फिर विजय हुई.१९९६ में लोक सभा का चुनाव लालू के दल से लड़ जीता.!१९९७ में लालू के मुख्यमंत्री बन्ने पर कद बहुत बढ़ गया क्योंकि उनके अपराधो को लालू संरक्षण देते थे.उनके खिलाफ कोइ गवाही देने की हिम्मत नहीं कर सकता था.१९९९ में जेल से चुनाव लड़ा और जीत गया.२००० में सीवान में उनका एक छत्र राज्य चलता अधिकारिओ को निर्देश देते.!२००४ चुनाव के ८ महीने पहले जेल हो गयी परन्तु कुछ दिन बाद हस्पताल चले गए जहाँ उनको पूरा एक फ्लोर दे दिया खूब सुरक्षा,नेताओ का जमावड़ा वही से अधिकारिओ को आदेश दस्ते और लोगो के काम करवा लेते.!चुनाव से कुछ महीने पहले अदालत ने जेल लौटने के आदेश दिए.५०० से ज्यादा बूट लुटे दुबारा चुनाव हुवे फिर जीत गए.विरोधी जद(यू) के कई कार्यकर्ताओ की हत्या हो गयी !बाद में पुलिस ने चाप मार कर घर से सेना के  आधुनिक हथियार,सेना के नाईट विसन डिवाइस पाकिस्तान फैकटरी के निर्मित हथियार मिले !२००९ में अदालत ने चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया.!

एक संक्षिप्त सजा का इतिहास:-२००७ एक मामले में अपहरण में उम्र क़ैद और दुसरे में हत्या में २ वर्ष जेल !२००८ में विदेशी पिस्टल रखने में १० साल की सजा.२०१० में सीवान के SP पर गोली चलने पर १० वर्ष की सजा.२०१५ एसिड टब मामले में उम्र क़ैद.!अदालतों के जमानत पर ऐसे खूखार अपराधियो को जमानत कैसे दे देती लालू भी इसी तरह जमानत पर छूट कर हीरो बन गया.!अब इस मामले में नितीश,लालू में खूब घमासान चल रहा.असर में लालू मौका देकर या तो अपने लड़के को मुख्या मंत्री बनवाना चाहता और मौक़ा मिलने पर समर्थन वापस ले कर फिर चुनाव करा दे.!वैसे ऐसे अपराधियो से देश के राज्न्न्ती गंदी होती और लोकतंत्र बदनाम.बिहार का विकास ऐसे नहीं हो पायेगा.!प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण सर्वोच्च न्यायालय में शहाबुद्दीन के जमानत का  विरोध करेगे !images (1)

रमेश अग्रवाल,कानपुर

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