Menu
blogid : 18237 postid : 1293244

नोट बंदी पर संसद ठप्प -नेताओ की बौखलाहट -मोदी विरोध पर विरोधी एक

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
  • 366 Posts
  • 488 Comments

18_11_2016-18tmc (1)download (23)download (22)Image-for-Is-the-Parliament-losing-relevanceजय श्री राम किसी भी लोकतंत्र में राजनैतिक नेता मुद्दों के आधार पर सरकार का समर्थन या विरोध करते यकीन राष्ट्रहित और जनता का हित सर्वोपरि होता था.लेकिन आज के युग में देश हित को भूल कर अपने हित की राजनीती लोग करने लगे.आज देश में मोदीजी के विरोध में राजनीती हो रही जो राष्ट्र के लिए घातक है.आज देश में कई ऐसे नेता है जिनका कोइ जनाधार नहीं लेकिन सब अपने को प्रधानमंत्री की कुर्सी का ख्वाब देख रहे.राजनीती विकास,सुरक्षा,कानून व्यवस्था और रोटी कपडा और मकान पर आधारित होनी चाइये लेकिन ये धर्म जाती के साथ बीजेपी /मोदी विरोध पर आ कर टिक गयी  चाहे सीमा रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक हो,जे एन यू  में राष्ट्र विरोधी गतिविधिया,आतंकवादियो से मुठभेड़ ,किसी मुस्लिम दलित की हत्या और अब नोट बंदी या कश्मीर में सेना पर  पत्थारबाजो  द्वारा हमला और सेना की उलट कार्यवाही !लेकिन दुसरे राज्यों की गंभीर घटनाओं या हिन्दुओ बीजेपी के लोगो पर अत्याचार या बांग्लादेश में हिन्दुओ की हत्यायो पर चुप रहते इसीलिये मुस्लिम बहुत आक्रामक  हो गए क्योंकि वे जानते की उन्हें वोटो के लिए सब राजनैतिक दल समर्थन करेंगे.!इसके लिए तरह तरह के गठबंधनो का सहारा लिया जाता जो अनैतिक और सिद्धान्तहीन है ये बीजेपी को रोकने के नाम पर लिए जाते है जैसे बिहार में हुआ जहां घोर  विरोधी नितीश लालू और कांग्रेस एक मंच पर आ गए वहां मुसलमानों को बीजेपी का और मोदीजी का डर दिखा कर और दलितों पिछडो को आरक्षण हटने का डर दिखा कर वोट मांगे गए जीत भी हुई लेकिन नितीश को कांटो  भरी कुर्सी मिली और लालू को बेटो को उपमुख्यमंत्री और मंत्री बनाने का मौका.लालू चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन देश का दुर्भाग्य की वह राजनीती में सक्रिय भूमिका निभा रहे.वे चारा घोटाले में जेल से जमानत पर है और उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली इसलिए वे नितीश को भी हडकाए रहते है.!देश की सबसे बड़ी समस्याए परिवारवाद,भ्रष्टाचार काला धन  देश और विदेशो में और आरक्षण,हिन्दू मुस्लिमो के  बीच बढ़ता  तनाव,आतंकवाद,पकिस्तान की भारत विरोधी नीती !सबको मालूम है की देश में बहुत लोग काले धन के बल पर देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे इनमे वे लोग जो अपनी आय घोषित नहीं करते रिश्वत की रकम,प्रोफ़ेसरनल लोग जैसे डाक्टर इंजिनियर कोचिंग केंद्र,व्यापारी रियल एस्टेट द्वारा जो धन इकठ्ठा होता जिसपर कोइ टैक्स नहीं जमा होता और जो आयकर फार्म में नहीं घोषित किया जाता इसे ही काला धन कहते इसको आतंकवादियो द्वारा इस्तेमाल किया जाता ये हवाला द्वारा भेजा जाता इससे कश्मीर में बहुत से मदरसे और और मस्जिदे बनवाई गयी जिसमे देश विरोधी हरकते सिखाई जाती.पकिस्तान जाली नोट बनवा कर देश में विनाशकारी हरकतों के लिए भेजता है !उसको  ख़तम करने के लिए सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री ने 8 नवम्बर को घोषित किया की रात १२ से ५०० और १००० रु के नोटों को हटाया जा रहा और जनता के लिए  बैंक पोस्ट ऑफिस एटीएम से पुराने नोटों को बदलने खाते में जमा करने की सहुलिअते घोषित की.चूंकि इतना बड़ा कार्य के लिए गोपीनयता बहुत ज़रूरी है इसके लिए जनता को कुछ दिनों कष्ट उठाने पड़ेगे !ज्यादातर जनता इस फैसले से देश हित में खुश है और प्रधानमंत्री के इस कदम की सरहाना कर रहे देश के विरोधी नेता  जिनका आपस में विरोध है इस मामले में सरकार के कदम के खिलाफ एकजुट हो कर खड़े हो गए और संसद सत्र को पिछले 7 दिन से वाधित किये हुए है सबको मालूम है की ये वही नेता है जिन्होंने बहुत सा धन चुनावो के लिए इकट्ठा कर लिया और जब अब ये बेकार हो गया ये लोग विरोध कर रहे की ये जनता को मुसीबत देने वाला है !ये कह रहे की प्रधानमंत्री पुरे समय सदम ने बैठे और कार्यवाही सुने और जवाब दे जो संभव नहीं.प्रधानमंत्री राज्यसभा में आये लेकिन सभा चली नहीं,सरकार किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार थी लेकिन विपक्ष ऐसी हरकते कर रहा था की दोनों सदनों का चलना मुस्किल हो गया दरहसल चूंकि सर्वे के अनुसार ८५%जनता इस फैसले ले पक्ष में थे इसलिए विरोधियो को मालूम था की उनका केस कमजोर है लेकिन फिर भी जनता की कठनाई के नाम पर सांसद और बाहर चिल्लाते रहे.सरकार ने समीक्षा कर बहुत सी सहलाते दे दी लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं !सदन के अन्दर कांग्रेस के नेता जिस तरह व्यान्बाज़ी कर रहे थे साफ़ था उनको जनता की नहीं अपनी फिकर ज्यादा है.राहुल गाँधी केजरीवाल कहते की मोदीजी ने अपने लोगो को बता दिया जिससे वे अपना कालाधन पहले ही निकाल चुके इसके लिए वे कही उदहारण देते राहुल तो एक दिन लाइन में जाकर ४००० के नोट बदला लाये  वोह भी 4 करोड़  की कार में बैठ कर यदि इनके पास सबूत है तो अदालत में केस कर दे.!केजरीवाल राहुल तो हमेश ही झूठे आरोप लगते और इसीलिये केजरीवाल के खिलाफ १२ मुक़दमे विभिन्न अदालतों में चल रहे है!विश्व के ज्यादातर अखबारों और नेताओ ने मोदीजी के इस प्रयत्न की सरहाना की है !ऐसे ही कदमो से देश बनता है सिंगापुर इसकी मिशल है !इस में ममता ने सबसे पहले विरोध किया और केजरीवाल के साथ इसे 3 दिन में वापस लेने का फरमान जारी कर दिया नहीं तो पुरे देश में आन्दोलन की धमकी दी.अपने प्रदेश में विरोध जता अब दिल्ली आई कुछ नेताओ के साथ राष्ट्रपति जी से मिली और विरोध जताया.दिल्ली में सभा केजरीवाल के साथ की मोदीजी को कोसते रहे !मोदीजी ने कह दिया नोटबंदी का फैसला वापस नहीं होगा ममता इससे आर्थिक और सैवाध्निक संकट खड़ा हो गया है !इन नेताओ ने आरोप लगाया की ये काम मोदीजी ने अपने पूंजीपति  दोस्तों को लाभ पहुचने के लिए किया गया है !ममता की बौखलाहट इसलिए थी  की उसके प्रदेश में करीब ७० %वोटर्स अवैध रूप से रहने वाले बंगलादेशी और म्यन्मार के मुस्लिम है जिनके राशनकार्ड इसने गलत तरीको से बनवा दिए ! जाली नोट का सबसे बड़ा अड्डा और कई चित फंड घोटालो में नेताओं ने खूब धन कमाया जो काले धन के रूप में है और बेकार हो गया इसीलिए इस प्रदेश में २१००० करोड़ रुपया जनधन खाते में जमा हुआ.इसी तरह मायावती,मुलायम,कांग्रेस के पास घुटाले का धन जो अब बेकार हो गया.ये सब धन आने वाले उत्तर प्रदेश और पंजाब में खर्च होने वाला था.नेताओ की भाषा इतनी गंदी और अलोकतांत्रिक थी की शर्म आती है.मुलायम कहता की मोदी बहुत घमंडी है मायावाती  राज्यसभा में प्रधानमंत्री को आ कर बैठने की बात कहती और सबसे अभद्र भाषा गुलाम नवी आजाद की थी जो प्रधानमंत्री को तानाशाह और आपातकाल की बात करता रहा या वही आजाद है जो कश्मीर से पंडितो के भगाए जाने पर चुप थे मायावती कहती संसद भंग कर फिर से चुनाव करवा ले पता चल जाएगा की जनता सुखी  या दुखी. और मोदीजी द्वारा किये सर्व पूर्वनियोजित और फर्जी है !.सविधान सभा के वार्षिक दिवस  दिल्ली में मोदीजी ने कहा की विरोधी इसलिए हल्ला मचा रहे क्योंकि उन्हें समय नहीं दिया गया अपने काले धन को ठिकाने  लगाने के लिए ! इसपर अब दोनों सदनों में उनसे माफी मागने की मांग हो रही जबकि उन्हें ससद रोकने के लिए देश से माफी मांगनी चाइये.समाजवादी के एक सदस्य अक्षत यादव ने कागज़ स्पीकर  के ऊपर फेंके जिसपर उन्हें चेतावनी मिली .ममता और केजरीवाल इसी मुद्दों को लेकर पुरे देश में जगह जगह जनसभाए करेंगे.!आप के कई नेताओं पर टिकट बेचने का आरोप लगा और इस काले धन को पंजाब चुनाव में खर्च करने का प्लान बेकार हो गया इसलिए बौखलाहत में है.इस नोट बंदी से बहुत सा काला धन आ गया जिससे देश को बहुत फायेदा होगा.सबसे ज्यादा हंसी तब आई जब हमेश चुप रहने वाले और जिनके समय सबसे ज्यादा घोटाले हुए वे डॉ मनमोहन सिंह भी बोले और उन्होंने इसे जल्दी और बिना प्लानिंग के लिए फैसला बताया.दिल्ली में ममता केजरीवाल ने लोगो साथ और कांग्रेस ने देश में जगह जगह रिज़र्व बैंक के सामने धरना दिया.गुलाम नवी आज़ाद शहीदों की तरह ही नोट बंदी के कारन हुई मौतों पर भी राज्य  सभा में श्रधान्जली देने की मांग उठाते रहे जबकि केरल कर्नाटक में बीजेपी या अन्य घटनाओं में मरने वालो पर चुप.देश के 3 सेना के जवान शहीद हुए उनके प्रति कृतज्ञता के लिए सांसदों नेताओ ने न सोचा न कोइ गया.28 नवम्बर को भारत बंद का आवाहन किया ये खिसियाही बिल्ली की तरह है !समाजवादी दल के सांसद नरेश अगरवाल ने कहा की हमें 2००० रु रोज मिलते तो इसपर ज्यादा काम नहीं हो सकते  हालाँकि उनका ये व्यान कार्यवाही से हटा दिया गया.सबसे  बड़ा आच्च्र्य है की बिहार के मुख्यमंत्री नितीश ने इस फैसले की सरहाना की वही शिव सेना इसके खिलाफ बोलती रही ऐसा लगता उद्धव ठाकरे कुर्सी के पीछे किसी हद्द तक जा सकते है.!केजरीवाल ने तो दिल्ली विधानसभा का खास सत्र बुलाकर नोटबंदी का विरोध करते प्रधानमंत्री पर भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया.ये वही केजरीवाल है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन्र करते थे ल्रेकिन अब विरोध में खड़े हो गया.कांग्रेस विरोध प्रदर्शन जगह जगह कर रही.200  सांसदों ने जो विभिन्न विरोधी दलों के थे सांसद के बाहर  गांधीजी की मूर्ति के सामने खड़े हो हर विरोध प्रदर्शन किया.राहुल केजरीवाल इसे नोट बंदी की जगह नोट बदली का प्लान कहते .कुछ सरकार विरोधी पत्रकारों ने बैंक में खड़े लोगो से  जबरदस्ती कहलवाने की कोशिश की उन्हें तकलीफ है !मालूम होना चाइये की लन्दन की संसद एक दिन के लिए भी अवरोधित नहीं हुई.!दुसरे विश्व युद्ध में एक बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने रेडियो से अपील की थी की देश में अन्डो की कमी है इसलिए सेना के लिए लोग अंडे न खाए दुसरे  दिन दुकानों के सामने लम्बी कतारे लगी  अंडे खरीदने के लिए नहीं बल्कि अंडे लौटने के लिए.इस वक़्त भी लोगो ने कठनाई के वावजूद फैसले का स्वागत किया और  देश हित में कष्ट सहने में खुशी भी ज़ाहिर की.और बहुतो ने अपना छोटे नोट बैंक में वापस कर दिए.जो बहुत ही अच्छा सन्देश है बेईमानो के लिए., उम्मीद है सांसद संसद चलने देगे जिससे सार्थक वहस हो सके.!प्राथना करे भगवान् उन्हें सद्बुद्धि दे.

रमेश अग्रवाल -कानपुर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh