क्या सर्वोच्च न्यायालय हिन्दू विरोधी और मुस्लिम समर्थक है ?
भारत के अतीत की उप्
366 Posts
488 Comments
जय श्री राम*अभिनेता अनुपम खेर के तीखे सवाल सुनकर सुप्रीम कोर्ट के जजों का माथा ठनका* ——— . 11 मई से तीन तलाक के मुद्दे की सुनवाई के लिए 5 जज़ों की टीम बैठ चुकी है। सुनवाई के पहले ही दिन कोर्ट नें कहा था कि अगर तीन तलाक का मामला इस्लाम धर्म का हुआ तो उसमें हम दखल नही देंगे। इसपर बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर नें तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, ठीक है माई लॉर्ड, अगर आप धर्म के मामले में दखल नही देना चाहते तो जलीकट्टू, दही हांड़ी, गो हत्या, राम मंदिर जैसे कई हिंदुओ के मामले हैं जिसमें आप बेझिझक दखल देते हैं। क्या हिंदू धर्म आपको धर्म नही लगता? या फिर आप मुसलमानों की धमकियों से डरते हैं? अगर आप कुरान में लिखे होनें से तीन तलाक को मानते हैं तो पुराण में लिखे राम के अयोध्या में पैदा होनें को क्यों नही मानते? हमें भी बताइए, यह सिर्फ मैं नही पूरा देश जानना चाहता है।
गाय का मांस खाना या ना खाना उनकी मर्जी पर छोङ देना चाहिये लेकिन सुअर का मांस वो नही खायेगें क्योंकि ये उनके धर्म के खिलाफ है।
#शनि शिंगनापुर मंदिर में महिलाओं काे प्रवेश ना देना महिलाओं पर अत्याचार है जबकि हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश देना या ना देना उनके धर्म का आंतरिक मामला है।
#पर्दा प्रथा एक सामाजिक बुराई है लेकिन बुर्का उनके धर्म का हिस्सा है।
#जल्लीकट्टू में जानवरों पर अत्याचार होता है लेकिन बकरीद की कुर्बानी इस्लाम की शान है।
#दही हांडी एक खतरनाक खेल है जबकि इमाम हुसैन की याद में तलवारबाजी उनके धर्म का मामला है। #शिवजी पर दूध चढाना दूध की बर्बादी है लेकिन मजारों पर चादर चढाने से मन्नतें पूरी होती है।
#हम दो हमारे दो हमारा परिवार नियोजन है लेकिन उनका कीङे-मकौङों की तरह बच्चे पैदा करना अल्लाह की नियामत है।
#भारत तेरे टुकङे होगें,ये कहना अभिव्यक्ति की आजादी है और इस बात से देश को कोई खतरा नही है और वंदे मातरम कहने से इस्लाम खतरे में आ जाता है।
#सैनिकों पर पत्थर फैंकने वाले भटके हुऐ नौजवान है और अपने बचाव में एक्शन लेने वाले सैनिक मानवाधिकारों के दुश्मन हैं।
#एक दरगाह पर विस्फोट से हिन्दु आंतकवाद शब्द गढ दिया गया और जो रोजाना जगह जगह बम फोङतें है उन आंतकवादियों का कोई धर्म ही नही है। . क्या हाल कर दिया है दलाल मीडिया और सेकुलर जजों ने हमारे देश का. संकलकर्ता :- रमेश अग्रवाल कानपूर
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments