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जे एन यू फिर विवादों में-

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम देश की प्रतिष्ठ विश्वविद्यालय जे एन यू आज कल फिर सुर्खियो में है.याद होगा ९  फरवरी को इसी विश्वविद्यालय के वाम पंथी छात्रों ने संसद में हमले आरोपी अफज़ल गुरु की तीसरी फांसी की वर्षगाँठ मनाने के लिए जो पोस्टर पुरे कैम्पस पर लिख कर टाँगे थे वे किसी भी स्वाभीमान राष्ट्र के लिए शर्मनाक है.उस वक़्त पोस्टर में लिखा था “९ फरबरी २०१६ मंगलवार को सावरमती ढावे  में ब्राह्रणवादी विचार धारा के विरुद्ध, अफ्ज़ल गुरु मकबूल भट्ट की न्यायिक हत्या के विरुद्ध काशमीरी लोगो के आत्मनिर्णय के समर्थन में गायकों,लेखको,बुद्दिजीवियो संस्कृतिक कार्यकर्ताओ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम,कला फोटो प्रदर्शनी में आप सादर आमंत्रित है जिसका  नाम था “बिना डाकघर वाला देश”जिसमे भारत विरोधी पाकिस्तानी समर्थक नारे लगाए गए थे देश के टूकड़े होने तक जंग चलेगी जंग  चलेगी.और अफज़ल को शहीद बताया.ये सब काम फांसी के बाद पकिस्तान के खून्कार आतंकवादी हफीज सईद ने कही थी.ये पूरा आन्दोलन वाम पंथी छात्रों द्वारा चलाया गया था जो दर्शता  कि इनके गुरु हफीज है.  !इसके विरोध में राष्ट्रीय रक्षा अकेडमी के ५४वे बैच के अफसरों ने अपने बैच वापस कर दिए थे! इसपर सरकार ने कार्यवाही करके पुलिस ने ५ छात्रों और छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पकड़ का अदालत ने जेल भेज दिया.बाद में उन्हें जमानत मिल गयी लेकिन शर्त थी की वे विश्वविद्यालय में कोइ प्रदर्शन नहीं करेंगे.!कन्हैया कुमार कहता की ये अभिविक्ति की आज़ादी के खिलाफ है लोकतंत्र में सबको बोलने  की आजादी होती है.!इस विश्वविद्यालय की स्थापना २२/१२/१९६६ को संसद में पारित एक प्रस्ताव द्वारा हुई थी और उद्देश्य था “राष्ट्रीय एकता,सामाजिक न्याय,धर्म निरपेक्ष अन्तराष्ट्रीय समझ,सामाजिक समस्यायों का अध्यन और विभिन्न तरह से विचार विमर्श.!२०१२ में इसे देश का सर्व श्रेष्ट्र विश्वविद्यालय घोषित किया गया था जब इसे 3.9/4 ग्रेड मिले थे.इसमें से बहुत से राजनेता प्रकाश करात,सीता राम येचुरी , प्रोफ़ेसर आनंद कुमार और बहुर से सेना के अधिकारी पढ़े थे!लेकिन शुरू से ये वाम डालो के कब्जे और प्रभाव रहा इसलिए राष्ट्र विरोधी गतिविधिया होती रही.एक बार २०१० में जब नक्सलवादियो से पुलिस के २७ लोग मरे गए तब इन्होने एक समारोह में इस घटना पर खुशी जताई थे जिसपर कारगिल युद्ध में लड़ने वाले 3 अफसरों के विरोध करने पर उनके  साथ मारपीट की गयी.लेकिन यूपीए सरकार ने राष्ट्र विरोधी घटनाओं पर वाम डालो के समर्थन की वजह से कोइ कार्यवाही नहीं की.!इनको जनता घटक राजनीती का अड्डा ,देशद्रोही गतिविधिओ का केंद्र,दरार का केंद्र कहते और यहाँ के बहुत से छात्र और प्रोफेसर इस तरह की गतिविधिओ में सक्रिय भूमिका निभाते है जिनको टीवी में भी देखा गया.इस घटना में कई छात्रो के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की जिनको सशर्त जमानत मिली.१५  अक्टोबर १६ से एक स्कूल ऑफ़ बायोटेकलाजी का एक छात्र नजीब अहमद गायब हो गया जिसकी रिपोर्ट अभिभावकों की शिकायत पर वसंत कुञ्ज थाने में दर्ज की गयी गृह मंत्री ने भी पुलिस को कहा और उसका पता बताने पर पुलिस ने ५ लाख का ईनाम रक्खा है.मेस के चुनाव में एकदिन पहले इसका झगडा हुआ और इसने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के एक प्रत्याशी को चांटा मार दिया था!छात्रों और कुलपति के बीच 2 बार मीटिंग हुई जो विफल रही फिर १९/१० को छात्रों ने कुलपति और वरिष्ठ अधिकारिओ को २० घंटो तक वंधक बना लिया और करुआ चौथ होने पर भी पत्नियो से नहीं मिलने दिया गया.!गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने कहा की अधिकारिओ को वंधक बनाना गलत है और ऐसा लगता की छात्र पढने नहीं राजनीति करने जाते है!वामदल और सेकुलर नेता सम्प्रदाहिक रंग देने की कोशिश कर रहे है !रविवार /सोमबार को वाम डालो ने मुस्लिम् छात्रों  को इकट्ठा करा कर प्रदर्शन करवाया और आरोप लगाया को कुलपति छात्र का पता लगाने की कोइ कोशिश नहीं कर रहे जबकि स्पेशल पुलिस टीम बनाई गयी.!पहले भी देश द्रोही छात्रों को हॉस्टल में ही छिपा लिया गया था और हो सकता इसको भी छिपा रक्खा हो!अलीगढ विश्वविद्यालय के छात्र भी JNU के समर्थन में आये ,मार्च निकला ,बीजेपी,ABVP और JNU प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये और छात्र संघ के अध्यक्ष विद्यार्थियो के साथ जुम्मे की नवाज़ के  बाद विश्वविद्यालय की जामा मस्जिद के बहार खड़े हुए और  अध्यक्ष नदीम ने कहा की ABVP के भूसा भर देंगे.!पुलिस जांच से पता चला की देश द्रोही के आरोपी छात्र उम्र खालिद,रमा नागा,आशुतोष,अनिभार्ण भट्टाचार्य,अनंत प्रकाश जिनको इस शर्त पर जमानत मिली थी की विश्वविद्यालय में प्रदर्शन नहीं करेंगे ,येही छात्र विश्वविद्यालय का माहोल बिगाड़ रहे है.पुलिस अब रिपोर्ट तैयार कर रही.इस छात्र के नाम से मुस्लिम मौलवी और संगठन आवाज़ उठाने लगे !देश के नेता केजरीवाल वाम दल के और दुसरे ऐसे ही नेता जिन्हें कोइ काम नहीं देश में दलित मुस्लिम की राजनीती करना है जा कर माहोल गर्म कर रहे!इस विश्वविद्यालय में २९१५-१६ में यौन शोषण की ३९१ शिकायते दर्ज हुई और कई बार तलाशी में शराब की बोतले और भरी संख्या में इस्तेमाल किये कंडोम मिले.!दशहरा के दिन जब पुरे देश में पकिस्तान और आतंकवाद के पुतले फूंके जा रहे थे इस विश्वविद्यालय में छात्र संघ ने प्रधानमंत्री,बीजेपी आरएसएस नेते के पुतले फूंके लेकिन किसी मुसलमान या विरोधी दल के नेता का नहीं !ये विश्वविद्यालयदेश द्रोही ताकतों का अड्डा बनता जा रहा और सरकार को इस पर लगाम लगाना चाइये.क्योंकि सरकार जब इतना पैसा खर्च कर रही तो उसका इस तरह इस्तेमाल नहीं होना चाइये.ये चिंता का विषय है !          रमेश अग्रवाल -कानपुरgfgghghghrimages (13)jnu-protests_650x400_61476902598

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