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भगवान् विष्णु के 10 अवतार

भारत के अतीत की उप्
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origin_dbe53b1a5d180a6de12041aae03353a9दशावतार: भगवान ‘विष्णु’ का ये अवतार शेष, इसके बाद ही होगा ‘कलयुग’ का अंत

श्रीविष्णु के अनेकों अवतार हुए हैं। भक्तों को बचाने व धर्म रक्षा हेतु उन्होंने हर काल में अवतार लिया। वे कहते हैं कि जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तो मैं धर्म स्थापना हेतु अवतार लेता हूं।

जबलपुर। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन दशावतार व्रत किया जाता है। इस बार ये 12 सितंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णुजी के दस अवतारों की पूजा की जाती है व कथा श्रवण करते हैं। विष्णुजी को कई नामों से जाना जाता है। श्रीनारायण, श्रीकृष्ण, वैकुण्ठ, लक्ष्मीकांत, देवकीनन्दन, दामोदर, ऋषिकेश, केशव, पुण्डरीकाक्ष, गोविन्द, गरुड़ध्वज, माधव, स्वभू, दैत्यारि, पीताम्बर, विश्वसेन, जनार्दन, उपेन्द्र, इन्द्राव, शौरि, श्रीपति, पुरुषोत्तम, कंसाराति, अधोक्षज, विश्वम्भर, कैटभजित, विधु, श्रीहरि और गिरधर गोपाल आदि विष्णुजी के प्रसिद्ध नाम हैं।

प्रमुख अवतार

श्रीविष्णु के अनेकों अवतार हुए हैं। भक्तों को बचाने व धर्म रक्षा हेतु उन्होंने हर काल में अवतार लिया। वे कहते हैं कि जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तो मैं धर्म स्थापना हेतु अवतार लेता हूं। इसी कारण भगवान ने हर युग में अवतार लिए और पृथ्वी की रक्षा की। सनातन धर्म में भगवान विष्णु के 24 अवतार माने गए है, जिनमें से दस प्रमुख रूप से विशेष स्थान पाते हैं, जो इस प्रकार हैं-

मत्स्य अवतार: भगवान विष्णु ने मछली का रूप धरा और पृथ्वी के जलमग्न होने पर ऋषि समेत कई जीवों की रक्षा की। उन्होंने उस ऋषि की नाव की रक्षा की थी व ब्रह्माजी ने पुन: जीवन का निर्माण किया।

कूर्म अवतार: विष्णुजी ने क्षीरसागर समुद्र मंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था।

वराह अवतार: विष्णुजी ने पृथ्वी की रक्षा की थी, उन्होंने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध किया था।

नृसिंह अवतार: नृसिंह रूप धरकर विष्णुजी ने हिरण्यकश्यप का वध कर भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

वामन अवतार: इस रूप में विष्णुजी ने ब्राह्मण का रूप धरा और राजा बलि से देवताओं की रक्षा की।

परशुराम अवतार: परशुराम अवतार लेकर विष्णुजी ने असुरों का संहार किया।

राम अवतार: त्रेता युग में इस अवतार में रावण का वध किया और असत्य पर सत्य की विजय को दर्शाया।

बलराम अवतार: श्रीमद्भागवत में वर्णन मिलता है कि बलराम, विष्णु के 19वें अवतार थे।

कृष्ण अवतार: द्वापर युग में कृष्णावतार रूप में कंस का वध करके प्रजा की रक्षा की और धर्म को अनुशासित एवं स्थापित किया।

कल्कि अवतार: माना जाता है कि कल्कि अवतार में विष्णुजी भविष्य में कलियुग के अंत में आएंगे और पापियों का अंत करके लोगों के दु:ख दूर कर

रमेश अग्रवाल,कानपुर

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