जय श्री राम वैसे तो जन्म और मृत्यु भगवानजी के हाथ में होती है जो कब कैसे आ जाए पता नहीं चलता केवल हम बहाने बना सकते है.!क्या उन १५९ यात्रिओ को जो इंदौर पटना ट्रेन से यात्रा कर रहे थे मालूम था की ये उनकी अंतिम यात्रा होगी और वे गंतव्य स्थान को नहीं पहुँच पायेगे.बहुत लोग तो अपनी शादी या रिश्तेदारों के यहाँ जा रहे थे की अचानक इतवार 20 नवम्बर को सबेरे 3 बजे जब सब लोग सर्दी में दुबके सो रहे थे कानपुर से ८० किलोमीटर दूर पुखराया के पास ट्रेन के १४ डिब्बे धमाके के साथ ज़मीन पर गिर पड़े.धमाका इतना तेज था की कुछ डिब्बे तो एक दुसरे के ऊपर गिर गए जिसमे 2 डिब्बे बिलकुल बर्बाद हो गए जिसमे सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ.धमाके की आवाज सुन कर गाव वाले सर्दी में गावो से निकल आये और फंसे हुए यात्रिओ को निकलाने में मदद करने की .जैसे ही दुर्घटना की खबर आई उत्तर प्रदेश,मध्यं प्रदेश और केंद्रीय सरकार सक्रीय हुई और मदद की पुरी कोशिश कर दी गयी.प्रधान मंत्री ने शोक सवेदना प्रगट करते रेल मंत्री प्रभु जी से बात कर निर्देश दिए गृह मंत्री ने फ़ौरन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की टीमो को घटना स्थल पर भेजा राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जी खुद गए और राहत कार्य देखे रेल मंत्री प्रभु जी बाद में पहुंचे.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश जी ने पुरे प्रशासन को इस कार्य में लगा दिया और युद्धस्तर पर कार्य शुरू किया इसके साथ आर्मी एयर फाॅर्स ने पहुँच कर लोगो को निकल कर घायलों को पास के हस्पतालो में पहुँचाया रेल प्रशसन भी जुट गया इसके अलावा घटनास्तर में आरएसएस के लोग भी मदद में लगे बुरी तरह से फंसे लोगो को वेल्डिंग मशीन की मदद से लोगो को निकलने का कार्य हुआ घटना स्थल और कानपुर और अन्य हस्पतालो में जिस तरह घायलों को और उनके रिश्तेदारों को सब तरह की मदद की गयी पोस्ट मार्टम वही कर लाशो को उनके परिवारों को दे दी गयी लोगो को गंतव्य स्थान पहुँचाने के हर एक इंतजाम किये गए.सबसे खुशी बात थी की किसी यात्री ने सामान खोने की शिकायत नहीं के जैसा इन मामलो में अक्सर देखी जाती है.इसमें उज्जैन से करीब २५० लोग बाबा महाकालेश्वर जी के दर्शन कर के आ रहे थे.कुछ साईं बाबा के और सहालग की वजह से बहुत से शादी में जा रहे थे.झांसी से चलने के बाद एक डिब्बे न अजीब सी आवाज सुनाई दी जिसकी शिकायत यात्रिओ ने की 2 बार ट्रेन रुकी लगता ठीक से चेक नहीं किया और ट्रेन हादसा हो गया एक समाचार के अनुसार किसी अफसर ने कहा की ट्रेन को कानपुर तक ले जाओ कुछ ट्रेन की पटरी टूटी होने को कारन बता रहे ट्रेन के ड्राईवर ने बताया की OHE(ओवर हेड इलेक्ट्रिक) में धमाका हुआ और उसने आपातकालीन ब्रेक लगाया और जब उतर कर देखा तो नज़ारा देख कर दंग रहे गया की ट्रेन के बहुत से डिब्बे गिरे है.रेलमंत्री ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त पी के आचार्य को जांच की जिम्मेदारी दे दी है और उन्होंने मंगल से जांच शुरू कर दी तब ही सत्य का पता चलेगा.हमारा रेल नेट वर्क विश्व का ४ था सबसे बड़ा लेकिन सबसे व्यस्त नेटवर्क है रोज करीब 2 करोड़ लोग यात्रा करते है और दुर्घटना का इतिहास बहुत लम्बा है दुर्घटना के कई कारन है .१.दो ट्रेनों का आपस में टकराना .2.पटरी टूटी होने से उलट जाना,3.आग लगना.4.नक्सालियो द्वारा हमला!सबसे बड़ी दुर्घटना 20/8/१९९५ को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हुई थी जब एक ट्रेन ने दुसरी ट्रेन को टक्कर मार दिया जिसमे २५० लोग मारे गए थे और २५० घायल हुए थे.!रेलों की बहुत सी समस्याए है जिन्हें पिछले ७० सालो में बढाया गया.बहुत से पुल ब्रिटिश समय के है उनका नवीनीकरण,हजारो रेल फाटक बिना किसी आदमी के,रेल के ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा,रेल पटरियो के किनारे अवैध झोपडिया बनी जहाँ से ट्रेन रुकने पर यात्रिओ को लूट लिया जाता.रेल कर्मचारियो की कमी से झूझ रहा पिछली सरकारों ने रेल की संख्या बढाई लेकिन सुरक्षा की परवाह नहीं की.!दुर्घटना के वक़्त जांच कमेटी बना दी जाती परन्तु रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं.काकेडकर कमेटी ली रिपोर्ट पर कुछ नहीं हुआ. !इस सरकार के आने के बाद यात्रिओ की सुविधाओ का बहुत ख्याल होता सोशल मीडिया के जरिये उनकी समस्या हल हो जाती.रेलों की सुरक्षा और आधुनिकरण के लिए ११९१८३ करोड़ रुपये की ज़रुरत है.कभी खास त्योहारों पर लोग छतो पर बैठ या डिब्बो में ठूस ठूस कर भरे रहते और फुटपाथों पर खड़े चलते या किसी परीक्षा के ख़तम होने के बाद या राजनैतिक रैली के बाद जबरदस्ती ट्रेन में घूस कब्ज़ा कर लेते ये सब खतरनाक है जिसे बंद करना चाइये.!आज कल्र रेलवे लाइन को बढाने मीटर गेज़ बदलाने का काम चल रहा इसलिए रेल सुरक्षा पर भी ध्यान शायद कम दिया जाता..जिस वक़्त हे हादसा हुआ उसके पहले दिन रेल सुरक्षा कांफ्रेंस सूरजकुंड हरियाणा में प्रधानमंत्री ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा सम्बोधित किया था और अधिकारियो से सुरक्षित सफ़र की व्यवस्था के लिए कहा था.!इस दुर्घटना को टीवी में देखकर समाचारों में पढ़ कर रोंगटे खड़े हो जाते बहुत भयानक घटना थी.जब घटना हुई ऊपर बर्थो में सोने वाले और सामन नीचे वालो पर गिरा जिससे वे दब गए बहुत से उठ भी नहीं सके.2 साल के बच्चे के 2 टुकड़े हो गए 2 साल के बच्चे के माँ बाप का पता नहीं बोल भी नहीं सकता फोटो से शयद आ जाए जैसा बहुत से मामले में हुआ.एक लडकी जो फंसी थी अपने मोबाइल से और अप्प से मदद माँगी लेकिन नहीं बच सकी.एक लडकी जिसके शादी होनी थी घायल हो कर बेहोश हो गयी हस्पताल में उसकी 2 बहने मिली लेकिन पिता नहीं ढूढ़ते भी नहीं मिला ऐसी ही अवस्था बहुतो की है परिवार बिछुड़ गया किसी के पुरे परिवार ख़तम हो गया २०० लोग घायल हुए जिनका बहुत अच्छी तरह इलाज़ चल रहा.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद आये लोगोसे मिले अपने यहाँ से डाक्टरों और अफसरों को लोगो की देखभाल के लिए भेजा!सरकारों और रेल ने मुआवजा घोषित कर दिया लेकिन मानवता की जो मिशल इस वक़्त देखने को मिली उसका व्यान करना मुस्किल हर तरह के लोगो ने हर तरह की मदद की कानपुर में हस्पतालो में जिस तरह डाक्टरों और लोग काम कर रहे वन्दनीय है !एक परिवार ने बूढ़ी माँ की छडी से खिडकिया तोडी और सब लोग निकल आये फिर औरो को निकला गावो वालो की मदद से.कानपुर में गायत्री माँ के भक्तो ने मंत्र गायन के साथ और इंतजाम भी किये थे.घटनास्थल से कानपुर के लिए रेलवे ने बसो का इंतजाम किया लेकिन ड्राईवर ने 75 रु वसूलने शुरू किये और जिसने विरोध किया उसे उतार दिया शिकायत मिलने पर मुफ्त कर दी गयी !जिसतरह सबने मिलकर काम किया सराहनीय है लेकिन जी लोगो पर बीती या जो मर गए उनका तो कुछ नहीं किया जा सकता बस भगवान् जी प्राथना की उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करे.बहुत से लोग भाग्यवश बाख गए क्योंकि सीट बदल दी गयी थी !जाको राखे साइयां ,मार सके न कोइ !
उम्मीद है इस घटना के बाद रेल मंत्री सुरक्षा की समीक्षा करेंगे जिससे दुर्घटनाए न हो सके.अफ़सोस की इस दुःख की घड़ी में राहुल और मायावती ने गंदी राजनीती करी और प्रधानमंत्री को इसके लिए दोषी बता दिया.इसके साथ पुलों और बिना किसी के फाटकों की समस्या हल की जायेगी ट्रेन में छत पर खड़े हो कर सफ़र करने या परिक्षार्थियो दवारा अवैध कब्ज़े रोके जायें!.!रेलवे देश के आवागमन का बहुत बड़ा साधन है और इसमें सुधार और विस्तार के साथ यदि सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए तो अच्छा हो!घटना से प्रभिव्त सब लोगो ले प्रति सवेदना प्रगट करते भगवान् से प्राथना.!सबका भला हो.रमेश अग्रवाल -कानपुर
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments